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रुद्रप्रयाग: स्वास्थ्य महकमा खुद हुआ 'बीमार', कैसे होगा मरीजों का उपचार - Rudraprayag Corona Curfew

रुद्रप्रयाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सक अधीक्षक समेत कई डॉक्टर बीमार होने से स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ा गई है. ऐसे में केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर जिले में अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती की मांग की है.

Rudraprayag Corona Curfew
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Published : May 11, 2021, 8:22 PM IST

रुद्रप्रयाग: जनपद में कोरोना संक्रमण के साथ ही लोग बुखार की चपेट में आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुखिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सक अधीक्षक जहां बीमार पडे़ हैं. वहीं, आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर कोरोना संक्रमित हैं. जबकि एसीएमओ और पांच डॉक्टर बर्फानी बाबा अस्पताल हरिद्वार में अटैच हैं. ऐसे में जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है.

Rudraprayag Corona Curfew
विधायक मनोज रावत ने लिखा पत्र.

जनपद की स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ाई

इस बीच केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने जिले की लड़खड़ाती स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर जिले में अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती की मांग की है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि रुद्रप्रयाग जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का स्वास्थ्य खराब है. बीमारी के कारण वे कोरोना के दबाव को झेलने की स्थिति में नहीं हैं.

उन्होंने पत्र में लिखा है कि जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कोरोना पीड़ित हैं. इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त हो रहे हैं. सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र अगस्त्यमुनि के एमवोआईसी करोना पीड़ित हैं. जबकि ऊखीमठ विकासखंड एमवोआईसी के चल रहा है. जिले के एसीएमओ और पांच चिकित्सक कुंभ के बाद बर्फानी बाबा अस्पताल हरिद्वार में अटैच कर दिए गए हैं, जिनमें केदारनाथ यात्रा मार्ग के एसएडी गुप्तकाशी से दो चिकित्सक और फाटा का एक चिकित्सक सम्मिलित हैं.

Rudraprayag Corona Curfew
बिना रजिस्ट्रेशन लगाई वैक्सीन .

जनपद में डॉक्टरों की तैनाती की मांग- विधायक मनोज

विधायक मनोज रावत का कहना है कि करोना की दूसरी लहर, वैक्सीनेशन और कपाट खुलने के बाद यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधाओं का दबाव वर्तमान स्थितियों में संभल नहीं सकेगा. विधायक के मुताबिक जिले की चिकित्सा व्यवस्था की सीमक्षा कर हरिद्वार में अटैच चिकित्सकों को जिले में वापस भेजने व वरिष्ठ पदों पर चिकित्सकों को पद स्थापित करने का कष्ट करें.

पढ़ें- DRDO तैयार कर रहा कोविड अस्पताल, विस अध्यक्ष ने रक्षामंत्री का जताया आभार

जनपद में स्वास्थ्य सेवायें भगवान भरोसे- यूकेडी

उधर, उत्तराखण्ड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा है कि जनपद में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे चल रही हैं. एक ओर कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है और लोग अकाल मौत की भेंट चढ़ रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर बुखार से कई गांव पीड़ित हैं, लेकिन रुद्रप्रयाग का स्वास्थ्य महकमा खुद बीमार पड़ा हुआ है. जिस कारण जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है और लोग परेशान हैं.

Rudraprayag Corona Curfew
एसडीआरएफ ने किया बुजुर्ग का अंतिम संस्कार.

बिना रजिस्ट्रेशन 120 लोगों को लगाई वैक्सीन

प्रदेश में 18 से 45 वर्ष के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू हो गया है लेकिन रुद्रप्रयाग जिले में कई जगहों पर स्वास्थ्य विभाग की भारी लापरवाही देखने को मिल रही हैं. जिस कारण वैक्सीनेशन केन्द्रों पर भारी हंगामा भी देखने को मिल रहा है. जखोली विकासखंड के हाईस्कूल तुनेटा में स्वास्थ्य विभाग ने बिना रजिस्ट्रेशन और स्लॉट बुक किए ही 120 लोगों को वैक्सीन लगा दी. जबकि जिन लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, उन्हें वैक्सीन लगी ही नहीं.

केंद्र की प्रभारी डॉ. यासमिन ने जब स्थिति को देखा तो वह भी हैरान रह गईं. उन्होंने जिन लोगों का स्लॉट बुक था, उन्हें वैक्सीन लगाने की व्यवस्था की. तब जाकर स्थिति सामान्य हुई. सेंटर पर करीब 130 से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन हुआ लेकिन आंकड़ों में केवल 90 लोगों पर कोविड शील्ड की डोज लगाई गई दर्शाया गया है. इससे साफ है कि विभाग की किस तरह से लापरवाही और अव्यवस्था है.

पढ़ें- बच्चों को भी घेर रही कोरोना की दूसरी लहर, एक साल से कम उम्र के बच्चों को खतरा

स्वास्थ्य महकमे पर कोरोना सैंपल नहीं लेने के आरोप

वहीं, दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के कारण एक ही परिवार के दो व्यक्तियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने परिवार के अन्य सदस्यों का कोरोना सैंपल नहीं लिया, जिस कारण उन्हें भी डर सता रहा है. परिवार के अन्य सदस्य सोशल मीडिया के माध्यम से स्वास्थ्य महकमे से सैंपल लिए जाने की गुहार लगा रहे हैं.

कोरोना कर्फ्यू में 184 का काटा चालान

रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने तिलवाड़ा, सुमाड़ी व अगस्त्यमुनि पहुंचकर कोविड कर्फ्यू का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान इन स्थानों पर सम्पूर्ण बाजार पूर्ण रूप से बंद पाए गए. साथ ही टीकाकरण केन्द्रों पर लोगों को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पाया गया. वहीं, दो दिनों में पुलिस ने विभिन्न धाराओं में 184 लोगों का चालान काटा गया.

एसडीआरएफ ने पेश की मानवता की मिसाल

पुलिस की ओर से कोरोना महामारी से ग्रसित हर तबके के लोगों की हरसंभव मदद की जा रही है. कुछ दिनों से ग्राम किमोठा निवासी लक्ष्मी प्रसाद किमोठी उम्र 67 वर्ष कोरोना बीमारी से ग्रसित थे और उनकी मृत्यु हो जाने के बाद अंतिम यात्रा के लिए कोई नहीं था. उनके पुत्र ने पितृ कर्म को पूर्ण करने को लेकर पुलिस से गुहार लगाई.

पढ़ें- उत्तराखंड सरकार ने केंद्र से मांगी विदेश से वैक्सीन आयात करने की अनुमति

सूचना मिलने पर पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी अनिल मनराल ने जनपद रुद्रप्रयाग में तैनात एसडीआरएफ के प्रभारी उपनिरीक्षक करण सिंह को सूचित किया, जिस पर उप निरीक्षक ने अपने अन्य चार सहयोगियों हरीश, नितिन, पवन और गोविंद की मदद से रुद्रप्रयाग संगम घाट पर अंतिम संस्कार किया. पितृ कर्म में सहयोग करने पर अतुल किमोठी ने एसडीआरएफ, रुद्रप्रयाग पुलिस और उत्तराखंड पुलिस का आभार प्रकट किया.

एसपी आयुष अग्रवाल की लोगों से अपील

पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि मिशल हौसला के तहत पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें लोगों की मदद में जुटी हुई हैं. लोगों को जागरूक करने के साथ ही उनकी हरसंभव मदद भी की जा रही है. उन्होंने अपील की कि कोई भी परेशानी होने पर पुलिस को सूचित करें. समय पर सूचित करने से मदद भी जल्द दी जाएगी.

रुद्रप्रयाग: जनपद में कोरोना संक्रमण के साथ ही लोग बुखार की चपेट में आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुखिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला चिकित्सक अधीक्षक जहां बीमार पडे़ हैं. वहीं, आधा दर्जन से अधिक डॉक्टर कोरोना संक्रमित हैं. जबकि एसीएमओ और पांच डॉक्टर बर्फानी बाबा अस्पताल हरिद्वार में अटैच हैं. ऐसे में जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है.

Rudraprayag Corona Curfew
विधायक मनोज रावत ने लिखा पत्र.

जनपद की स्वास्थ्य व्यवस्था लड़खड़ाई

इस बीच केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने जिले की लड़खड़ाती स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर जिले में अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती की मांग की है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि रुद्रप्रयाग जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का स्वास्थ्य खराब है. बीमारी के कारण वे कोरोना के दबाव को झेलने की स्थिति में नहीं हैं.

उन्होंने पत्र में लिखा है कि जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कोरोना पीड़ित हैं. इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त हो रहे हैं. सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र अगस्त्यमुनि के एमवोआईसी करोना पीड़ित हैं. जबकि ऊखीमठ विकासखंड एमवोआईसी के चल रहा है. जिले के एसीएमओ और पांच चिकित्सक कुंभ के बाद बर्फानी बाबा अस्पताल हरिद्वार में अटैच कर दिए गए हैं, जिनमें केदारनाथ यात्रा मार्ग के एसएडी गुप्तकाशी से दो चिकित्सक और फाटा का एक चिकित्सक सम्मिलित हैं.

Rudraprayag Corona Curfew
बिना रजिस्ट्रेशन लगाई वैक्सीन .

जनपद में डॉक्टरों की तैनाती की मांग- विधायक मनोज

विधायक मनोज रावत का कहना है कि करोना की दूसरी लहर, वैक्सीनेशन और कपाट खुलने के बाद यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधाओं का दबाव वर्तमान स्थितियों में संभल नहीं सकेगा. विधायक के मुताबिक जिले की चिकित्सा व्यवस्था की सीमक्षा कर हरिद्वार में अटैच चिकित्सकों को जिले में वापस भेजने व वरिष्ठ पदों पर चिकित्सकों को पद स्थापित करने का कष्ट करें.

पढ़ें- DRDO तैयार कर रहा कोविड अस्पताल, विस अध्यक्ष ने रक्षामंत्री का जताया आभार

जनपद में स्वास्थ्य सेवायें भगवान भरोसे- यूकेडी

उधर, उत्तराखण्ड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा है कि जनपद में स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे चल रही हैं. एक ओर कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है और लोग अकाल मौत की भेंट चढ़ रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर बुखार से कई गांव पीड़ित हैं, लेकिन रुद्रप्रयाग का स्वास्थ्य महकमा खुद बीमार पड़ा हुआ है. जिस कारण जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है और लोग परेशान हैं.

Rudraprayag Corona Curfew
एसडीआरएफ ने किया बुजुर्ग का अंतिम संस्कार.

बिना रजिस्ट्रेशन 120 लोगों को लगाई वैक्सीन

प्रदेश में 18 से 45 वर्ष के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू हो गया है लेकिन रुद्रप्रयाग जिले में कई जगहों पर स्वास्थ्य विभाग की भारी लापरवाही देखने को मिल रही हैं. जिस कारण वैक्सीनेशन केन्द्रों पर भारी हंगामा भी देखने को मिल रहा है. जखोली विकासखंड के हाईस्कूल तुनेटा में स्वास्थ्य विभाग ने बिना रजिस्ट्रेशन और स्लॉट बुक किए ही 120 लोगों को वैक्सीन लगा दी. जबकि जिन लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, उन्हें वैक्सीन लगी ही नहीं.

केंद्र की प्रभारी डॉ. यासमिन ने जब स्थिति को देखा तो वह भी हैरान रह गईं. उन्होंने जिन लोगों का स्लॉट बुक था, उन्हें वैक्सीन लगाने की व्यवस्था की. तब जाकर स्थिति सामान्य हुई. सेंटर पर करीब 130 से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन हुआ लेकिन आंकड़ों में केवल 90 लोगों पर कोविड शील्ड की डोज लगाई गई दर्शाया गया है. इससे साफ है कि विभाग की किस तरह से लापरवाही और अव्यवस्था है.

पढ़ें- बच्चों को भी घेर रही कोरोना की दूसरी लहर, एक साल से कम उम्र के बच्चों को खतरा

स्वास्थ्य महकमे पर कोरोना सैंपल नहीं लेने के आरोप

वहीं, दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के कारण एक ही परिवार के दो व्यक्तियों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने परिवार के अन्य सदस्यों का कोरोना सैंपल नहीं लिया, जिस कारण उन्हें भी डर सता रहा है. परिवार के अन्य सदस्य सोशल मीडिया के माध्यम से स्वास्थ्य महकमे से सैंपल लिए जाने की गुहार लगा रहे हैं.

कोरोना कर्फ्यू में 184 का काटा चालान

रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने तिलवाड़ा, सुमाड़ी व अगस्त्यमुनि पहुंचकर कोविड कर्फ्यू का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान इन स्थानों पर सम्पूर्ण बाजार पूर्ण रूप से बंद पाए गए. साथ ही टीकाकरण केन्द्रों पर लोगों को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पाया गया. वहीं, दो दिनों में पुलिस ने विभिन्न धाराओं में 184 लोगों का चालान काटा गया.

एसडीआरएफ ने पेश की मानवता की मिसाल

पुलिस की ओर से कोरोना महामारी से ग्रसित हर तबके के लोगों की हरसंभव मदद की जा रही है. कुछ दिनों से ग्राम किमोठा निवासी लक्ष्मी प्रसाद किमोठी उम्र 67 वर्ष कोरोना बीमारी से ग्रसित थे और उनकी मृत्यु हो जाने के बाद अंतिम यात्रा के लिए कोई नहीं था. उनके पुत्र ने पितृ कर्म को पूर्ण करने को लेकर पुलिस से गुहार लगाई.

पढ़ें- उत्तराखंड सरकार ने केंद्र से मांगी विदेश से वैक्सीन आयात करने की अनुमति

सूचना मिलने पर पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी अनिल मनराल ने जनपद रुद्रप्रयाग में तैनात एसडीआरएफ के प्रभारी उपनिरीक्षक करण सिंह को सूचित किया, जिस पर उप निरीक्षक ने अपने अन्य चार सहयोगियों हरीश, नितिन, पवन और गोविंद की मदद से रुद्रप्रयाग संगम घाट पर अंतिम संस्कार किया. पितृ कर्म में सहयोग करने पर अतुल किमोठी ने एसडीआरएफ, रुद्रप्रयाग पुलिस और उत्तराखंड पुलिस का आभार प्रकट किया.

एसपी आयुष अग्रवाल की लोगों से अपील

पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि मिशल हौसला के तहत पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें लोगों की मदद में जुटी हुई हैं. लोगों को जागरूक करने के साथ ही उनकी हरसंभव मदद भी की जा रही है. उन्होंने अपील की कि कोई भी परेशानी होने पर पुलिस को सूचित करें. समय पर सूचित करने से मदद भी जल्द दी जाएगी.

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