ETV Bharat / state

भनकुंड पहुंची भगवान तृतीय केदार तुंगनाथ की डोली, नौ नवंबर को मक्कूमठ में होगी पूजा-अर्चना - भनकुंड पहुंची भगवान तृतीय केदार तुंगनाथ की डोली

पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की विग्रह उत्सव डोली अंतिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुंड पहुंची. वहीं, शुक्रवार को उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी और नौ नवम्बर से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा विधिवत मक्कूमठ में शुरू हो जाएगी.

भनकुंड पहुंची भगवान तृतीय केदार तुंगनाथ की डोली
author img

By

Published : Nov 7, 2019, 8:40 PM IST

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की विग्रह उत्सव डोली अंतिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुंड पहुंची. वहीं, शुक्रवार को उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी और नौ नवम्बर से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा विधिवत मक्कूमठ में शुरू हो जाएगी.

पढ़ें: जिलाध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनावों में BJP का पलड़ा भारी, अजय भट्ट ने कांग्रेस पर कसा तंज

बता दें कि भूतनाथ मन्दिर चोपता में पंडित भरत प्रसाद मैठाणी सहित अन्य पुजारियों ने भगवान तुंगनाथ की डोली की पंचांग पूजन अर्चना कर विश्व कल्याण की कामना की. साथ ही उत्सव डोली को स्थानीय वाद्य यंत्रों की थाप व श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ अगले पड़ाव के लिए रवाना किया गया.

जिसके बाद दोपहर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का डूण्डू गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने पौराणिक परम्परा के अनुसार अघ्रय लगाया. वहीं, भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के बनातोली पहुंचने पर करोखी, दैड़ा, सारी, उषाडा, बरंगाली सहित विभिन्न गांवों के ग्रामीणों ने भगवान तुंगनाथ को भोग अर्पित किया गया. फिर भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने अंतिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुंड पहुंची और शुक्रवार को डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी.

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ की विग्रह उत्सव डोली अंतिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुंड पहुंची. वहीं, शुक्रवार को उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी और नौ नवम्बर से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा विधिवत मक्कूमठ में शुरू हो जाएगी.

पढ़ें: जिलाध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनावों में BJP का पलड़ा भारी, अजय भट्ट ने कांग्रेस पर कसा तंज

बता दें कि भूतनाथ मन्दिर चोपता में पंडित भरत प्रसाद मैठाणी सहित अन्य पुजारियों ने भगवान तुंगनाथ की डोली की पंचांग पूजन अर्चना कर विश्व कल्याण की कामना की. साथ ही उत्सव डोली को स्थानीय वाद्य यंत्रों की थाप व श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ अगले पड़ाव के लिए रवाना किया गया.

जिसके बाद दोपहर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का डूण्डू गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने पौराणिक परम्परा के अनुसार अघ्रय लगाया. वहीं, भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के बनातोली पहुंचने पर करोखी, दैड़ा, सारी, उषाडा, बरंगाली सहित विभिन्न गांवों के ग्रामीणों ने भगवान तुंगनाथ को भोग अर्पित किया गया. फिर भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने अंतिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुंड पहुंची और शुक्रवार को डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी.

Intro:भनकुण्ड पहुंची भगवान तृतीय केदार तुंगनाथ की डोली
रात्रि चोपता में प्रवास के बाद डोली हुई रवाना
नौ नवंबर से शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में होगी पूजा-अर्चना
रुद्रप्रयाग। पंच केदारो में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तंुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अंतिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंची। शुक्रवार को भगवान तंुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी और नौ नवम्बर से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा विधिवत मक्कूमठ में शुरू होगी। Body:आज भूतनाथ मन्दिर चोपता में पण्डित भरत प्रसाद मैठाणी, अतुल मैठाणी, प्रकाश मैठाणी, आशीष मैठाणी एवं विनोद प्रसाद मैठाणी ने भगवान तंुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली की पंचांग पूजन के तहत अनेक पूजाएं कर विश्व कल्याण व क्षेत्र की खुशहाली की कामना की और भगवान तंुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली व साथ चल रहे अनेक देवी देवताओं के निशाणों की आरती उतारी और भगवान तंुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली स्थानीय वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों व श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई। बनियाकुण्ड, दुगलबिटटा, मक्कूबैंड सहित अनेक यात्रा पडावों पर श्रद्धालुओं व स्थानीय व्यापारियों ने भगवान तंुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का पुष्प अक्षत्रों से भव्य स्वागत कर लाल पीले वस्त्र अर्पित कर मनौतिया मांगी। दोपहर बाद भगवान तंुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के डूण्डू गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने पौराणिक परम्परा के अनुसार अनेक प्रकार की पूजार्थ सामाग्रीयों से अघ्र्य लगाया और भगवान तंुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के बनातोली पहुंचने पर करोखी, दैड़ा, सारी, उषाडा, बरंगाली सहित विभिन्न गांवों के ग्रामीणों ने भोग अर्पित किया। भगवान तंुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने अंतिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंची और शुक्रवार को भगवान तंुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी।
Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.