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रुद्रप्रयाग को कई उपलब्धियां और सौगात दे गया साल 2023, महिलाएं हुईं मालामाल, जानिए कैसे - रुद्रप्रयाग ईयर एंडर

Rudraprayag Achievements in Year Ender 2023 नया साल 2024 आने में कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में चंद दिनों बाद साल 2023 विदा ले लेगा, लेकिन बीतता साल रुद्रप्रयाग के लिए उपलब्धियां और सौगात दे गया. जहां केदारनाथ की यात्रा ने सारे रिकॉर्ड तोड़े तो महिलाओं पर खूब धनवर्षा भी हुई. जानिए इसके अलावा क्या कुछ सौगातें जिले को मिली...

Rudraprayag Year Ender
रुद्रप्रयाग ईयर एंडर
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 29, 2023, 4:26 PM IST

Updated : Dec 29, 2023, 5:23 PM IST

रुद्रप्रयाग: साल 2023 कई मायनों में रुद्रप्रयाग जिले के लिए खास रहा. जहां एक ओर केदारनाथ धाम की यात्रा ने नया रिकॉर्ड कायम किया तो वहीं यात्रा से सीधे तौर पर स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार और रोजगार का मौका मिला. खासकर महिलाओं की आजीविका सुधार में केदारनाथ यात्रा की अहम भूमिका रही. यह साल स्वास्थ्य सुविधाओं और शिक्षा दोनों के हिसाब से भी शानदार रहा. क्योंकि, सरकार के अथक प्रयासों के बाद जिले में करीब 21 करोड़ की लागत से नर्सिंग कॉलेज तैयार होने जा रहा है.

वहीं, गंभीर बीमारी और आपातकाल मरीजों के लिए क्रिटिकल केयर सेंटर का निर्माण भी शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अथक प्रयासों से विश्वस्तरीय इन्वेस्टर समिट का प्रभाव भी जिले में बखूबी देखने को मिला. इसके अलावा किसानों और काश्तकारों की आजीविका सुधार, चोपता घाटी में इको पार्क निर्माण से लेकर कई अन्य उपलब्धियां भी जिले के हिस्से आई. ऐसी कुछ खास और अहम उपलब्धियां जिले के नाम रही.

आस्था का उमड़ा सैलाब, केदारनाथ धाम की यात्रा में टूटे सभी रिकॉर्ड: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा हर साल नया रिकॉर्ड बना रही है. 11वें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़कर नया कीर्तिमान कायम किया. इस बार 19 लाख 61 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए. जबकि, कपाट 25 अप्रैल को खुली थी, अगर पिछले साल यानी 2022 की बात करें तो उस समय करीब 16 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे.

Kedarnath Dham
केदारनाथ धाम में टूटा यात्रियों का रिकॉर्ड

तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में पहुंचे रिकॉर्ड यात्री: पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में इस बार रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंचे. इतिहास में पहली बार तुंगनाथ मंदिर में यात्रियों का आंकड़ा 1 लाख 36 हजार के पार पहुंचा. इससे पहले साल 2022 में सबसे ज्यादा 28 हजार यात्रियों ने भोले बाबा के दर्शन किे थे. एक साल में ही यात्रियों की संख्या चार गुना पहुंचने से जहां पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा मिला है तो वहीं स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिला है.

महिला समूहों ने केदारनाथ यात्रा के दौरान किया करीब 70 लाख रुपए का कारोबार: केदारनाथ की यात्रा इस बार जिले की महिलाओं को सौगात दे गई. यह यात्रा महिला समूहों के लिए सुखद साबित हुई. इस बार रिकॉर्ड 19.61 लाख से ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे. जिसका सीधा असर महिलाओं की आय और आर्थिकी पर पड़ा. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के चलते महिला समूहों के व्यवसाय को नई ऊंचाइयां मिली. केदारनाथ यात्रा से जुड़े विभिन्न महिला समूहों ने इस साल 70 लाख रुपए से ज्यादा का व्यापार किया.
ये भी पढ़ेंः महिला समूहों पर बरसा बाबा केदार का आशीर्वाद, चौलाई के प्रसाद से कमाए 65 लाख रुपए

अकेले चौलाई के प्रसाद से करीब 65 लाख रुपए का व्यवसाय हुआ. इसके अलावा स्थानीय हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट और रेशम के बैग आदि से 5 लाख रुपए की कमाई महिलाओं ने की. इससे विभिन्न महिला समूहों से जुड़ी 500 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार भी मिला. वहीं, महिला समूहों की ओर से तैयार उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सीएम धामी ने सचिवालय परिसर में भी मिलेट बेकरी ऑउटलेट की शुरुआत की है.

Self Help Group Rudraprayag
महिला समूहों ने किए 70 लाख रुपए का कारोबार

रुद्रप्रयाग को मिली नर्सिंग कॉलेज की सौगात: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने रुद्रप्रयाग को नर्सिंग कॉलेज की सौगात दी है. करीब 20 करोड़ 44 लाख 16 हजार की लागत से अगस्त्यमुनि के कोठगी में नर्सिंग काॅलेज बनाया जाएगा. जिसका भूमि पूजन और शिलान्यास सीएम धामी कर चुके हैं. अभी नर्सिंग कॉलेज के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. जिसका लाभ यहां के बच्चों को नर्सिंग की पढ़ाई में मिलेगा. अब उन्हें नर्सिंग की पढ़ाई करने दूसरी जगह नहीं जाना पड़ेगा.

केदारनाथ यात्रा को सुगम बनाएगा रोपवे: केदारनाथ की यात्रा अब और सुगम होने जा रही है. करीब 11,800 फीट की ऊंचाई पर बसे 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए करीब 20 किलोमीटर का कठिन ट्रेक चढ़ना पड़ता है, लेकिन पीएम मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ धाम को रोपवे से जोड़ने की पहल की है.

केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुंड से रामबाड़ा तक करीब 9.70 किलोमीटर लंबा रोपवे तैयार किया जाएगा. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को इसका निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है. लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट के डिप्टी मैनेजर जितेष गुप्ता की मानें तो करीब 1100 करोड़ रुपए की लागत से रोपवे का निर्माण होना है. जिसका सर्वे का काम पूरा हो गया है.

Rudraprayag Woman Income
महिला समूहों ने चौलाई के प्रसाद से कमाए 65 लाख रुपए

करीब साढ़े 600 करोड़ रुपए का मिला निवेश: ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत हाइड्रो प्रोजेक्ट, होम स्टे, सोलर समेत अन्य सेक्टर में रुद्रप्रयाग जिले में को बड़ा निवेश मिला. महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र महेश प्रकाश ने बताया कि जिले में करीब साढ़े 600 करोड़ रुपए का निवेश मिला है. इसमें एक हाइड्रो प्रोजेक्ट भी शामिल है. जिसकी लागत 466 करोड़ रुपए है. वहीं, होम स्टे, सोलर, कृषि समेत अन्य उद्योगों के लिए 160 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश मिला है.

रुद्रप्रयाग जिले में दोगुना हुआ ट्रॉउट मछली का उत्पादन: मछली उत्पादन के क्षेत्र में रुद्रप्रयाग लगातार आगे बढ़ रहा है. मछली पालन के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ जिला मुख्यालय से लेकर दूरस्थ ग्रामीण अंचल के लोग उठा रहे हैं. जिला मत्स्य प्रभारी संजय बुटोला ने बताया कि जिले में 260 किसान मत्स्य उत्पादन से जुड़े हुए हैं. जो खुद स्वरोजगार करने के साथ दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं.

वहीं, ट्राउट मछली के उत्पादन पर विशेष जोर दिया जा रहा है. जिससे किसानों की अच्छी-खासी आमदनी हो रही है. जहां पिछले साल किसानों ने 5 टन से ज्यादा की ट्राउट मछली की बिक्री की थी तो वहीं इस बार करीब 10 टन ट्राउट मछली की बिक्री अब तक हो चुकी है. करीब 500 से 600 रुपए प्रति किलो के हिसाब से ट्राउट मछली बिक रही है. जिससे किसानों के आय में इजाफा हो रहा है. वहीं, जिले में 9100 घन मीटर नए तालाब विकसित किए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः साल 2024 में उत्तराखंड सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां! कैसे पार पाएंगे सीएम पुष्कर सिंह धामी?

जिले में ही तैयार होंगे नॉन वोवन बैग: सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में रुद्रप्रयाग में सहकारिता विभाग, भेषज और सहकारी संघ भटवाड़ीसैंण के माध्यम से नॉन वोवन बैग की इकाई स्थापित की जा रही है. ताकि, स्थानीय लोगों को रोजगार देने के साथ ही जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने में मदद मिल सके.

जिला सहायक निबंधक सहकारिता रणजीत सिंह राणा ने बताया कि 30 लाख की लागत से रुद्रप्रयाग जिले में नॉन वोवन बैग की फैक्ट्री लगने जा रही है. सर्वे और डीपीआर काम पूरा होने के बाद अब इकाई की स्थापना को लेकर टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गी है. वहीं, किसान और काश्तकारों के साथ मिलकर सहकारिता विभाग ने 195 मीट्रिक टन मंडुआ किसानों से खरीदा है. इससे किसानों की अब तक 75 लाख रुपए की आय भी हो चुकी है.

गंभीर बीमारी और इमरजेंसी के लिए बनेगा क्रिटिकल केयर सेंटर: रुद्रप्रयाग जिले में एक क्रिटिकल केयर सेंटर तैयार किया जा रहा है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरीश चंद्र सिंह मर्तोलिया ने बताया कि जिला अस्पताल में 23 करोड़ की लागत से 50 बेड का क्रिटिकल केयर सेंटर तैयार किया जा रहा है. केयर सेंटर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. सेंटर तैयार होने के बाद गंभीर बीमारी से ग्रसित और इमरजेंसी के केसों के इलाज की सुविधा मिलेगी.

Chopta eco Tourism
चोपता ईको टूरिज्म जोन

चोपता वैली में 11.5 करोड़ की लागत से तैयार होगा इको टूरिज्म जोन: मिनी स्विट्जरलैंड से प्रसिद्ध चोपता घाटी में इको टूरिज्म जोन तैयार होने जा रहा है. वन विभाग ने इसकी कवायद तेजी कर दी है. इको टूरिज्म बोर्ड से सहमति मिलने के बाद 11.5 करोड़ की लागत से इको टूरिज्म जोन तैयार किया जाएगा. पहले फेज में 5.3 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी मिल चुकी है. जिसमें एक करोड़ रुपए की पहली किस्त भी जारी हो गई है.

इको टूरिज्म जोन तैयार होने से जहां सालभर पर्यटन जारी रहेगा तो वहीं चोपता घाटी के लोगों को सुनियोजित और सतत रोजगार के मौके भी मिलेंगे. रुद्रप्रयाग प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने बताया कि चोपता में देश विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं. यहां पर दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर तुंगनाथ स्थित है. जिसके दर्शनों को सालाना लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. इसके अलावा विंटर टूरिज्म के लिए भी हजारों पर्यटक चोपता का रुख करते हैं. ऐसे में टूरिज्म जोन विकसित होने से इसका काफी फायदा होगा.
ये भी पढ़ेंः खुशखबरी: चोपता घाटी में तैयार होगा इको टूरिज्म जोन, स्थानीय लोगों को मिलेगी संचालन की अनुमति

चारधाम यात्रा में सुगमता लाएगी रुद्रप्रयाग की सुरंग, 900.3 मीटर लंबी टनल हुई आर पार: चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए ऑल वेदर रोड का निर्माण किया जा रहा है. पीएम मोदी ने 12,000 करोड़ रुपए की लागत से उत्तराखंड में 'ऑल वेदर रोड' निर्माण का लक्ष्य रखा है. ताकि, 12 महीने उत्तराखंड में पर्यटन जारी रहे.

वहीं, चीन-तिब्बत सीमा से उत्तराखंड की बॉर्डर नजदीक होने के चलते इसके सामरिक महत्व भी हैं. ऐसे में रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे को जोड़ने के लिए टनल का निर्माण किया जा रहा है. बीती 31 अक्टूबर को 900.3 मीटर लंबी सुरंग आर पार हो गई है. रुद्रप्रयाग चारधाम यात्रा मार्ग का अहम पड़ाव है. ऐसे में यग टनल यातायात में सुगमता के लिए अहम भूमिका निभाएगी.

रुद्रप्रयाग: साल 2023 कई मायनों में रुद्रप्रयाग जिले के लिए खास रहा. जहां एक ओर केदारनाथ धाम की यात्रा ने नया रिकॉर्ड कायम किया तो वहीं यात्रा से सीधे तौर पर स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार और रोजगार का मौका मिला. खासकर महिलाओं की आजीविका सुधार में केदारनाथ यात्रा की अहम भूमिका रही. यह साल स्वास्थ्य सुविधाओं और शिक्षा दोनों के हिसाब से भी शानदार रहा. क्योंकि, सरकार के अथक प्रयासों के बाद जिले में करीब 21 करोड़ की लागत से नर्सिंग कॉलेज तैयार होने जा रहा है.

वहीं, गंभीर बीमारी और आपातकाल मरीजों के लिए क्रिटिकल केयर सेंटर का निर्माण भी शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अथक प्रयासों से विश्वस्तरीय इन्वेस्टर समिट का प्रभाव भी जिले में बखूबी देखने को मिला. इसके अलावा किसानों और काश्तकारों की आजीविका सुधार, चोपता घाटी में इको पार्क निर्माण से लेकर कई अन्य उपलब्धियां भी जिले के हिस्से आई. ऐसी कुछ खास और अहम उपलब्धियां जिले के नाम रही.

आस्था का उमड़ा सैलाब, केदारनाथ धाम की यात्रा में टूटे सभी रिकॉर्ड: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा हर साल नया रिकॉर्ड बना रही है. 11वें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़कर नया कीर्तिमान कायम किया. इस बार 19 लाख 61 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए. जबकि, कपाट 25 अप्रैल को खुली थी, अगर पिछले साल यानी 2022 की बात करें तो उस समय करीब 16 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे.

Kedarnath Dham
केदारनाथ धाम में टूटा यात्रियों का रिकॉर्ड

तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में पहुंचे रिकॉर्ड यात्री: पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार तुंगनाथ धाम में इस बार रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंचे. इतिहास में पहली बार तुंगनाथ मंदिर में यात्रियों का आंकड़ा 1 लाख 36 हजार के पार पहुंचा. इससे पहले साल 2022 में सबसे ज्यादा 28 हजार यात्रियों ने भोले बाबा के दर्शन किे थे. एक साल में ही यात्रियों की संख्या चार गुना पहुंचने से जहां पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा मिला है तो वहीं स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिला है.

महिला समूहों ने केदारनाथ यात्रा के दौरान किया करीब 70 लाख रुपए का कारोबार: केदारनाथ की यात्रा इस बार जिले की महिलाओं को सौगात दे गई. यह यात्रा महिला समूहों के लिए सुखद साबित हुई. इस बार रिकॉर्ड 19.61 लाख से ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे. जिसका सीधा असर महिलाओं की आय और आर्थिकी पर पड़ा. श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के चलते महिला समूहों के व्यवसाय को नई ऊंचाइयां मिली. केदारनाथ यात्रा से जुड़े विभिन्न महिला समूहों ने इस साल 70 लाख रुपए से ज्यादा का व्यापार किया.
ये भी पढ़ेंः महिला समूहों पर बरसा बाबा केदार का आशीर्वाद, चौलाई के प्रसाद से कमाए 65 लाख रुपए

अकेले चौलाई के प्रसाद से करीब 65 लाख रुपए का व्यवसाय हुआ. इसके अलावा स्थानीय हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट और रेशम के बैग आदि से 5 लाख रुपए की कमाई महिलाओं ने की. इससे विभिन्न महिला समूहों से जुड़ी 500 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार भी मिला. वहीं, महिला समूहों की ओर से तैयार उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सीएम धामी ने सचिवालय परिसर में भी मिलेट बेकरी ऑउटलेट की शुरुआत की है.

Self Help Group Rudraprayag
महिला समूहों ने किए 70 लाख रुपए का कारोबार

रुद्रप्रयाग को मिली नर्सिंग कॉलेज की सौगात: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने रुद्रप्रयाग को नर्सिंग कॉलेज की सौगात दी है. करीब 20 करोड़ 44 लाख 16 हजार की लागत से अगस्त्यमुनि के कोठगी में नर्सिंग काॅलेज बनाया जाएगा. जिसका भूमि पूजन और शिलान्यास सीएम धामी कर चुके हैं. अभी नर्सिंग कॉलेज के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. जिसका लाभ यहां के बच्चों को नर्सिंग की पढ़ाई में मिलेगा. अब उन्हें नर्सिंग की पढ़ाई करने दूसरी जगह नहीं जाना पड़ेगा.

केदारनाथ यात्रा को सुगम बनाएगा रोपवे: केदारनाथ की यात्रा अब और सुगम होने जा रही है. करीब 11,800 फीट की ऊंचाई पर बसे 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए करीब 20 किलोमीटर का कठिन ट्रेक चढ़ना पड़ता है, लेकिन पीएम मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ धाम को रोपवे से जोड़ने की पहल की है.

केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के महत्वपूर्ण पड़ाव गौरीकुंड से रामबाड़ा तक करीब 9.70 किलोमीटर लंबा रोपवे तैयार किया जाएगा. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को इसका निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है. लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट के डिप्टी मैनेजर जितेष गुप्ता की मानें तो करीब 1100 करोड़ रुपए की लागत से रोपवे का निर्माण होना है. जिसका सर्वे का काम पूरा हो गया है.

Rudraprayag Woman Income
महिला समूहों ने चौलाई के प्रसाद से कमाए 65 लाख रुपए

करीब साढ़े 600 करोड़ रुपए का मिला निवेश: ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत हाइड्रो प्रोजेक्ट, होम स्टे, सोलर समेत अन्य सेक्टर में रुद्रप्रयाग जिले में को बड़ा निवेश मिला. महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र महेश प्रकाश ने बताया कि जिले में करीब साढ़े 600 करोड़ रुपए का निवेश मिला है. इसमें एक हाइड्रो प्रोजेक्ट भी शामिल है. जिसकी लागत 466 करोड़ रुपए है. वहीं, होम स्टे, सोलर, कृषि समेत अन्य उद्योगों के लिए 160 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश मिला है.

रुद्रप्रयाग जिले में दोगुना हुआ ट्रॉउट मछली का उत्पादन: मछली उत्पादन के क्षेत्र में रुद्रप्रयाग लगातार आगे बढ़ रहा है. मछली पालन के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ जिला मुख्यालय से लेकर दूरस्थ ग्रामीण अंचल के लोग उठा रहे हैं. जिला मत्स्य प्रभारी संजय बुटोला ने बताया कि जिले में 260 किसान मत्स्य उत्पादन से जुड़े हुए हैं. जो खुद स्वरोजगार करने के साथ दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं.

वहीं, ट्राउट मछली के उत्पादन पर विशेष जोर दिया जा रहा है. जिससे किसानों की अच्छी-खासी आमदनी हो रही है. जहां पिछले साल किसानों ने 5 टन से ज्यादा की ट्राउट मछली की बिक्री की थी तो वहीं इस बार करीब 10 टन ट्राउट मछली की बिक्री अब तक हो चुकी है. करीब 500 से 600 रुपए प्रति किलो के हिसाब से ट्राउट मछली बिक रही है. जिससे किसानों के आय में इजाफा हो रहा है. वहीं, जिले में 9100 घन मीटर नए तालाब विकसित किए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः साल 2024 में उत्तराखंड सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां! कैसे पार पाएंगे सीएम पुष्कर सिंह धामी?

जिले में ही तैयार होंगे नॉन वोवन बैग: सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में रुद्रप्रयाग में सहकारिता विभाग, भेषज और सहकारी संघ भटवाड़ीसैंण के माध्यम से नॉन वोवन बैग की इकाई स्थापित की जा रही है. ताकि, स्थानीय लोगों को रोजगार देने के साथ ही जिले में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने में मदद मिल सके.

जिला सहायक निबंधक सहकारिता रणजीत सिंह राणा ने बताया कि 30 लाख की लागत से रुद्रप्रयाग जिले में नॉन वोवन बैग की फैक्ट्री लगने जा रही है. सर्वे और डीपीआर काम पूरा होने के बाद अब इकाई की स्थापना को लेकर टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गी है. वहीं, किसान और काश्तकारों के साथ मिलकर सहकारिता विभाग ने 195 मीट्रिक टन मंडुआ किसानों से खरीदा है. इससे किसानों की अब तक 75 लाख रुपए की आय भी हो चुकी है.

गंभीर बीमारी और इमरजेंसी के लिए बनेगा क्रिटिकल केयर सेंटर: रुद्रप्रयाग जिले में एक क्रिटिकल केयर सेंटर तैयार किया जा रहा है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरीश चंद्र सिंह मर्तोलिया ने बताया कि जिला अस्पताल में 23 करोड़ की लागत से 50 बेड का क्रिटिकल केयर सेंटर तैयार किया जा रहा है. केयर सेंटर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. सेंटर तैयार होने के बाद गंभीर बीमारी से ग्रसित और इमरजेंसी के केसों के इलाज की सुविधा मिलेगी.

Chopta eco Tourism
चोपता ईको टूरिज्म जोन

चोपता वैली में 11.5 करोड़ की लागत से तैयार होगा इको टूरिज्म जोन: मिनी स्विट्जरलैंड से प्रसिद्ध चोपता घाटी में इको टूरिज्म जोन तैयार होने जा रहा है. वन विभाग ने इसकी कवायद तेजी कर दी है. इको टूरिज्म बोर्ड से सहमति मिलने के बाद 11.5 करोड़ की लागत से इको टूरिज्म जोन तैयार किया जाएगा. पहले फेज में 5.3 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी मिल चुकी है. जिसमें एक करोड़ रुपए की पहली किस्त भी जारी हो गई है.

इको टूरिज्म जोन तैयार होने से जहां सालभर पर्यटन जारी रहेगा तो वहीं चोपता घाटी के लोगों को सुनियोजित और सतत रोजगार के मौके भी मिलेंगे. रुद्रप्रयाग प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने बताया कि चोपता में देश विदेश से पर्यटक पहुंचते हैं. यहां पर दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर तुंगनाथ स्थित है. जिसके दर्शनों को सालाना लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. इसके अलावा विंटर टूरिज्म के लिए भी हजारों पर्यटक चोपता का रुख करते हैं. ऐसे में टूरिज्म जोन विकसित होने से इसका काफी फायदा होगा.
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चारधाम यात्रा में सुगमता लाएगी रुद्रप्रयाग की सुरंग, 900.3 मीटर लंबी टनल हुई आर पार: चारधाम यात्रा को सुगम बनाने के लिए ऑल वेदर रोड का निर्माण किया जा रहा है. पीएम मोदी ने 12,000 करोड़ रुपए की लागत से उत्तराखंड में 'ऑल वेदर रोड' निर्माण का लक्ष्य रखा है. ताकि, 12 महीने उत्तराखंड में पर्यटन जारी रहे.

वहीं, चीन-तिब्बत सीमा से उत्तराखंड की बॉर्डर नजदीक होने के चलते इसके सामरिक महत्व भी हैं. ऐसे में रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे को जोड़ने के लिए टनल का निर्माण किया जा रहा है. बीती 31 अक्टूबर को 900.3 मीटर लंबी सुरंग आर पार हो गई है. रुद्रप्रयाग चारधाम यात्रा मार्ग का अहम पड़ाव है. ऐसे में यग टनल यातायात में सुगमता के लिए अहम भूमिका निभाएगी.

Last Updated : Dec 29, 2023, 5:23 PM IST
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