ETV Bharat / state

केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा कल, फिर रवाना होगी डोली

भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा कल शनिवार देर शाम पूरे विधि-विधान से की जाएगी. पूजन के बाद उनकी डोली ऊखीमठ से केदारपुरी के लिए रवाना होंगे तथा जगत कल्याण के लिए ग्रीष्मकाल के 6 महीने केदारपुरी में तपस्यारत रहेंगे.

Rudraprayag
ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान भैरवनाथ भगवान की कल होगी पूजा
author img

By

Published : Apr 24, 2020, 7:15 PM IST

रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा कल शनिवार देर शाम पूरे विधि-विधान से की जाएगी. पूजन के बाद केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ ऊखीमठ से केदारपुरी के लिए रवाना होंगे तथा जगत कल्याण के लिए ग्रीष्मकाल के 6 महीने केदारपुरी में तपस्यारत रहेंगे. बता दें, भैरव पूजन के साथ ही केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

बता दें, दशकों से चली आ रही परंपरा के अनुसार, भैरवनाथ की पूजा मंगलवार या फिर शनिवार को करने का विधान है. भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान भैरवनाथ की पूजा भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से केदारनाथ धाम रवाना होने से पूर्व की परंपरा है. इसी परंपरा के अनुसार, शनिवार को ऊखीमठ में केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा-अर्चना पौराणिक परंपराओं व विधि-विधान से की जाएगी.

पढ़े- मधुशाला बंद होने से रुके बाल शोषण के मामले, ऊषा नेगी EXCLUSIVE

वहीं, लोक मान्यताओं के अनुसार, ऊखीमठ में भैरवनाथ पूजा के बाद केदारपुरी के लिए रवाना हो जाते हैं तथा ग्रीष्मकाल के 6 महीने केदारपुरी में जगत कल्याण के लिए तपस्यारत रहते हैं. विगत वर्षों की बात करें तो भैरव पूजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ शामिल होती थी, मगर इस बार कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से प्रशासन द्वारा निर्धारित लोग ही पूजा में शामिल हो पाएंगे. रविवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से रवाना होगी.

रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा कल शनिवार देर शाम पूरे विधि-विधान से की जाएगी. पूजन के बाद केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ ऊखीमठ से केदारपुरी के लिए रवाना होंगे तथा जगत कल्याण के लिए ग्रीष्मकाल के 6 महीने केदारपुरी में तपस्यारत रहेंगे. बता दें, भैरव पूजन के साथ ही केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

बता दें, दशकों से चली आ रही परंपरा के अनुसार, भैरवनाथ की पूजा मंगलवार या फिर शनिवार को करने का विधान है. भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान भैरवनाथ की पूजा भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से केदारनाथ धाम रवाना होने से पूर्व की परंपरा है. इसी परंपरा के अनुसार, शनिवार को ऊखीमठ में केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा-अर्चना पौराणिक परंपराओं व विधि-विधान से की जाएगी.

पढ़े- मधुशाला बंद होने से रुके बाल शोषण के मामले, ऊषा नेगी EXCLUSIVE

वहीं, लोक मान्यताओं के अनुसार, ऊखीमठ में भैरवनाथ पूजा के बाद केदारपुरी के लिए रवाना हो जाते हैं तथा ग्रीष्मकाल के 6 महीने केदारपुरी में जगत कल्याण के लिए तपस्यारत रहते हैं. विगत वर्षों की बात करें तो भैरव पूजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ शामिल होती थी, मगर इस बार कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से प्रशासन द्वारा निर्धारित लोग ही पूजा में शामिल हो पाएंगे. रविवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से रवाना होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.