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उत्तराखंड में चारधाम यात्रियों की संख्या 11 लाख पार, अब तक 91 श्रद्धालुओं ने गंवाई जान - हेमकुंड साहिब में मत्था

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. अभी तक श्रद्धालुओं का आंकड़ा 11 लाख 15 हजार पार कर गया है. जबकि, 10,335 श्रद्धालु गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में मत्था टेक चुके हैं. वहीं, चारधाम यात्रा में अभी तक 91 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.

chardham yatra 2022
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा
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Published : May 27, 2022, 9:23 PM IST

Updated : May 27, 2022, 9:36 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) में श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है. बीती 3 मई से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. अभी तक 11 लाख 15 हजार से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. सबसे ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ में पहुंचे हैं, जहां 3 लाख 67 हजार (3,67,274) तीर्थयात्री बाबा केदार का आशीर्वाद ले चुके हैं.

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra in Uttarakhand) चरम पर है. यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि चारों धामों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है. खासकर केदारनाथ धाम में तो भीड़ इस कदर है कि दर्शनों के लिए लंबी लाइन लग रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो अभी तक 11,15,889 श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं.

केदारनाथ और बदरीनाथ में यात्रियों की संख्याः केदारनाथ में 6 मई से अभी तक 3,67,274 तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं. आज शाम चार बजे तक 14,738 बाबा केदार का आशीर्वाद ले चुके हैं. उधर, बदरीनाथ धाम में 8 मई से अभी तक 3,63,788 यात्री बदरी विशाल के आशीर्वाद ले चुके हैं. आज की बात करें शाम 4 बजे तक 22,179 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे. ऐसे में बदरीनाथ और केदारनाथ पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 7,31,062 पहुंच गई है.

गंगोत्री और यमुनोत्री में यात्रियों की संख्याः गंगोत्री धाम में 3 मई से आज तक 2,20,849 और यमुनोत्री धाम में 1,63,978 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. आज यानी 27 मई की बात करें तो गंगोत्री में 8,960 और यमुनोत्री में 8,277 तीर्थ यात्रियों ने मत्था टेका. ऐसे में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 3,84,827 पहुंच गई है.

हेमकुंड साहिब में यात्रियों की संख्या: बता दें कि बीती 22 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुले थे. अभी तक 10,335 श्रद्धालु गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में मत्था टेक चुके हैं. वहीं, इस बार एक दिन में 5000 श्रद्धालुओं को ही हेमकुंड साहिब में मत्था टेकने की अनुमति दी जा रही है.

ये भी पढ़ेंः आस्था! बर्फ से ढके रास्तों से हेमकुंड साहिब पहुंच रहे श्रद्धालु, देखें वीडियो

चारधाम में मौत का आंकड़ाः बता दें कि चारधाम यात्रा में अभी तक 91 श्रद्धालुओं की मौत (Pilgrims death in Chardham) हो चुकी है. यमुनोत्री धाम में 24 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. गंगोत्री धाम में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में 44 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. उधर, बदरीनाथ धाम में भी 17 यात्रियों ने जान गंवाई है.

केदारनाथ में सबसे ज्यादा मौतेंः केदारनाथ धाम की यात्रा में अभी तक 44 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है. आज की बात करें तो दो तीर्थयात्रियों ने दम तोड़ा है. जिनमें पटेल धानिश भाई (उम्र 32 वर्ष), निवासी गुजरात और भानू शंकर प्रसाद (उम्र 71 वर्ष), निवासी पटना बिहार शामिल है. जिनकी अचानक तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद इन्हें स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया.

स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मौत का कारण संभवतया हार्ट अटैक माना जा रहा है. केदारनाथ में सबसे ज्यादा हाट अटैक से तीर्थयात्रियों की मौत हुई है.

रुद्रप्रयाग मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिन्देश शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार को 1,675 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार कराया गया. जिसमें 1,208 पुरुष और 467 महिलाएं शामिल हैं. अब तक ओपीडी के माध्यम से 40,351 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया गया. जबकि, 91 यात्रियों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराया गया. अभी तक 935 यात्रियों को ऑक्सीजन दिया जा चुका है.

यात्रा के दौरान तीर्थयात्री बरतें सावधानीः केदारनाथ धाम की यात्रा काफी कठिन है. यहां खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है. पहाड़ों में यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है. हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है, ऐसे में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं घट जाती है. तीर्थयात्रियों को पैदल यात्रा शुरू करने से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा लेने की हिदायत दी जा रही है. यात्रियों से हृदय रोगों के मरीजों को जोखिम न लेने की अपील की जा रही है. साथ ही उन्हें रुक रुककर सफर करने को कहा जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः पेट के बल लेटकर बदरीनाथ की यात्रा, श्रद्धालुओं का दंडवत VIDEO

तीर्थ यात्रियों को अपनी दवाईयों के साथ धाम पहुंचना चाहिए. इसके अलावा जो तीर्थयात्री केदारनाथ पर आते हैं, वे आस्था पर आने से खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें होती हैं. तीर्थ यात्रियों को ऐसा नहीं करना है. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने से पहले अपने साथ दवाईयां, गर्म कपड़ों के साथ ही पूरी व्यवस्था के साथ आना चाहिए.

चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरीः चारधाम यात्रा में बढ़ते श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए अब बिना रजिस्ट्रेशन (chardham registration 2022) के यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को रोकने का आदेश जारी किया गया है. जिसके तहत अब यात्रा मार्गों पर बने चेक पोस्टों पर पुलिस यात्रियों का रजिस्ट्रेशन चेक कर रही है. वहीं, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनको वापस भेजा जा रहा है. इस बेवसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.

केदारनाथ यात्रा में तीर्थयात्री गर्म कपड़े लेकर नहीं आ रहे हैं, ऐसे में उन्हें गर्म कपड़े सस्ते दामों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. साथ ही उन्हें सलाह दी जा रही है कि वे पूरी तैयारी के साथ केदारनाथ यात्रा पर आएं. यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों को धैर्य रखने की जरूरत है. केदारनाथ यात्रा अक्टूबर-नवंबर तक चलनी है. ऐसे में श्रद्धालुओं को संयम के साथ यात्रा करनी चाहिए. -मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग.

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देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) में श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है. बीती 3 मई से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी. अभी तक 11 लाख 15 हजार से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं. सबसे ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ में पहुंचे हैं, जहां 3 लाख 67 हजार (3,67,274) तीर्थयात्री बाबा केदार का आशीर्वाद ले चुके हैं.

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra in Uttarakhand) चरम पर है. यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि चारों धामों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है. खासकर केदारनाथ धाम में तो भीड़ इस कदर है कि दर्शनों के लिए लंबी लाइन लग रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो अभी तक 11,15,889 श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं.

केदारनाथ और बदरीनाथ में यात्रियों की संख्याः केदारनाथ में 6 मई से अभी तक 3,67,274 तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं. आज शाम चार बजे तक 14,738 बाबा केदार का आशीर्वाद ले चुके हैं. उधर, बदरीनाथ धाम में 8 मई से अभी तक 3,63,788 यात्री बदरी विशाल के आशीर्वाद ले चुके हैं. आज की बात करें शाम 4 बजे तक 22,179 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे. ऐसे में बदरीनाथ और केदारनाथ पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 7,31,062 पहुंच गई है.

गंगोत्री और यमुनोत्री में यात्रियों की संख्याः गंगोत्री धाम में 3 मई से आज तक 2,20,849 और यमुनोत्री धाम में 1,63,978 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. आज यानी 27 मई की बात करें तो गंगोत्री में 8,960 और यमुनोत्री में 8,277 तीर्थ यात्रियों ने मत्था टेका. ऐसे में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 3,84,827 पहुंच गई है.

हेमकुंड साहिब में यात्रियों की संख्या: बता दें कि बीती 22 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुले थे. अभी तक 10,335 श्रद्धालु गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में मत्था टेक चुके हैं. वहीं, इस बार एक दिन में 5000 श्रद्धालुओं को ही हेमकुंड साहिब में मत्था टेकने की अनुमति दी जा रही है.

ये भी पढ़ेंः आस्था! बर्फ से ढके रास्तों से हेमकुंड साहिब पहुंच रहे श्रद्धालु, देखें वीडियो

चारधाम में मौत का आंकड़ाः बता दें कि चारधाम यात्रा में अभी तक 91 श्रद्धालुओं की मौत (Pilgrims death in Chardham) हो चुकी है. यमुनोत्री धाम में 24 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. गंगोत्री धाम में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में 44 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. उधर, बदरीनाथ धाम में भी 17 यात्रियों ने जान गंवाई है.

केदारनाथ में सबसे ज्यादा मौतेंः केदारनाथ धाम की यात्रा में अभी तक 44 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है. आज की बात करें तो दो तीर्थयात्रियों ने दम तोड़ा है. जिनमें पटेल धानिश भाई (उम्र 32 वर्ष), निवासी गुजरात और भानू शंकर प्रसाद (उम्र 71 वर्ष), निवासी पटना बिहार शामिल है. जिनकी अचानक तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद इन्हें स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया.

स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेजा गया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मौत का कारण संभवतया हार्ट अटैक माना जा रहा है. केदारनाथ में सबसे ज्यादा हाट अटैक से तीर्थयात्रियों की मौत हुई है.

रुद्रप्रयाग मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिन्देश शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार को 1,675 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार कराया गया. जिसमें 1,208 पुरुष और 467 महिलाएं शामिल हैं. अब तक ओपीडी के माध्यम से 40,351 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया गया. जबकि, 91 यात्रियों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराया गया. अभी तक 935 यात्रियों को ऑक्सीजन दिया जा चुका है.

यात्रा के दौरान तीर्थयात्री बरतें सावधानीः केदारनाथ धाम की यात्रा काफी कठिन है. यहां खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है. पहाड़ों में यात्रा करने वाले तीर्थ यात्रियों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है. हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है, ऐसे में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं घट जाती है. तीर्थयात्रियों को पैदल यात्रा शुरू करने से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवा लेने की हिदायत दी जा रही है. यात्रियों से हृदय रोगों के मरीजों को जोखिम न लेने की अपील की जा रही है. साथ ही उन्हें रुक रुककर सफर करने को कहा जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः पेट के बल लेटकर बदरीनाथ की यात्रा, श्रद्धालुओं का दंडवत VIDEO

तीर्थ यात्रियों को अपनी दवाईयों के साथ धाम पहुंचना चाहिए. इसके अलावा जो तीर्थयात्री केदारनाथ पर आते हैं, वे आस्था पर आने से खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें होती हैं. तीर्थ यात्रियों को ऐसा नहीं करना है. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने से पहले अपने साथ दवाईयां, गर्म कपड़ों के साथ ही पूरी व्यवस्था के साथ आना चाहिए.

चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरीः चारधाम यात्रा में बढ़ते श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए अब बिना रजिस्ट्रेशन (chardham registration 2022) के यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को रोकने का आदेश जारी किया गया है. जिसके तहत अब यात्रा मार्गों पर बने चेक पोस्टों पर पुलिस यात्रियों का रजिस्ट्रेशन चेक कर रही है. वहीं, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनको वापस भेजा जा रहा है. इस बेवसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.

केदारनाथ यात्रा में तीर्थयात्री गर्म कपड़े लेकर नहीं आ रहे हैं, ऐसे में उन्हें गर्म कपड़े सस्ते दामों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. साथ ही उन्हें सलाह दी जा रही है कि वे पूरी तैयारी के साथ केदारनाथ यात्रा पर आएं. यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों को धैर्य रखने की जरूरत है. केदारनाथ यात्रा अक्टूबर-नवंबर तक चलनी है. ऐसे में श्रद्धालुओं को संयम के साथ यात्रा करनी चाहिए. -मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग.

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Last Updated : May 27, 2022, 9:36 PM IST
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