रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. 11 मई को मद्महेश्वर मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे. भगवान मद्महेश्वर के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में पौराणिक परम्पराओं और रीति-रिवाजों के साथ सभी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भ गृह से सभा मंडप लाया गया. प्रशासन स्तर से नियुक्त महिलाओं ने भगवान मद्महेश्वर को नये अनाज का भोग अर्पित किया. इस दौरान लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया गया.
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शुक्रवार को भगवान मद्महेश्वर सभा मंडप में विराजमान होंगे और शनिवार को भगवान मद्महेश्वर की डोली ऊखीमठ से अपने धाम के लिए रवाना होगी. इस साल लॉकडाउन के कारण भगवान मद्महेश्वर की डोली को मंगोलचारी से रांसी तक वाहन के जरिए लाया जा सकता है.
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ओंकारेश्वर मंदिर के प्रधान पुजारी बागेश्वर लिंग और मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग ने भगवान ओंकारेश्वर सहित पंचनामा देवी-देवताओं की पूजा अर्चना कर जलाभिषेक किया. जिसके बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव भोग मूर्तियों को परंपरा के अनुसार सभा मंडप लाया गया.
इस मौके पर ओंकारेश्वर मंदिर में रावल भीमाशंकर लिंग और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जरूरमंद लोगों को खाद्य सामग्री वितरित की. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज कालीमठ ओंकारेश्वर मन्दिर में पहुंचे, जहां पर उन्होंने भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन किए.
शुक्रवार को भगवान मद्महेश्वर की मूर्तियां सभा मडंप में ही विराजमान रहेंगी. जिसके बाद शनिवार को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को डोली में विराजमान कर डोली का विशेष श्रृंगार किया जायेगा. जिसके बाद डोली अपने धाम के लिए रवाना होगी.