रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात व चन्द्रशिला की तलहटी में बसे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कण्डेय तीर्थ मक्कूमठ में विराजमान हो गई है. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से मक्कू गांव आगमन पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने चल विग्रह उत्सव डोली की अगुवाई की और लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर विश्व कल्याण की कामना की.
शनिवार से भगवान तुंगनाथ की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कडेय तीर्थ मक्कूमठ में विधिवत शुरू होगी. शुक्रवार को 11 बजे भगवान तुंगनाथ चल विग्रह उत्सव डोली भनकुंड से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए रवाना हुई थी. पैदल यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं ने अनेक प्रकार की पूजा सामग्रियों से अघ्र्य लगाकर कर लाल पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी.
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इसके बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली मार्कडेय तीर्थ की तीन परिक्रमा कर शीतकालीन गद्दीस्थल पर विराजमान हुई. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के विराजमान होते ही विद्वान आचार्यो द्वारा सभी मूर्तियों का अभिषेक किया गया. इसके बाद ग्रामीणों ने पौराणिक परम्पराओं के अनुसार अघ्र्य लगाकर विश्व कल्याण की कामना की. शनिवार से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा मक्कूमठ में विधिवत शुरू होगी.