रुद्रप्रयाग: लॉकडाउन में फंसे बाहरी प्रवासी अपने गांवों को लौट रहे हैं. जिसके चलते सरकार ने सार्वजनिक भवनों में क्वारंटाइन करने का फैसला सुनाकर प्रवासियों की पूरी जिम्मेदारी ग्राम निगरानी समितियों के मत्थे डाल दी है. जिसके चलते ग्रामीण समितियों बेहद परेशान हैं. इन सेंटरों पर सुरक्षा सामग्री के साथ ही आवश्यक सुविधाएं जुटाने के लिए बजट की कोई व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं की है. ऐसे में प्रधान, वार्ड सदस्य और नोडल अधिकारी किसी तरह जुगाड़ कर काम चला रहे हैं. ऐसे में केदारनाथ विधायक मनोज रावत इनकी मदद के लिए आगे आए हैं.
ग्राम निगरानी समितियों की परेशानियों को देख केदारनाथ विधायक मनोज रावत इन्हें सुरक्षा सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं. क्वारंटाइन सेंटरों में सुविधाओं के अभाव से कई दिक्कतें सामने आ रही हैं. सरकार ने प्रधानों को दस हजार रुपए देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक नहीं दी गई है. ऐसे में समिति के लोगों को अपनी जेब से खर्च कर सामग्री जुटानी पड़ रही है.
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मनोज रावत ने कहा कि सरकार के दावे हवा हवाई साबित हो रहे हैं. प्रधानों और निगरानी समिति को कोई बजट नहीं दिया जा रहा है. ऐसे में किस प्रकार से इनकी ओर से प्रवासियों को रहने और खाने की समुचित व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया और मंत्री क्वारंटाइन सेंटरों में जाकर लोगों से कह रहे हैं कि पैसों की कोई कमी नहीं है और ऊपर से क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगों को कोई सुविधा भी नहीं दे पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री और विधायक सिर्फ राजनीति करने में लगे हैं.