रुद्रप्रयाग: केदारनाथ होटल एसोसिएशन ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और सीमित यात्रियों की संख्या की बाध्यता को पूर्ण रूप से बंद करने की मांग की है. मांगों पर कार्रवाई न होने पर केदारनाथ होटल एसोसिएशन ने 25 अप्रैल को सम्पूर्ण केदारघाटी को बंद करने का निर्णय लिया है.
व्यापारियों ने जताई चिंता: कोरोना महामारी के बाद से चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को सीमित संख्या में भेजा जाता है. ऐसे में स्थानीय होटल, लाॅज व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. मई और जून माह में केदारनाथ धाम की यात्रा अपने चरम पर रहती है और इस दौरान सीमित संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने से व्यापारियों के व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है. ऐसे में केदारनाथ होटल एसोसिएशन की बैठक में चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिये ऑनलाइन पंजीकरण और सीमित संख्या का जमकर विरोध किया गया. बैठक में होटल कारोबारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ में सीमित यात्रियों की संख्या को घटा सकती है, लेकिन केदारनाथ में तीर्थयात्रियों की सीमित संख्या की बाध्यता खत्म की जाए.
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ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और सीमित संख्या को लेकर रोष: उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम सहित पैदल यात्रा मार्ग और पड़ावों पर यात्रियों के लिये सम्पूर्ण व्यवस्थाएं हैं. ऐसे में केदारनाथ धाम के लिये भी कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिये. सरकार को चाहिये कि ऑनलाइन की तरह ऑफलाइन की व्यवस्था भी की जाये. यात्री दूर-दराज क्षेत्रों से हजारों रुपये खर्चा करके यहां आते हैं, लेकिन दर्शन न होने पर वह निराश होकर लौटते हैं. श्री केदारनाथ होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम गोस्वामी ने कहा कि सरकार को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता और सीमित संख्या की बाध्यता को समाप्त करना चाहिये. यदि ऐसा नहीं होता है तो 25 अप्रैल को सम्पूर्ण केदारघाटी को बंद करके चक्का जाम किया जायेगा. होटल कारोबारी आलोक सेमवाल ने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और सीमित संख्या होने के कारण उनकी बुकिंग कैंसिल हो रही हैं और उनको नुकसान झेलना पड़ रहा है.