रुद्रप्रयागः लोक निर्माण विभाग के बांसबाड़ा-भणज-मोहनखाल मोटरमार्ग पर पांच माह पूर्व एक करोड़ नौ लाख रुपये की लागत से बिछाया गया डामर उखड़ने लगा है. विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है. स्थानीय जनता ने आरोप लगाया कि अक्टूबर माह में मोटरमार्ग पर हुए डामरीकरण में बड़ी धनराशि खर्च तो की गई मगर डामरीकरण की गुणवत्ता को दरकिनार किए जाने से मोटरमार्ग का डामरीकरण उखड़ने से मार्ग कई स्थानों पर जानलेवा बना हुआ है.
बांसबाड़ा-भणज-मोहनखाल मोटर मार्ग पर लोक निर्माण विभाग ने अक्टूबर महीने में लगभग एक करोड़ नौ लाख रुपये की लागत से डामरीकरण का कार्य शुरू किया जाना था. मगर डामरीकरण का कार्य शुरू होने से पूर्व ही गोरता में हाट मिक्सिंग प्लांट लगाने के लिए किणझाणी के ग्रामीणों का विरोध शुरू हो गया. काफी समय व्यतीत होने के बाद ग्रामीणों व विभाग के मध्य आपसी सहमति होने के बाद डामरीकरण का कार्य शुरू तो हुआ, मगर मोटरमार्ग पर हुए डामरीकरण की गुणवत्ता को दरकिनार किये जाने से डामरीकरण अधिकांश स्थानों पर उखड़ने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है.
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जिला पंचायत सदस्य सुमन नेगी का कहना है कि मोटर मार्ग पर इतनी बड़ी धनराशि खर्च होने के बाद भी मार्ग पर बरसात से क्षतिग्रस्त पुश्तों का निर्माण न होने से मोटर कई स्थानों पर जानलेवा बना हुआ है. पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेश्वरी नेगी ने कहा कि मोटरमार्ग के डामरीकरण पर इतनी बड़ी धनराशि खर्च होने के बाद भी मार्ग कई स्थानों पर जानलेवा होने से स्पष्ट हो गया है कि मार्ग पर हुए डामरीकरण में घोर लापरवाही बरती गयी है.
पूर्व जिला पंचायत सदस्य अमरीष लाल का कहना है कि मार्ग पर हुए डामरीकरण के पांच महीने में ही उखड़ने से साफ जाहिर हो गया है कि डामरीकरण के लिए स्वीकृत धनराशि की बंदर बांट हुई है. पूर्व प्रधान महेन्द्र रावत और महावीर नेगी ने कहा कि मोटरमार्ग पर डामरीकरण अधिकांश हिस्सों में उखड़ने से मार्ग जानलेवा बना हुआ है. वहीं मामले में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि उप जिलाधिकारी को जांच के लिए भेजा जायेगा. अगर गुणवत्ता में कमी पाई जाती है तो दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी.