रुद्रप्रयाग: केदारनाथ पैदल मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चर हाॅकर और डंडी-कंडी संचालक अगर इस बार यात्रियों के साथ अभद्रता करते हैं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही प्रशासन घोड़े-खच्चर हाॅकरों के इस बार पहचान पत्र भी जारी करेगा. साथ ही घोड़े-खच्चर और डंडी-कंडी संचालक यात्रियों से अभद्रता करते हैं तो उसके लाइसेंस निरस्त कर दिये जाएंगे.
गौर हो कि हर साल यात्रा सीजन के दौरान केदारनाथ पैदल मार्ग से लाखों श्रद्धालु घोड़े-खच्चर और डंडी कंडी से दर्शन के लिए पहुंचते हैं. साथ ही मार्ग पर हजारों की संख्या में घोड़े-खच्चरों का संचालन होता है. विगत सालों में कई बार देखने को मिला है कि घोड़े-खच्चर संचालक पैदल यात्रा मार्ग पर यात्रियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं. जिसको लेकर प्रशासन ने इस बार इस समस्या से निपटने के लिए कमर कस ली है.
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प्रत्येक वर्ष केदारनाथ यात्रा में घोड़ा-खच्चर संचालकों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. लाखों की संख्या में तीर्थयात्री घोड़े-खच्चरों से यात्रा करते हैं, जिसका फायदा घोड़ा-खच्चर संचालक उठाते हैं और यात्रियों से मनमाना दाम वसूलते हैं. साथ ही उनके साथ अभद्र व्यवहार भी करते हैं. पिछले वर्ष की यात्रा में ऐसी कई घटनाएं देखने को मिली हैं, जिसके बाद से प्रशासन ने घोड़ा-खच्चर संचालकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के साथ ही इनकी असली पहचान करने को लेकर प्लान बनाया है. जिस पर कार्रवाई शुरू हो गई है.
केदारनाथ यात्रा में संचालित होने वाले घोड़ा-खच्चर, हॉकरों व संचालकों के बारे में यात्री इस बार पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग की ओर से गौरीकुण्ड-केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग पर चार स्थानों पर कियोस्क स्कैनर लगाये जायेंगे. इस बार गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर तीन स्थानों पर कियोस्क स्कैनर लगाये जायेंगे. कियोस्क स्कैनर स्क्रीन पर घोड़ा-खच्चर के टैग व हॉकर के पंजीकरण कॉर्ड को टच करते हुए यात्रा में शामिल घोड़ा-खच्चर, संचालक और हॉकर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त हो सकेगी. जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि डंडी-कंडी और घोड़ा-खच्चर का संचालन करने वालों को इस बार उनकी पहचान के लिये आई कार्ड वितरित किये जा रहे हैं. साथ ही शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.