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रंगारंग कार्यक्रम के साथ हुआ मदमहेश्वर मेले का समापन, खूब बजी तालियां

तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेले का आज समापन हो गया. मेले में अमित सागर और हेमा नेगी ने अपने गीतों से समां बांध दिया. वहीं, प्रतिनिधियों ने मेले को एक अलग पहचान मिलने की बात कही है.

मदमहेश्वर मेले का हुआ समापन
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Published : Nov 25, 2019, 8:11 PM IST

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह डोली उत्सव मनाया गया. डोली कैलाश से शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ तक आती है. इस दौरान तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है. जिसका आज समापन कर दिया गया. मेले में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन और पुरस्कार वितरण किया गया. इसके साथ ही मेला समिति को मेले के आयोजन के लिए दी जानी वाली राशि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये देने की घोषणा की गई है.

Madamaheshwar fair
मेले में लगी दर्शकों की भीड़.

तीन दिवसीय मेले के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष रुद्रप्रयाग गीता झिंक्वाण ने शिरकत की. साथ ही उन्होंने बताया कि इस प्रकार के भव्य मेलों का संचालन ईश्वरीय कृपा से हो सकता है. नगर पंचायत अध्यक्ष अगस्त्यमुनि अरुणा बेंजवाल ने बताया कि धार्मिक मेलों का आयोजन हर प्राणी जगत में नई ऊर्जा का संचार करता है.

Madamaheshwar fair
संगीत से बांधा समां.

नगर पंचायत अध्यक्ष तिलवाड़ा संजू जगवाण ने बताया कि मेला हमारी पौराणिक संस्कृति के घोतक हैं. पूर्व प्रधानाचार्य मोहन सिंह बजवाल और मनवर सिंह नेगी ने बताया कि मदमहेश्वर मेला भव्य रूप ले चुका है. मेला समिति अध्यक्ष ने सभी अतिथियों और जनमानस का आभार व्यक्त किया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता मनवर सिंह रावत और संचालन भूपेन्द्र राणा ने किया.

Madamaheshwar fair
पुरस्कारों का वितरण करते हुए.

तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेले के समापन अवसर पर विभिन्न विद्यालयों और महिला मंगल दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही. कलश संस्था के तत्वावधान में आयोजित विराट कवि सम्मेलन में ओम प्रकाश सेमवाल ने कविताओं से दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. साथ ही मेला समिति ने सभी प्रतिभागियों और नौनिहालों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया.

ये भी पढ़ें: पिथौरागढ़ उपचुनाव: वोटर लिस्ट में महाराष्ट्र गवर्नर का नाम, नहीं पहुंचे वोट डालने

बता दें कि मेले में उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक गायिका हेमा नेगी करासी और अमित सागर ने धार्मिक भजनों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. मुख्य अतिथि मन्दिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने बताया कि मेलों के आयोजन से आपसी भाईचारा और सौहार्द बढ़ता है.

नगर पंचायत सलाहकार समिति अध्यक्ष केदारनाथ देव प्रकाश सेमवाल ने बताया कि मदमहेश्वर मेले की अपनी में विशिष्ट पहचान है. पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रीता पुष्वाण ने बताया कि मदमहेश्वर मेले को भव्य रूप देने में आम जनमानस का अहम योगदान रहा है.

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह डोली उत्सव मनाया गया. डोली कैलाश से शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ तक आती है. इस दौरान तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है. जिसका आज समापन कर दिया गया. मेले में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन और पुरस्कार वितरण किया गया. इसके साथ ही मेला समिति को मेले के आयोजन के लिए दी जानी वाली राशि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये देने की घोषणा की गई है.

Madamaheshwar fair
मेले में लगी दर्शकों की भीड़.

तीन दिवसीय मेले के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष रुद्रप्रयाग गीता झिंक्वाण ने शिरकत की. साथ ही उन्होंने बताया कि इस प्रकार के भव्य मेलों का संचालन ईश्वरीय कृपा से हो सकता है. नगर पंचायत अध्यक्ष अगस्त्यमुनि अरुणा बेंजवाल ने बताया कि धार्मिक मेलों का आयोजन हर प्राणी जगत में नई ऊर्जा का संचार करता है.

Madamaheshwar fair
संगीत से बांधा समां.

नगर पंचायत अध्यक्ष तिलवाड़ा संजू जगवाण ने बताया कि मेला हमारी पौराणिक संस्कृति के घोतक हैं. पूर्व प्रधानाचार्य मोहन सिंह बजवाल और मनवर सिंह नेगी ने बताया कि मदमहेश्वर मेला भव्य रूप ले चुका है. मेला समिति अध्यक्ष ने सभी अतिथियों और जनमानस का आभार व्यक्त किया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता मनवर सिंह रावत और संचालन भूपेन्द्र राणा ने किया.

Madamaheshwar fair
पुरस्कारों का वितरण करते हुए.

तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेले के समापन अवसर पर विभिन्न विद्यालयों और महिला मंगल दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही. कलश संस्था के तत्वावधान में आयोजित विराट कवि सम्मेलन में ओम प्रकाश सेमवाल ने कविताओं से दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. साथ ही मेला समिति ने सभी प्रतिभागियों और नौनिहालों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया.

ये भी पढ़ें: पिथौरागढ़ उपचुनाव: वोटर लिस्ट में महाराष्ट्र गवर्नर का नाम, नहीं पहुंचे वोट डालने

बता दें कि मेले में उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक गायिका हेमा नेगी करासी और अमित सागर ने धार्मिक भजनों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. मुख्य अतिथि मन्दिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने बताया कि मेलों के आयोजन से आपसी भाईचारा और सौहार्द बढ़ता है.

नगर पंचायत सलाहकार समिति अध्यक्ष केदारनाथ देव प्रकाश सेमवाल ने बताया कि मदमहेश्वर मेले की अपनी में विशिष्ट पहचान है. पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रीता पुष्वाण ने बताया कि मदमहेश्वर मेले को भव्य रूप देने में आम जनमानस का अहम योगदान रहा है.

Intro:पुरस्कार वितरण के साथ मदमहेश्वर मेला संपंन
उद्यान विभाग का स्टाॅल मेले में रहा प्रथम
अमित सागर एवं हेमा नेगी के गीतों की रही धूम
रुद्रप्रयाग। पंच केदारो में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ आगमन पर लगने वाले तीन दिवसीय मदमहेश्वर का समापन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों, कलश संस्था के कवि सम्मेलन तथा पुरस्कार वितरण के साथ सम्पन हो गया है,Body:तीन दिवसीय मेले के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष रुद्रप्रयाग गीता झिंक्वाण ने कहा कि इस प्रकार के भव्य मेलों का संचालन ईश्वरीय कृपा से हो सकता है। नगर पंचायत अध्यक्ष अगस्त्यमुनि अरूणा बंेजवाल ने कहा कि धार्मिक मेलों के आयोजन हर प्राणी जगत में नई ऊर्जा का संचार होता है। नगर पंचायत अध्यक्ष तिलवाडा संजू जगवाण ने कहा कि मेले हमारी पौराणिक संस्कृति के घोतक हंै। पूर्व प्रधानाचार्य मोहन सिंह बजवाल व मनवर सिंह नेगी ने कहा कि मदमहेश्वर मेला आज भव्य रूप ले चुका है। मेला समिति अध्यक्ष ने सभी अतिथियांे व जनमानस का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मनवर सिंह रावत व संचालन भूपेन्द्र राणा ने किया। तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेले के समापन अवसर पर विभिन्न विद्यालयों व महिला मंगल दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। कलश संस्था के तत्वावधान में आयोजित विराट कवि सम्मेलन में ओम प्रकाश सेमवाल ने कर भिडन्त जीतण जरूरी च, मुरली दीवान ने मंगतु सगत ज्वान ह्वैगी, जगदम्बा चमोला ने जब ब्योन्दु, सुधीर बर्तवाल ने अभि त कुखडा दारू, तेजपाल निर्मोही ने तडं तडो नी होण, अश्विनी गौड़ ने ऊखीमठ मेला मा आवा, कविता भट्ट ने ऐगी मौल्यार, उपासना सेमवाल ने नकलि जनम पत्री जैसी कविताओं से दर्शकों का देर सायं तक समा बांधे रखा। मेले मे लगाये गये स्टालो में उद्यान विभाग प्रथम, कृषि विभाग द्वितीय व वन विभाग तीसरे स्थान पर रहा। मेला समिति द्वारा सभी प्रतिभागियो व नौनिहालों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। Conclusion:बता दें कि मेले में उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक गायिका हेमा नेगी करासी व अमित सागर ने धार्मिक भजनों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को देर रात तक झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि मन्दिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने कहा कि मेलों के आयोजन से आपसी भाईचारा व सौहार्द बढ़ता है। उन्होंने मेला समिति को मेले के आयोजन के लिए दी जानी वाली राशि पचास हजार से बढ़ाकर एक लाख रूपये देने की घोषणा की। नगर पंचायत सलाहकार समिति अध्यक्ष केदारनाथ देव प्रकाश सेमवाल ने कहा कि मदमहेश्वर मेले की अपनी में विशिष्ट पहचान है। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रीता पुष्वाण ने कहा कि मदमहेश्वर मेले को भव्य रूप देने में आम जनमानस का अहम योगदान रहा है। अगस्त्यमुनि के सामाजिक कार्यकर्ता अनुसूया प्रसाद बंेजवाल ने कहा कि भगवान मदमहेश्वर न्याय के देवता हैं। मेला समिति अध्यक्ष ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। भजन संध्या का शुभारंभ लोक गायिका हेमा नेगी करासी ने भगवती नन्दा देवी की सस्तुति से किया। लोक गायक अमित सागर की फुर घिदुणी आ जा पदानों का छाजा की प्रस्तुति पर दर्शक झूमने को विवश हो गये। हेमा नेगी करासी व अमित सागर ने देर रात तक अनेक धार्मिक भजनों की प्रस्तुति देकर समा बांधे रखा।
फोटो परिचय: रुद्रप्रयाग: पुरस्कार वितरण करते अतिथि
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