रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में कोरोना का कहर अभी भी जारी हैं. तो वहीं, अस्पताल द्वारा कोरोना से मरने वालों का डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है. वहीं, पुनाड़ गांव में एक ही परिवार के दो लोगों की कोरोना से मौत होने के एक महीने बीते जाने के बाद भी पीड़ित परिवार को एक मृतक सदस्य का डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है. जिससे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ देखी जा सकती है.
बता दें कि, बीते महीने रुद्रप्रयाग के पुनाड़ गांव निवासी जय प्रकाश सेमवाल की कोरोना से मौत हो गई थी. जिसको इलाज पहले रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल में चल रहा था. डॉक्टरों ने उसे बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर कर दिया था. इस दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई थी. उसको सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी, लेकिन जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग और बेस अस्पताल में उसका आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं किया गया.
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जिला अस्पताल ने महज एंटीजन टेस्ट लेकर बेस अस्पताल श्रीनगर रेफर कर दिया. घटना के एक दिन बाद जयप्रकाश सेमवाल के बड़े भाई सच्चिदानंद सेमवाल का श्रीनगर बेस अस्पताल में कोरोना के चलते निधन हो गया.
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मृतक के छोटे भाई विनोद सेमवाल ने बताया कि कोरोना के चलते उनके भाई को अस्पताल में उपचार के लिए लाने के बाद आरटीपीसीर टेस्ट नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि श्रीनगर में कोविड प्रोटोकॉल में अंतिम संस्कार करने के बाद भी उन्हें बेस अस्पताल श्रीनगर और जिला चिकित्सालय द्वारा डेथ सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है. जबकि दूसरे भाई का श्रीनगर बेस अस्पताल से कोविड से डेथ सर्टिफिकेट जारी हो गया है.
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सीएमएस डॉ. मनोज बड़ोनी ने बताया कि मरीज कोरोना सस्पेक्टेड था और रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. इस मामले में बेस अस्पताल में भी वार्ता की गई.