रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के लोगों की आराध्य मां डोलिया देवी पहली बार सैकड़ों भक्तों के साथ केदारनाथ यात्रा पर निकली हैं. ये यात्रा अनेक गांवों का भ्रमण कर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए केदारनाथ पहुंचेगी, जहां 28 अगस्त को यात्रा का समापन होगा.
डोलिया देवी ने महिषासुर राक्षस का किया था वध: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार केदारघाटी में देवी ने मां काली का रूप धारण कर महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था. जिसके बाद फाटा के निकट स्थित एक गांव में कुछ देर विश्राम किया था. तब से इस गांव का नाम खाट पड़ा और गांव के निकट स्थित मंदिर का निर्माण करते हुए डोलिया देवी के रूप में पूजा अर्चना शुरू हुई. केदारघाटी के कण-कण में देवी देवताओं का वास है. यही कारण है कि उत्तराखंड को देवभूमि के रूप में पूजा जाता है. 6 माह ग्रीष्मकाल में जब भगवान केदारनाथ के कपाट खुलते हैं, तो इंसानों के साथ-साथ देवी देवताओं की देव डोलियां भी धाम में दर्शनों को पहुंचती हैंं.
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कई गांवों का भ्रमण कर केदारनाथ धाम पहुंचेगी डोली: मंदिर के पुजारी ने बताया कि केदारघाटी में देवी ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध किया था और उसके बाद फाटा के निकट विश्राम किया था. जिससे उस गांव का नाम खाट पड़ा और डोलिया देवी के रूप में मां की पूजा होने लगी. वहीं, स्थानीय निवासी ने बताया कि पहली बार देवी केदारनाथ यात्रा पर निकली हैं. उनके साथ सैकड़ों भक्त भी चल रहे हैं. उन्होंने बताया कि यात्रा विभिन्न गांवों का भ्रमण करेगी. जिसके बाद केदारनाथ धाम पहुंचेगी.
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