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केदारनाथ तीर्थ पुरोहितों ने किया अर्द्धनग्न प्रदर्शन, उग्र आंदोलन की भी दी चेतावनी

तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में अव्यवस्थाओं को लेकर आक्रोश जताया है. तीर्थ पुरोहितों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो सरकार को उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा.

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Published : Jun 18, 2020, 7:44 PM IST

रुद्रप्रयाग: देवस्थानम बोर्ड को लेकर अब तीर्थ पुरोहितों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है. सरकार की सुद्धि-बुद्धि के लिए तीर्थ पुरोहितों ने अर्धनग्न होकर दिन में तीन बार पूजा करने का निर्णय लिया है. तीर्थ पुरोहितों ने आक्रोश जताया कि न तो धाम में रेन शेल्टर बने हैं और न ही शौचालय. साथ ही और भी कई अव्यवस्थाएं हैं. ऐसे में देवस्थानम बोर्ड को जिम्मेदारी देकर और अधिक दिक्कतें पैदा हो गई हैं.

तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सालों से मंदिर समिति व्यवस्था से यात्रा चला रही थी, अब ऐसा देवस्थान बोर्ड बनाकर सरकार अपनी मनमानी करना चाहती है. तीर्थ पुरोहितों ने चेतावनी दी कि अभी सरकार के पास मौका है. जल्द सही कदम उठाए, वरना तीर्थ पुरोहितों के उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यदि सरकार जल्द मांगों को पूरा नहीं करती तो तीर्थ पुरोहित मुंडन के जरिए विरोध का रास्ता अपनाएंगे. पूर्व केदारसभा अध्यक्ष किशन बगवाड़ी ने कहा कि सरकार ने जल्दबाजी में ये फैसला लिया है.

यह भी पढ़ें-रुद्रप्रयाग: जिले में मिले कोरोना के चार नए केस, कुल आंकड़ा 52 पहुंचा

उन्होंने कहा कि यात्रा संचालन का जितना अनुभव मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहितों को है, शायद उतना किसी को नहीं. बोर्ड का गठन कर सरकार बस अपनी मनमानी थोप रही है. सरकार के इस फैसले को तीर्थ पुरोहित सरासर गलत मानते हैं. जल्द इस मामले में सकारात्क निर्णय लिया जाना चाहिए.

रुद्रप्रयाग: देवस्थानम बोर्ड को लेकर अब तीर्थ पुरोहितों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है. सरकार की सुद्धि-बुद्धि के लिए तीर्थ पुरोहितों ने अर्धनग्न होकर दिन में तीन बार पूजा करने का निर्णय लिया है. तीर्थ पुरोहितों ने आक्रोश जताया कि न तो धाम में रेन शेल्टर बने हैं और न ही शौचालय. साथ ही और भी कई अव्यवस्थाएं हैं. ऐसे में देवस्थानम बोर्ड को जिम्मेदारी देकर और अधिक दिक्कतें पैदा हो गई हैं.

तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सालों से मंदिर समिति व्यवस्था से यात्रा चला रही थी, अब ऐसा देवस्थान बोर्ड बनाकर सरकार अपनी मनमानी करना चाहती है. तीर्थ पुरोहितों ने चेतावनी दी कि अभी सरकार के पास मौका है. जल्द सही कदम उठाए, वरना तीर्थ पुरोहितों के उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि यदि सरकार जल्द मांगों को पूरा नहीं करती तो तीर्थ पुरोहित मुंडन के जरिए विरोध का रास्ता अपनाएंगे. पूर्व केदारसभा अध्यक्ष किशन बगवाड़ी ने कहा कि सरकार ने जल्दबाजी में ये फैसला लिया है.

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उन्होंने कहा कि यात्रा संचालन का जितना अनुभव मंदिर समिति और तीर्थ पुरोहितों को है, शायद उतना किसी को नहीं. बोर्ड का गठन कर सरकार बस अपनी मनमानी थोप रही है. सरकार के इस फैसले को तीर्थ पुरोहित सरासर गलत मानते हैं. जल्द इस मामले में सकारात्क निर्णय लिया जाना चाहिए.

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