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देवस्थानम बोर्ड के विरोध में फिर से आंदोलन शुरू, सरकार पर कोरे आश्वासन देने का आरोप

चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों ने सीएम धामी से मुलाकात के बाद 30 अक्टूबर तक अपना आंदोलन स्थगित किया था. लेकिन अब मामले में कोई कार्रवाई होता न देख तीर्थ पुरोहितों ने फिर से आंदोलन की राह पकड़ ली है.

Devasthanam Board
देवस्थानम बोर्ड का विरोध
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Published : Oct 2, 2021, 4:53 PM IST

Updated : Oct 2, 2021, 5:15 PM IST

रुद्रप्रयागः केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है. इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर परिसर में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर धरना दिया. तीर्थ पुरोहितों का कहना है सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतर पाई है. ऐसे में अब जब तक देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होता है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही उन्होंने ई-पास की अनिवार्यता को समाप्त करने की भी मांग की.

केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला व महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती के नेतृत्व में तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड के विरोध में मंदिर परिसर से हेलीपैड तक रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए. तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला, किशन बगवाड़ी ने कहा कि प्रदेश सरकार देवस्थानम बोर्ड के नाम पर चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित व हक-हकूकधारियों के साथ छलावा कर रही है. दो साल से धामों में आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार कोरे आश्वासन ही दे रही है.

तीर्थ पुरोहितों ने फिर से पकड़ी आंदोलन की राह.

ये भी पढ़ेंः फिर आंदोलन की राह पर तीर्थ पुरोहित, देवस्थानम बोर्ड को भंग की मांग पर अड़े

CM के आश्वासन पर कोई कार्रवाई नहींः तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ इस माह के शुरू में वार्ता हुई थी. उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को लेकर कमेटी गठित करने की बात कही थी. जिसके आधार पर उन्होंने रुद्रप्रयाग में होने वाले आंदोलन को स्थगित कर दिया था. अभी तक करीब 20 दिन गुजर चुके हैं. इस दिशा में न तो तीर्थ पुरोहितों से बातचीत की गई है. न बोर्ड को रद्द करने के लिए कोई कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब तक मांगपूर्ति नहीं होती, उनका केदारनाथ धाम में आंदोलन जारी रहेगा.

ये भी पढ़ेंः पहली अग्नि परीक्षा में CM धामी पास, पुरोहितों का आंदोलन स्थगित, हाई लेवल कमेटी गठित

ई-पास की अनिवार्यता खत्म करने की मांगः उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को 30 अक्टूबर तक फ्रीज किया है. ऐसे में ई-पास की अनिवार्यता कहां से लागू की गई है, यह समझ से परे है. इस व्यवस्था से कोई भी व्यापारी खुश नहीं है. साथ ही कहा कि चारधामों में कोविड नियमों को पालन किया जा रहा है. बावजूद इसके यात्रियों की संख्या को सीमित रखा गया है.

ये भी पढ़ेंः ई-पास के विरोध में केदारघाटी के बाजार बंद, यात्रियों को चाय तक नहीं मिला

रैलियों में कोविड नियम लागू नहीं, चारधाम में क्यों? उनका कहना है कि भाजपा की चुनावी रैलियों में हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. वहां कोविड नियमों का कोई पालन नहीं हो रहा है. चारधामों में तीर्थ यात्रियों के आने पर कोविड नियमों का पालन करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर नियमों को ही पूरा किया जाना है, तो सरकार को अपनी चुनावी रैलियों में भी नियमों का पालन करवाना चाहिए.

CM धामी ने दिया था ये आश्वासनः बीते 11 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की थी. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः चार धाम देवस्थानम बोर्ड का धरना 30 अक्टूबर तक स्थगित

देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहितों की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाएगा. कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार को निर्णय लेना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यहित में जो होगा, वह कार्य किया जाएगा.

रुद्रप्रयागः केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है. इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर परिसर में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर धरना दिया. तीर्थ पुरोहितों का कहना है सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतर पाई है. ऐसे में अब जब तक देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होता है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. साथ ही उन्होंने ई-पास की अनिवार्यता को समाप्त करने की भी मांग की.

केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला व महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती के नेतृत्व में तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड के विरोध में मंदिर परिसर से हेलीपैड तक रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए. तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला, किशन बगवाड़ी ने कहा कि प्रदेश सरकार देवस्थानम बोर्ड के नाम पर चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित व हक-हकूकधारियों के साथ छलावा कर रही है. दो साल से धामों में आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार कोरे आश्वासन ही दे रही है.

तीर्थ पुरोहितों ने फिर से पकड़ी आंदोलन की राह.

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CM के आश्वासन पर कोई कार्रवाई नहींः तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ इस माह के शुरू में वार्ता हुई थी. उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को लेकर कमेटी गठित करने की बात कही थी. जिसके आधार पर उन्होंने रुद्रप्रयाग में होने वाले आंदोलन को स्थगित कर दिया था. अभी तक करीब 20 दिन गुजर चुके हैं. इस दिशा में न तो तीर्थ पुरोहितों से बातचीत की गई है. न बोर्ड को रद्द करने के लिए कोई कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि जब तक मांगपूर्ति नहीं होती, उनका केदारनाथ धाम में आंदोलन जारी रहेगा.

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ई-पास की अनिवार्यता खत्म करने की मांगः उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवस्थानम बोर्ड को 30 अक्टूबर तक फ्रीज किया है. ऐसे में ई-पास की अनिवार्यता कहां से लागू की गई है, यह समझ से परे है. इस व्यवस्था से कोई भी व्यापारी खुश नहीं है. साथ ही कहा कि चारधामों में कोविड नियमों को पालन किया जा रहा है. बावजूद इसके यात्रियों की संख्या को सीमित रखा गया है.

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रैलियों में कोविड नियम लागू नहीं, चारधाम में क्यों? उनका कहना है कि भाजपा की चुनावी रैलियों में हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. वहां कोविड नियमों का कोई पालन नहीं हो रहा है. चारधामों में तीर्थ यात्रियों के आने पर कोविड नियमों का पालन करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर नियमों को ही पूरा किया जाना है, तो सरकार को अपनी चुनावी रैलियों में भी नियमों का पालन करवाना चाहिए.

CM धामी ने दिया था ये आश्वासनः बीते 11 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की थी. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा.
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देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहितों की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाएगा. कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार को निर्णय लेना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यहित में जो होगा, वह कार्य किया जाएगा.

Last Updated : Oct 2, 2021, 5:15 PM IST
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