ETV Bharat / state

मंदाकिनी और अलकनंदा का बढ़ा जल स्तर, व्यापारियों ने समेटा सामान

पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन शुरू हो गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड पर कई जगह डेंजर जोन बन गए हैं. जिस कारण यात्रा में भारी कमी आने से व्यापारियों को भी खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है.

author img

By

Published : Jul 9, 2019, 4:21 PM IST

खतरे के निशान के निकट बह रही मंदाकिनी और अलकनंदा नदियां.

रुद्रप्रयाग: पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं. वहीं, रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी भी खतरे के निशान के पास बह रही है. अलकनंदा नदी के उफान पर आने के कारण सभी स्नान घाट जलमग्न हो गए हैं. वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ में भी दो दिनों से बारिश जारी है. बारिश के कारण यात्रा मार्ग के व्यापारियों का व्यवसाय भी चौपट हो गया है.

खतरे के निशान के निकट बह रही मंदाकिनी और अलकनंदा नदियां.

पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होना भी शुरू हो गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड पर डेंजर जोन सक्रिय बन गए हैं. इसके अलावा नदी-नाले और गाड़-गदेरे भी उफान पर हैं. बारिश के कारण चमोली और केदारघाटी में लगातार बारिश होने से अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ गया है. जिससे नदी किनारे नमामि गंगे योजना के तहत नवनिर्मित सभी स्नान और अन्य घाट डूब गए हैं. नदी का बहाव इतना तेज है कि घाट के कुछ हिस्सों का कुछ पता ही नहीं चल रहा है.

इसके साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में दो दिनों से लगातार बारिश जारी है. धाम में हो रही बारिश के कारण यात्रा भी बुरी तरह से चरमरा गई है. केदारनाथ में विजिबिलिटी भी शून्य है. घने कोहरे के कारण केदारनाथ के लिये हेली सेवाएं भी उड़ान नहीं भर पा रही हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंडः मानसून ने पकड़ा जोर, चारधाम तीर्थयात्रियों की संख्या में आई कमी

यात्रा में भारी कमी आने से यात्रा मार्ग पर व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को भी खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है. अधिकांश व्यापारियों ने तो पैदल मार्ग से अपनी दुकानें भी हटा ली हैं. केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के जंगलचटटी, छानी कैंप, बेस कैंप, लिनचैली में सन्नाटा पसरा हुआ है.

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि मानसून को देखते हुए प्रशासन स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग गौरीकुंड-रुद्रप्रयाग में 15 से ज्यादा मशीनें तैनात की गई हैं, जबकि दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में दो माह का राशन भेजा जा चुका है. उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ की टीम को भी तैनात किया गया है, जिससे कोई बड़ी घटना होने पर जल्द बचाव किया जा सके.

रुद्रप्रयाग: पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं. वहीं, रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी भी खतरे के निशान के पास बह रही है. अलकनंदा नदी के उफान पर आने के कारण सभी स्नान घाट जलमग्न हो गए हैं. वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ में भी दो दिनों से बारिश जारी है. बारिश के कारण यात्रा मार्ग के व्यापारियों का व्यवसाय भी चौपट हो गया है.

खतरे के निशान के निकट बह रही मंदाकिनी और अलकनंदा नदियां.

पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होना भी शुरू हो गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड पर डेंजर जोन सक्रिय बन गए हैं. इसके अलावा नदी-नाले और गाड़-गदेरे भी उफान पर हैं. बारिश के कारण चमोली और केदारघाटी में लगातार बारिश होने से अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ गया है. जिससे नदी किनारे नमामि गंगे योजना के तहत नवनिर्मित सभी स्नान और अन्य घाट डूब गए हैं. नदी का बहाव इतना तेज है कि घाट के कुछ हिस्सों का कुछ पता ही नहीं चल रहा है.

इसके साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में दो दिनों से लगातार बारिश जारी है. धाम में हो रही बारिश के कारण यात्रा भी बुरी तरह से चरमरा गई है. केदारनाथ में विजिबिलिटी भी शून्य है. घने कोहरे के कारण केदारनाथ के लिये हेली सेवाएं भी उड़ान नहीं भर पा रही हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंडः मानसून ने पकड़ा जोर, चारधाम तीर्थयात्रियों की संख्या में आई कमी

यात्रा में भारी कमी आने से यात्रा मार्ग पर व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को भी खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है. अधिकांश व्यापारियों ने तो पैदल मार्ग से अपनी दुकानें भी हटा ली हैं. केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के जंगलचटटी, छानी कैंप, बेस कैंप, लिनचैली में सन्नाटा पसरा हुआ है.

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि मानसून को देखते हुए प्रशासन स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग गौरीकुंड-रुद्रप्रयाग में 15 से ज्यादा मशीनें तैनात की गई हैं, जबकि दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में दो माह का राशन भेजा जा चुका है. उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ की टीम को भी तैनात किया गया है, जिससे कोई बड़ी घटना होने पर जल्द बचाव किया जा सके.

नोटः खबर में केदारनाथ में बारिश, यात्रा पड़ाव एवं घाट जलमग्न और बारिश के वीडीओ भेजे गये हैं।
खतरे के निशान के निकट बह रही मंदाकिनी व अलकनंदा नदियां
नदियां आई उफान पर, नदी किनारे स्थित घाट हुए जलमग्न
केदारनाथ धाम में जमकर हो रही बारिश
यात्रा मार्ग पर व्यवसाय करने वाले व्यापारियों का व्यवसाय हुआ ठप
बारिश से पुनर्निर्माण कार्य भी हो रहे प्रभावित
उत्तराखण्ड डेस्क
स्लग - बारिश से परेशानी
रिपोर्ट - रोहित डिमरी/09 जुलाई 2019/रुद्रप्रयाग/एवीबी
एंकर - पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश आफत बनी है। बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गये हैं। जगह-जगह बरसाती गदेेरे निकलने लगे हैं। नदियां खतरे के निशान के नजदीक बह रही हैं। यदि बारिश का सितम इसी तरह जारी रहा तो आम जनता की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी और मंदाकिनी नदी भी उफान पर बह रही हैं। अलकनंदा नदी के उफान पर आने से नदी किनारे स्थित सभी स्नान घाट जलमग्न हो गये हैं। साथ ही नदी किनारे रह रहे लोगों को भी खतरा बन गया है। वहीं दूसरी ओर केदारनाथ में भी दो दिनों से बारिश जारी है। बारिश के कारण यात्रा मार्ग पर व्यापार करने वाले व्यापारियों का व्यवसाय चैपट हो गया है। धाम में अब पाचं से एक हजार के बीच ही तीर्थयात्री आ रहे हैं। लगातार बारिश के कारण यात्रा पर बुरा असर देखने को मिल रहा है। प्रशासन की ओर से विभागों को अलर्ट पर रखा गया है। दूरस्थ क्षेत्रों में एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है, जिससे कोई भी परेशानी होनी पर शीघ्र पहुंचाई जा सके।
इन दिनों पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है। बारिश से जगह-जगह भूस्खलन होना भी शुरू हो गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग रुद्रप्रयाग-गौरीकुण्ड पर डेंजर जोन सक्रिय हो चुके हैं। इसके अलावा नदी-नाले और गाड़ गदेरे भी उफान पर आने लगे हैं। बारिश के कारण चमोली जिले और केदारघाटी में लगातार बारिश होने से अलकनंदा व मंदाकिनी नदी का जल स्तर बढ़ गया है, जिससे नदी किनारे नमामि गंगे योजना के तहत नवनिर्मित सभी स्नान एवं अन्य घाट पूर्ण रूप से जलमग्न हो गये हैं। नदी का बहाव इतना तेज है कि घाट के कुछ हिस्सों का कुछ पता ही नहीं है। यदि बारिश इसी तरह जारी रही तो दिक्कतें बढ़ जायेंगी। नदी किनारे स्थित आवासीय घरों के लिये भी खतरा पैदा हो गया है।
वहीं द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम में दो दिनों से लगातार बारिश जारी है। धाम में हो रही बारिश के कारण यात्रा भी बुरी तरह से चरमरा गई है। मौसम खराब होने के कारण बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या में भारी कमी आ गई है। केदारनाथ धाम हो रही बारिश से केदारपुरी घने कोहरे की चपेट में आ गई है। केदारनाथ में विजीविलिटी भी शून्य हो गई है। घने कोहरे के कारण केदारनाथ के लिये हेली सेवाएं भी उड़ान नहीं भर पा रही हैं। केदारधाम के लिए दो हेली सेवाएं ही उड़ाने भर रही हैं।
केदारनाथ धाम में जमकर मेघ बरस रहे हैं। बारिश का केदारनाथ यात्रा पर बुरी तरह से प्रभाव पड़ा है। गिने-चुने यात्री ही केदारनाथ धाम में पहुंच रहे हैं। यात्रियों से गुलजार रहने वाला केदारनाथ धाम का नजारा यात्रियों के अभाव में वीरान नजर आ रहा है। बारिश के साथ ही केदारनाथ घने कोहरे की चपेट में आ गया है। केदारनाथ में चारों ओर से धुंध छाई हुई है। मौसम खराब होने के कारण केदारनाथ धाम के लिये उड़ान भरने वाली हेली सेवाएं भी बंद पड़ी हुई हैं। बारिश के चलते केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं। केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी अधर में लटक गये हैं।  वहीं दूसरी ओर हमेशा यात्रियों से गुलजार रहने वाला केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग यात्रियों के अभाव में वीरान नजर आ रहा है। पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चर नहीं चल रहे हैं। यात्रा में भारी कमी आने से यात्रा मार्ग पर व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को भी खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है। अधिकांश व्यापारियों ने तो पैदल मार्ग से अपनी दुकाने भी हटा दी हैं। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के जंगलचटटी, छानी कैंप, बेस कैंप, लिनचैली में सन्नाटा पसरा हुआ है।
बाइट - प्रीतम गोस्वामी, व्यापारी
इधर, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि मानसून को देखते हुए प्रशासन स्तर पर तैयारियां पूरी की गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग गौरीकुण्ड-रुद्रप्रयाग में 15 से ज्यादा मशीने तैनात की गई है, जबकि दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में दो माह का राशन भेजा जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ की टीम को भी तैनात किया गया है, जिससे कोई बड़ी घटना होने पर शीघ्रता से कार्य किया जायेगा।
बाइट - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.