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वाहनों की रफ्तार रोकेगा इंटरसेप्टर, तेज गाड़ियां चलाने वालों पर कार्रवाई - इंटरसेप्टर वाहन से सड़क दुर्घटनाओं पर रोकथाम

ओवर स्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रुद्रप्रयाग के लिए आवंटित इंटरसेप्टर वाहन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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रुद्रप्रयाग
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Published : Jul 27, 2020, 8:02 PM IST

रुद्रप्रयाग: राज्य सरकार प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए काम कर रहा है. जिसको लेकर पुलिस भी अब धीरे-धीरे हाईटेक हो रही है. पुलिस को इंटरसेप्टर वाहन मिले हैं, जिनकी मदद से अब वह ओवर स्पीड से वाहन चलाने वाले चालकों पर नजर रखा जाएगा. पर्वतीय जनपदों में होने वाली दुर्घटनाओं का एक मुख्य कारण निर्धारित गति सीमा से गाड़ी चलाना है.

ओवर स्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए जनपद के लिए आवंटित इंटरसेप्टर वाहन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. आधुनिक तकनीकों से लैस इस वाहन में कई खूबियां मौजूद हैं. आधुनिक लेजर तकनीक पर आधारित कैमरा, लेजर स्पीड रडार गन, नंबर प्लेट पहचानने की क्षमता, सिस्टम, रूफ टॉप कैमरा, डैश बोर्ड कैमरा, रियर व्यू कैमरा, मैसेज एलईडी डिस्पले और प्रिंटर वाहन में लगे हुए हैं.

तेज गाड़ियां चलाने वालों पर कार्रवाई.

यह इन्टरसेप्टर तीन प्रकार के चालान करने में सक्षम है. वाहन द्वारा अपनी दिशा को परिवर्तित करने, निर्धारित गति सीमा से अधिक की स्पीड और नशे की हालत में वाहन का संचालन करने की स्थिति में यह वाहन पूरी जानकारी देगा. लेजर स्पीड सड़क से गुजरने वाले हाई स्पीड वाहनों को कैमरे के माध्यम से परख लेगा और दूर तक का फोटो भी क्लिक करके सेव कर लेगा. स्पीडोमीटर सामने से आने जाने वाले वाहन की तीव्र गति को चेक करेगा. जिससे वाहन का फोटो, रजिस्टेशन नंबर और वाहन का प्रकार सभी की एक साथ फोटो खींच लेगा. वहीं, घटित घटनाक्रम की तिथि और समय भी नोट कर लेगा.

पढ़ें: खटीमा: स्मैक के साथ पुलिस के हत्थे चढ़ा नशा तस्कर, भेजा गया जेल

रूफ टाॅप कैमरा वाहन के छत पर लगा घुमावदार कैमरा है. जो प्रत्येक साइड की सड़क पर नजर बनाए रखेगा. साथ ही सड़क पर होने वाली गतिविधियों को इन्टरसेप्टर वाहन में लगे माॅनिटर में प्रदर्शित करेगा. पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने कहा कि इस वाहन के मिलने से काफी मदद मिलेगी. ट्रैफिक संचालन में होने वाली दिक्कतें और दुर्घटनाएं कम होंगी.

रुद्रप्रयाग: राज्य सरकार प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए काम कर रहा है. जिसको लेकर पुलिस भी अब धीरे-धीरे हाईटेक हो रही है. पुलिस को इंटरसेप्टर वाहन मिले हैं, जिनकी मदद से अब वह ओवर स्पीड से वाहन चलाने वाले चालकों पर नजर रखा जाएगा. पर्वतीय जनपदों में होने वाली दुर्घटनाओं का एक मुख्य कारण निर्धारित गति सीमा से गाड़ी चलाना है.

ओवर स्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए जनपद के लिए आवंटित इंटरसेप्टर वाहन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. आधुनिक तकनीकों से लैस इस वाहन में कई खूबियां मौजूद हैं. आधुनिक लेजर तकनीक पर आधारित कैमरा, लेजर स्पीड रडार गन, नंबर प्लेट पहचानने की क्षमता, सिस्टम, रूफ टॉप कैमरा, डैश बोर्ड कैमरा, रियर व्यू कैमरा, मैसेज एलईडी डिस्पले और प्रिंटर वाहन में लगे हुए हैं.

तेज गाड़ियां चलाने वालों पर कार्रवाई.

यह इन्टरसेप्टर तीन प्रकार के चालान करने में सक्षम है. वाहन द्वारा अपनी दिशा को परिवर्तित करने, निर्धारित गति सीमा से अधिक की स्पीड और नशे की हालत में वाहन का संचालन करने की स्थिति में यह वाहन पूरी जानकारी देगा. लेजर स्पीड सड़क से गुजरने वाले हाई स्पीड वाहनों को कैमरे के माध्यम से परख लेगा और दूर तक का फोटो भी क्लिक करके सेव कर लेगा. स्पीडोमीटर सामने से आने जाने वाले वाहन की तीव्र गति को चेक करेगा. जिससे वाहन का फोटो, रजिस्टेशन नंबर और वाहन का प्रकार सभी की एक साथ फोटो खींच लेगा. वहीं, घटित घटनाक्रम की तिथि और समय भी नोट कर लेगा.

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रूफ टाॅप कैमरा वाहन के छत पर लगा घुमावदार कैमरा है. जो प्रत्येक साइड की सड़क पर नजर बनाए रखेगा. साथ ही सड़क पर होने वाली गतिविधियों को इन्टरसेप्टर वाहन में लगे माॅनिटर में प्रदर्शित करेगा. पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने कहा कि इस वाहन के मिलने से काफी मदद मिलेगी. ट्रैफिक संचालन में होने वाली दिक्कतें और दुर्घटनाएं कम होंगी.

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