रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर घाटी के रांसी गांव से लगभग 39 किमी दूर चौखम्बा की तलहटी में बसे भगवती मनणा माई लोकजात यात्रा (Manna Mai Lokjat Yatra) की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बार मनणामाई की लोक जात यात्रा का शुभारंभ आगामी 21 जुलाई को राकेश्वरी मंदिर रांसी से होगा. लोकजात यात्रा कितने दिनों में संपन्न होगी, यह हिमालयी क्षेत्रों के मौसम पर निर्भर करेगा. इस बार मनणामाई लोकजात यात्रा को भव्य रूप देने के लिए ग्रामीणों व युवाओं की ओर से भरसक प्रयास किया जा रहा है.
राकेश्वरी मंदिर समिति अध्यक्ष जगत सिंह पंवार ने बताया कि भगवती मनणामाई भेड़ पालकों की आराध्य देवी मानी जाती है. राकेश्वरी मंदिर रांसी से मनणामाई तीर्थ तक लोकजात यात्रा की परम्परा युगों से चली आ रही है. इसी परम्परा के तहत आगामी 21 जुलाई से मनणामाई लोकजात यात्रा का शुभारंभ होगा. बदरी केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य शिव सिंह रावत ने बताया कि इस बार मनणामाई लोकजात यात्रा को भव्य रूप देने के लिए सामूहिक पहल की जा रही है.
स्थानीय भगवती प्रसाद भट्ट ने बताया कि मनणामाई की लोकजात यात्रा राकेश्वरी मंदिर रांसी से शुरू होकर सनियारा, कंडारा गुफा, पटूडी, थौली, शीला समुद्र, कुलवाणी सहित विभिन्न पड़ावों से होते हुए मनणामाई तीर्थ पहुंचते है. मनणामाई तीर्थ के निकट मदानी नदी का वेग उफान पर आने के कारण मदानी नदी को पार करना बहुत विकट होता है. रांसी की प्रधान कुंती देवी ने बताया कि रांसी से मनणामाई तीर्थ स्थल अपार वन संपदा और अनेक प्रकार से फूलों से आच्छादित है. इसलिए मनणामाई तीर्थ स्थल पर बार-बार जाने की इच्छा बनी रहती है.
बलवीर भट्ट ने बताया कि इस बार मनणामाई लोकजात यात्रा को लेकर युवाओं में भारी उत्साह बना हुआ है. पंडित ईश्वरीय प्रसाद भट्ट ने बताया कि मनणामाई तीर्थ में हर भक्त को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कहा कि अगर नंदा देवी राजजात यात्रा की तर्ज पर मनणामाई लोकजात को भी बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग पहल करता है, तो क्षेत्र के तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय में इजाफा हो सकता है. मनणामाई लोकजात यात्रा को भव्य रूप देने की सामूहिक पहल की जा रही है.