रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह डोली उत्सव मनाया गया. डोली कैलाश से शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ तक आती है. इस दौरान तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है. जिसका आज समापन कर दिया गया. मेले में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन और पुरस्कार वितरण किया गया. इसके साथ ही मेला समिति को मेले के आयोजन के लिए दी जानी वाली राशि 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये देने की घोषणा की गई है.
तीन दिवसीय मेले के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष रुद्रप्रयाग गीता झिंक्वाण ने शिरकत की. साथ ही उन्होंने बताया कि इस प्रकार के भव्य मेलों का संचालन ईश्वरीय कृपा से हो सकता है. नगर पंचायत अध्यक्ष अगस्त्यमुनि अरुणा बेंजवाल ने बताया कि धार्मिक मेलों का आयोजन हर प्राणी जगत में नई ऊर्जा का संचार करता है.
नगर पंचायत अध्यक्ष तिलवाड़ा संजू जगवाण ने बताया कि मेला हमारी पौराणिक संस्कृति के घोतक हैं. पूर्व प्रधानाचार्य मोहन सिंह बजवाल और मनवर सिंह नेगी ने बताया कि मदमहेश्वर मेला भव्य रूप ले चुका है. मेला समिति अध्यक्ष ने सभी अतिथियों और जनमानस का आभार व्यक्त किया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता मनवर सिंह रावत और संचालन भूपेन्द्र राणा ने किया.
तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेले के समापन अवसर पर विभिन्न विद्यालयों और महिला मंगल दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही. कलश संस्था के तत्वावधान में आयोजित विराट कवि सम्मेलन में ओम प्रकाश सेमवाल ने कविताओं से दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. साथ ही मेला समिति ने सभी प्रतिभागियों और नौनिहालों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया.
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बता दें कि मेले में उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक गायिका हेमा नेगी करासी और अमित सागर ने धार्मिक भजनों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. मुख्य अतिथि मन्दिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने बताया कि मेलों के आयोजन से आपसी भाईचारा और सौहार्द बढ़ता है.
नगर पंचायत सलाहकार समिति अध्यक्ष केदारनाथ देव प्रकाश सेमवाल ने बताया कि मदमहेश्वर मेले की अपनी में विशिष्ट पहचान है. पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष रीता पुष्वाण ने बताया कि मदमहेश्वर मेले को भव्य रूप देने में आम जनमानस का अहम योगदान रहा है.