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रुद्रप्रयाग: मंदाकिनी शरदोत्सव मेला समिति ने सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप, कही ये बड़ी बातें - Uttarakhand News

मेला समिति का कहना है कि आज तक मेले में जितनी भी घोषणाएं की गई हैं वो पूरी नहीं की गई हैं. मेला समिति का कहना है कि सरकार और नेता इस मेले को लेकर गंभीर नहीं हैं. जिसके कारण स्थानीय लोग मायूस हैं.

मंदाकिनी शरदोत्सव मेला समिति ने सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप
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Published : Nov 5, 2019, 5:52 PM IST

रुद्रप्रयाग: छः नवंबर से अगस्त्यमुनि में आयोजित होने वाले मंदाकिनी शरदोत्सव मेले को शासन-प्रशासन से किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है. जिसके कारण मेला समिति के लोगों में खासा आक्रोश है. मेला समिति का आरोप है कि मेले में निमंत्रण देने पर मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री आकर घोषणाएं तो करते हैं, लेकिन उन पर अमल कोई नहीं करता. मेला समिति ने कहा कि सरकार लगातार संस्कृति को बचाने की बात कहती है, लेकिन जब संस्कृति के लिए काम करने की बात आती है तो सभी हाथ पीछे खींच लेते हैं. मेला समिति ने कहा कि वे लगातार अपने संसाधनों से मेले का संचालन कर रहे हैं.

मंदाकिनी शरदोत्सव मेला समिति ने सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप

दरअसल, अगस्त्यमुनि में दो दशकों से मंदाकिनी शरदोत्सव एवं कृषि औद्योगिक विकास मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर मनोरंजन के साथ ही स्थानीय उत्पादों के भी स्टाॅल लगाये जाते हैं. साथ ही विभागीय स्टाॅल लगाकर जनता को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाती है. इतना ही नहीं जिले के इस सबसे बड़े मेले में मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री आकर मेले का हर दिन किसी न किसी योजना का शुभारंभ करते हैं. बावजूद इसके मेला समिति सरकार और प्रशासन से खुश नहीं है.

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मेला समिति का कहना है कि आज तक मेले में जितनी भी घोषणाएं की गई हैं वो पूरी नहीं की गई हैं. मेला समिति ने कहा कि सरकार और नेता जिले के इस मेले को लेकर गंभीर नहीं हैं. जिसके कारण स्थानीय लोग मायूस हो रहे हैं. मेला समिति के संयोजक विक्रम नेगी ने बताया कि छः नवंबर से आयोजित होने वाले मंदाकिनी शरदोत्सव मेले का शुभारंभ केदारनाथ विधायक करेंगे. जबकि मेले के समापन पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत यहां पहुंचेंगे.

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उन्होंने कहा कि पिछले साल मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस मेले के शुभारंभ किया था. इस दौरान उन्होंने मेले को भव्य रूप देने के लिए पांच लाख रुपए देने की घोषणा की थी. इसके अलावा अन्य मंत्रियों और विधायकों ने संस्कृति विभाग व अन्य संसाधानों से मेले की मजबूती को लेकर घोषणाएं की थी, जिन पर अभी तक कोई अमल नहीं किया गया है. इस बारे में कई बार पत्राचार और मुलाकात भी की गई लेकिन नतीजा सिफर ही निकला.

पढ़ें-सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान को कांग्रेस ने बताया ड्रामा, दाल पोषित योजना पर उठाए सवाल

मेला समिति का कहना है कि जिस तरह से गौचर में आयोजित होने वाले मेले को सरकारी मदद दी जाती है, ठीक उसी प्रकार से अगस्त्यमुनि में आयोजित होने वाले मंदाकिनी शरदोत्सव मेले को भी सहायता दी जाय. जिससे यहां के स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा मिल सके और इस मेले को और अधिक भव्य बनाया जा सके. वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का इस मामले में कहना है कि स्थानीय समिति मेले का आयोजन करती है. जिला प्रशासन की ओर से मेला समिति की मदद करने के साथ ही यहां स्टाॅल लगाये जाते हैं. यदि शासन स्तर पर मेला समिति का बजट रह गया है तो इसके लिए पत्राचार किया जायेगा.

रुद्रप्रयाग: छः नवंबर से अगस्त्यमुनि में आयोजित होने वाले मंदाकिनी शरदोत्सव मेले को शासन-प्रशासन से किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है. जिसके कारण मेला समिति के लोगों में खासा आक्रोश है. मेला समिति का आरोप है कि मेले में निमंत्रण देने पर मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री आकर घोषणाएं तो करते हैं, लेकिन उन पर अमल कोई नहीं करता. मेला समिति ने कहा कि सरकार लगातार संस्कृति को बचाने की बात कहती है, लेकिन जब संस्कृति के लिए काम करने की बात आती है तो सभी हाथ पीछे खींच लेते हैं. मेला समिति ने कहा कि वे लगातार अपने संसाधनों से मेले का संचालन कर रहे हैं.

मंदाकिनी शरदोत्सव मेला समिति ने सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप

दरअसल, अगस्त्यमुनि में दो दशकों से मंदाकिनी शरदोत्सव एवं कृषि औद्योगिक विकास मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर मनोरंजन के साथ ही स्थानीय उत्पादों के भी स्टाॅल लगाये जाते हैं. साथ ही विभागीय स्टाॅल लगाकर जनता को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाती है. इतना ही नहीं जिले के इस सबसे बड़े मेले में मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री आकर मेले का हर दिन किसी न किसी योजना का शुभारंभ करते हैं. बावजूद इसके मेला समिति सरकार और प्रशासन से खुश नहीं है.

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मेला समिति का कहना है कि आज तक मेले में जितनी भी घोषणाएं की गई हैं वो पूरी नहीं की गई हैं. मेला समिति ने कहा कि सरकार और नेता जिले के इस मेले को लेकर गंभीर नहीं हैं. जिसके कारण स्थानीय लोग मायूस हो रहे हैं. मेला समिति के संयोजक विक्रम नेगी ने बताया कि छः नवंबर से आयोजित होने वाले मंदाकिनी शरदोत्सव मेले का शुभारंभ केदारनाथ विधायक करेंगे. जबकि मेले के समापन पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत यहां पहुंचेंगे.

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उन्होंने कहा कि पिछले साल मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस मेले के शुभारंभ किया था. इस दौरान उन्होंने मेले को भव्य रूप देने के लिए पांच लाख रुपए देने की घोषणा की थी. इसके अलावा अन्य मंत्रियों और विधायकों ने संस्कृति विभाग व अन्य संसाधानों से मेले की मजबूती को लेकर घोषणाएं की थी, जिन पर अभी तक कोई अमल नहीं किया गया है. इस बारे में कई बार पत्राचार और मुलाकात भी की गई लेकिन नतीजा सिफर ही निकला.

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मेला समिति का कहना है कि जिस तरह से गौचर में आयोजित होने वाले मेले को सरकारी मदद दी जाती है, ठीक उसी प्रकार से अगस्त्यमुनि में आयोजित होने वाले मंदाकिनी शरदोत्सव मेले को भी सहायता दी जाय. जिससे यहां के स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा मिल सके और इस मेले को और अधिक भव्य बनाया जा सके. वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का इस मामले में कहना है कि स्थानीय समिति मेले का आयोजन करती है. जिला प्रशासन की ओर से मेला समिति की मदद करने के साथ ही यहां स्टाॅल लगाये जाते हैं. यदि शासन स्तर पर मेला समिति का बजट रह गया है तो इसके लिए पत्राचार किया जायेगा.

Intro:मंदाकिनी शरदोत्सव मेला समिति ने लगाए आरोप
सरकार और शासन से नहीं मिल रही मेले को मदद
पिछली घोषणाओं में एक पर भी नहीं हुआ अमल
मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्रियों ने की थी घोषणाएं
रुद्रप्रयाग। जिले के सबसे बड़े खेल मैदान अगस्त्यमुनि में छः नवंबर से आयोजित होने वाले मंदाकिनी शरदोत्सव मेले को सरकार और शासन से कोई मदद नहीं मिल रही है। मेला समिति ने आरोप लगाया कि मेले में निमंत्रण देने पर मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री आकर घोषणाएं करते हैं, मगर उन घोषणाओं पर कोई अमल नहीं होता है। पिछले वर्ष मेले को भव्य स्वरूप देने के लिए पांच लाख रूपये देने की घोषणा की गई, लेकिन वे पैंसे भी अब तक मेला समिति को नहीं मिले हैं। जिससे मेले को भव्य रूप देने के लिए मेला समिति अपने संसाधनों से कार्य कर रही है। Body:दरअसल, दो दशक से मंदाकिनी शरदोत्सव एवं कृषि औद्योगिक विकास मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों से लेकर मनोरंजन के साधन और स्थानीय उत्पादों के स्टाॅल लगाये जाते हैं। साथ ही विभागीय स्टाॅल लगाकर जनता को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाती है। इतना ही नहीं जिले के इस सबसे बड़े मेले में मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री आकर मेले का हर दिन शुभारंभ करते हैं, मगर दुख की बात यह है कि अब तक जितनी भी घोषणाएं मेले को लेकर की गई, उन पर कोई अमल नहीं हुआ है। शासन से लेकर सरकार मेले को लेकर गंभीर नहीं है, जिससे स्थानीय जनता और मेला समिति में मायूसी बनी हुई है। मेला समिति के संयोजक विक्रम नेगी ने बताया कि छः नवंबर यानि बुधवार से आयोजित होने वाले मंदाकिनी शरदोत्सव मेले का शुभारंभ केदारनाथ विधायक के हाथों किया जायेगा, जबकि मेले के समापन पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मेले के शुभारंभ अवसर पर पहुंचे थे और उन्होंने मेले को भव्य रूप देने के लिए पांच लाख दिये जाने की घोषणा की थी, जबकि अन्य मंत्रियों एवं विधायकों ने संस्कृति विभाग व अन्य संसाधानों से मेले की मजबूती को लेकर घोषणाएं की, जिन पर आज तक कोई अमल नहीं हो पाया। मेला समिति की ओर से मेले में मदद किये जाने को लेकर कई बार पत्राचार और मुलाकात भी की गई, मगर किसी भी स्तर से मेला संचालन में सहायता राशि नहीं दी गई। जिसके बाद मेला समिति की ओर से स्वयं के संसाधनों से मेले का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह मेला जिले का सबसे बड़ा मेला होता है, जो अगस्त्य ऋषि की धरती पर आयोजित किया जाता है। मेला समिति चाहती थी कि जिस प्रकार चमोली जिले के गौचर में आयोजित मेले को सरकारी मदद दी जाती है, ठीक उसी प्रकार अगस्त्यमुनि में आयोजित मंदाकिनी शरदोत्सव मेले को भी सहायता दी जाय। उन्होंने कहा कि मेले में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित होते हैं। मेले में स्थानीय कलाकार, युवक-महिला मंगल दल से लेकर स्कूली छात्र अपना प्रदर्शन दिखाते हैं, जिन्हें पुरस्कार वितरण किया जाता है। अगर सरकार और शासन से मेले को मदद मिल जाती तो मंदाकिनी शरदोत्सव मेले को और अधिक भव्य बनाया जा सकता है।
बाइट - विकम सिंह नेगी, मेला संयोजक
वीओ -2- वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि स्थानीय समिति मेले का आयोजन करती है और जिला प्रशासन की ओर से मेला समिति की मदद करने के साथ ही स्टाॅल लगाये जाते हैं। यदि शासन स्तर पर मेला समिति का बजट रह गया है तो इसके लिए पत्राचार किया जायेगा।
बाइट - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी Conclusion:
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