रुद्रप्रयागः ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना (Rishikesh Karnprayag Rail Project) की कार्यदायी संस्था मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा लिमिटेड कंपनी में बीते दो सालों से कार्यरत एक शातिर आरोपी को जम्मू-कश्मीर पुलिस गिरफ्तार कर ले गई. बताया जा रहा है आरोपी मेघा कंपनी में फोरमैन के पद पर कार्यरत था. जिसकी तलाश जम्मू-कश्मीर पुलिस काफी लंबे समय से कर रही थी.
दरअसल, रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के करीब 5 किमी की दूरी पर सुमेरपुर स्थान पर आरवीएनएल का प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट में मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (Megha Engineering and Infrastructure Pvt Limited) कार्य कर रही है. बताया जा रहा है कि दो साल से जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा निवासी इकबाल खान यहां कार्यरत था. उक्त व्यक्ति पर कई मुकदमें दर्ज हैं. जो कई सालों से कुपवाड़ा से फरार चल रहा था. जम्मू-कश्मीर पुलिस इसकी तलाश में लगी थी.
वहीं, काफी मशक्कत के बाद किसी तरह जम्मू-कश्मीर पुलिस को इसकी जानकारी मिली और रुद्रप्रयाग के सुमेरपुर से आरबीएनएल के मेघा कंपनी से आरोपी इकबाल खान को गिरफ्तार करने में सफल हुई. बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस इसके एक रिश्तेदार को भी एडिट बाईपास से गिरफ्तार (JK Police arrest worker from Rudraprayag) कर ले गई है.
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क्यो बोली मेघा कंपनी? मेघा कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक एचएन सिंह (Megha Company Senior Manager HN Singh) ने बताया कि इकबाल खान जम्मू-कश्मीर से ट्रांसफर होकर यहां आया था. इकबाल के आरोपी होने की कंपनी को जानकारी नहीं थी. जम्मू-कश्मीर पुलिस उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार (Jammu and Kashmir Police Caught Accused) कर ले गई है. कंपनी की ओर से यहां काम करने वाले सभी मजदूरों की पूरी सूची स्थानीय पुलिस को भी दे दी गई है.
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवालः इधर, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने बताया कि उक्त व्यक्ति के खिलाफ किसी मामले में मुकदमा था और वारंट भी जारी था, लेकिन वो काफी समय से अदालत में पेश नहीं हो रहा था. इसलिए पुलिस उसे ले गई. वहीं, इकबाल के पकड़े जाने पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं. खासकर स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेर में हैं.
आखिर बाहरी प्रदेशों से आने वाले लोगों का वेरिफिकेशन (Outsiders Verification in Uttarakhand) क्यों नहीं किया जा रहा है. जबकि, रेल परियोजना एक बड़ा प्रोजेक्ट है. जिसकी सुरक्षा में सेंध में लग सकती है. खासकर जब सुरंगों का निर्माण का मामला हो और इसकी जानकारी किसी अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को हो. जो भविष्य में बड़ा नुकसान करने की योजना बनाएं तो जिम्मेदार कौन?