रुद्रप्रयाग: 9 मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा की तैयारियां अंतिम चरण में है. सुबह ही बाबा केदार की डोली गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के लिये रवाना हो गई. बाबा केदार की पैदल डोली यात्रा के साथ हजारों तीर्थ यात्री भी साथ में चल रहे हैं. केदारनाथ में बाबा केदार के मुख्य मंदिर को हजारों टन फूलों से सजाया जा रहा है. साथ ही अधिकारियों ने भी यात्रा को विधिवत शुरू कराने के लिए केदारनाथ धाम में डेरा डाल दिया है.
प्रदेश में 9 मई को सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर ग्रीष्मकाल में 6 माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. केदारनाथ की यात्रा को लेकर भक्तों में भारी जोश है. हजारों श्रद्धालु बाबा केदार की पैदल यात्रा में साथ चल रहे हैं.
केदारनाथ धाम में इस बार रिकार्ड तोड़ बर्फबारी हुई है. केदारनाथ में अभी भी 10 फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है. ऐसे में केदारनाथ में भीषण ठंड का भी सामना लेना पड़ सकता है.
केदारनाथ धाम में 5 हजार यात्रियों के रहने की व्यवस्था की गई है. साथ ही छानी और लिनचैली में 2500 यात्रियों के रहने की व्यवस्था की गई है. बर्फबारी की वजह से रहने की व्यवस्थाएं देरी से हुई हैं. गढ़वाल मण्डल ने अपनी हट्स को ठीक कर लिया है तो स्थानीय व्यापारियों ने टेंट लगा लिए हैं, जिनका लाभ तीर्थयात्रियों को मिलेगा.
जानकारी के अनुसार, धाम में 100 कुंतल लकड़ी अलाव के लिए पहुंच गई है. बर्फबारी और ठंड का प्रकोप ज्यादा होने के कारण अलाव की संख्या बढ़ा दी गई है. मुख्य पड़ावों में स्वास्थ्य विभाग और सिक्स सिग्मा की टीम अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं. धाम में कम्युनिकेशन की सुविधाएं भी बहाल कर दी गई हैं, जिसका ट्रायल भी हो चुका है.
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि चारधाम यात्रा प्रोजेक्ट के तहत राजमार्ग से कटिंग का मलबा हटा लिया गया है. रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक सड़क को सफाई कर दी गई है. राजमार्ग की चौड़ाई बढ़ा दी गई है. यात्रियों की सुविधा के लिए पैराफिट लगाए जाएंगे. साथ ही धूल से बचने के लिए राजमार्ग पर पानी का छिंड़काव करने को कहा गया है. डेंजर जोन वाले स्थानों पर लैंड स्लाइड होने की स्थिति में SDRF और पुलिस के जवान तीर्थयात्रियों की सेवा में तैनात रहेंगे. साथ ही डीएम ने बताया कि अल्टरनेट रास्तों को भी तैयार रखा गया है, जिससे राजमार्ग के घंटों बंद होने की स्थिति में तीर्थयात्रियों की आवाजाही अन्य मार्गों से कराई जा सके.