रुद्रप्रयाग: केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग रेंज ऊखीमठ एवं गुप्तकाशी ने स्थानीय पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए पैदल ट्रेकों को विकसित करने तथा सुरम्य मखमली बुग्यालों के संरक्षण एवं संवर्धन की कवायद शुरू कर दी है. विभाग ने केदारनाथ में ब्रह्मवाटिका प्लांट को और अधिक विकसित करने की कार्ययोजना भी तैयार की है. केदारनाथ प्रभाग के अन्तर्गत अन्य पैदल ट्रेकों को विकसित करने तथा मदमहेश्वर धाम में ब्रह्मवाटिका प्लांट लगाने के लिए शासन से पत्राचार किया जा रहा है.
वर्तमान समय में विभाग ने सलामी-देवरिया ताल तथा देवरिया ताल-चोपता पैदल ट्रेकों को विकसित किया जा रहा है. चोपता, भुजगली, रौणी एवं देवरिया ताल के सुरम्य मखमली बुग्यालों के संरक्षण और संवर्धन पर कार्य करने के साथ ही देवरियाताल में बज्रदंती का रोपण भी किया गया है. विभाग की मानें तो यदि क्षेत्र के अन्य पैदल ट्रेकों को विकसित किया जाता है तो स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होने के साथ प्रदेश सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी.
पढे़ं- Dehradun Encroachment Action: देहरादून में अतिक्रमण पर गरजा बुलडोजर, दुकानदारों ने दिया साथ
केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग के ऊखीमठ एवं गुप्तकाशी रेंज अधिकारी पंकज ध्यानी ने बताया सलामी-देवरियाताल पांच किमी तथा देवरियाताल-चोपता 16 किमी पैदल ट्रेकों को विकसित किया गया है, जिससे बाहर से आने वाला सैलानी यहां की प्राकृतिक छटा से रूबरू होने के साथ सीमान्त गांवों में होम स्टे योजना को बढ़ावा मिलने से युवाओं के सामने स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. उन्होंने बताया भविष्य में गिरीया-देवरियाताल, गड़गू-विसुणीताल, बुरुवा-विसुणीताल, मदमहेश्वर-पांडव सेरा-नन्दीकुण्ड, रांसी-मनणामाई तीर्थ पैदल ट्रेकों को विकसित करने की कार्य योजना तैयार कर शासन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा. शासन से स्वीकृति मिलने पर सभी पैदल ट्रेकों को विकसित किया जायेगा.
पढे़ं- रामनगर में धान की रोपाई पर गूंजे हुड़किया बौल, विरासत संजोए रखने की कवायद
रेंज अधिकारी पंकज ध्यानी ने बताया देवरिया ताल के चारों तरफ फैले चोपता, भुजगली व रौणी के बुग्यालों के संरक्षण व संवर्धन पर कार्य गतिमान है. भूस्खलन वाले स्थानों पर चैकडेम, सुरक्षा दीवारों और गल्ली पलक का कार्य जोरों पर है. साथ ही विभिन्न बुग्यालों में बज्रदन्ती का रोपण भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया भविष्य में केदारनाथ धाम में तीनों ब्रह्मवाटिका प्लांट को और अधिक विकसित करने की कार्ययोजना में तैयार करने पर विचार किया जा रहा है. मदमहेश्वर धाम में ब्रह्मवाटिका निर्माण के लिए पूर्व में कार्य योजना शासन को भेजी जा चुकी है. ब्रह्मवाटिका निर्माण के लिए शासन से स्वीकृति मिलने पर मदमहेश्वर धाम में ब्रह्मवाटिका का निर्माण शुरू किया जायेगा, जिससे ब्रह्मकमल के संरक्षण और संवर्धन होने के साथ ही मदमहेश्वर धाम आने वाले तीर्थ यात्री ब्रह्मकमल की धार्मिक महत्ता से रूबरू होंगे.