रुद्रप्रयाग/बागेश्वर: हरियाणा की तर्ज पर ग्रेड वेतनमान समेत दो सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार नौंवे दिन भी जारी रहा. कर्मियों ने सीएमओ कार्यालय से विकास भवन तक रैली निकाली. यूकेडी ने भी इन कर्मचारियों की मांगों को समर्थन किया है. वहीं, बागेश्वर में भी कर्मचारी हड़ताल पर रहे.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारियों को समर्थन देने उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी और उपाध्यक्ष भगत चौहान पहुंचे. उन्होंने कहा यूकेडी कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. सरकार को उनकी मांगों का जल्द निस्तारण करना चाहिए. यूकेडी ने अपने मेनिफेस्टो में आउटसोर्सिंग एजेंसी खत्म करने और कर्मियों को विभागीय नियुक्ति देने का मसला रखा है.
मोहित डिमरी ने कहा कि आज आउटसोर्स एजेंसी कर्मचारियों का शोषण कर रही है. समय पर उन्हें मानदेय नहीं मिल रहा है. जो मानदेय मिल भी रहा है, वह ऊंट के मुंह मे जीरा के समान है. उत्तराखंड क्रांति दल हमेशा एनएचएम कर्मियों की लड़ाई में साथ है. एनएचएम संगठन के जिलाध्यक्ष विपिन सेमवाल ने कहा हरियाणा की तर्ज पर ग्रेड वेतनमान और पर्वतीय राज्य असम की भांति 60 वर्ष की सेवा का लाभ देने तथा आउटसोर्स के माध्यम से की जा रही नियुक्तियों पर रोक लगाई जाए.
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वहीं, एनएचएम कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार करने से इमरजेंसी सेवा बाधित है. जिसकी वजह से आम जनता को तकलीफ हो रही है. ऐसे में जिले में बाल स्वास्थ्य टीकाकरण, जननी सुरक्षा कार्यक्रम, कोविड टीकाकरण, कोविड सैंपलिग, किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम सहित सभी हेल्थ वैलनेस सेंटरों सहित इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हो गई हैं. जिले में दो सौ के करीब एनएचएम कर्मचारी हैं, जो स्वास्थ्य महकमे में विभिन्न सेवाओं में लगे हुए हैं. वहीं, मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सिंह पटवाल, चिकित्सा महासंघ के अध्यक्ष आशुतोष बेंजवाल, डिप्लोमा फार्मेसी एसोसिएशन के अध्यक्ष शशि भूषण गौड़ ने एनएचएम कर्मियों की मांगों को समर्थन दिया.
उधर, बागेश्वर में भी एनएचएम कर्मचारियों ने उनकी दो सूत्रीय मांगे पूरी नहीं होने पर कड़ी आपत्ति जताई है. नाराज कर्मचारियों ने कोरोना काल में बेहतर सेवा के लिए मिले प्रशस्ति पत्र लौटा दिए. नाराज कर्मचारियों ने अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एनएस टोलिया को कोरोना वारियर्स सम्मान पत्र लौटा दिया. साथ ही चेतावनी दी कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा. उन्होंने सरकार व विभाग पर उपेक्षा का आरोप लगाया.