रुद्रप्रयाग: यूट्यूब चैनल पर इन दिनों गढ़वाली लोकगीत 'जै भोले' धमाल मचा रहा है. जै भोले गीत को कुछ ही दिनों में तीन लाख से अधिक लोग देख चुके हैं. जै भोले गीत केदारनाथ धाम और शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण की महिमा पर बनाया गया है. इसे प्रसिद्ध युवा लोक गायक कुलदीप कप्रवान और लोकगायक विक्रम कप्रवान के स्वरों से पिरोया गया है. अब शीघ्र ही जै भोले गीत का फिल्मांकन त्रियुगीनारायण और तुंगनाथ क्षेत्र में किया जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि यह गीत लोगों को काफी पसंद भी आएगा.
विश्व विख्यात केदारनाथ धाम और शिव-पार्वती विवाह स्थल त्रियुगीनारायण की महिमा पर गाया गया जै भोले गीत इन दिनों यूट्यूब चैनल के अलावा सोशल मीडिया में धमाल मचा रहा है. एचएनके यूट्यूब चैनल के बैनर तले मात्र कुछ ही दिनों में तीन लाख से अधिक लोग इस गीत को सुन चुके हैं. जै भोले गीत को प्रसिद्ध युवा लोक गायक कुलदीप कप्रवान और विक्रम कप्रवान ने गाया है. गीत को सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनल पर श्रोताओं द्वारा खूब सराहा जा रहा है. अच्छी प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं.
युवा लोक गायक कुलदीप कप्रवान ने बताया कि यह गीत सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने सर्वप्रथम बंटवारू गढ़वाली फिल्म में गाया था. अब गीत को नये तरीके से बनाकर संगीत से सजाकर गाया गया है और गीत में पुराने और नये शब्दों का भी प्रयोग किया गया है. उन्होंने बताया कि शीघ्र ही जै भोले गीत का फिल्मांकन त्रियुगीनारायण और तुंगनाथ क्षेत्र में शुरू होने वाला है. गीत की शूटिंग को लेकर तैयारियां चल रही हैं. उन्होंने बताया कि गीत के फिल्मांकन में स्थानीय कलाकारों को मौका दिया जाएगा. शादी-ब्याह का सीजन चल रहा है और यह गीत डीजे पर लोगों के सर चढ़कर बोल रहा है. कीर्तन भजनों में भी गीत का पसंद किया जा रहा है.
बता दें कि लोक गायक कुलदीप कप्रवाण के कमला बठिणा, राजुला, सेल्फी, बिलोरा गैल्या, मिज्जाया तरू आदि गीतों को भी श्रोताओं ने भरपूर प्यार दिया, तो वहीं विक्रम कप्रवाण के हे रामा, नेफा पार, सुरमा पधानी गीत भी पसंद किया गया. जल्द ही पति-पत्नी की नोक-झोंक पर आधारित गीत घडियाली आ रहा है, जिसको युवा लोक गायक कुलदीप कप्रवान और सुप्रसिद्ध लोकगायिका हेमा नेगी करासी की आवाज से संजोया जायेगा. एचएनके यूट्यूब चैनल पर यह गीत रिलीज होगा.
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लोक गायक कुलदीप कप्रवाण ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के कण-कण में शिव का वास है और जिले में ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ की महिमा किसी से छिपी नहीं है. जै भोले गीत भोलेनाथ की महिमा पर आधारित है. इस गीत के माध्यम से बताया गया है कि केदारनाथ में भगवान शंकर ने किस तरह से पांडवों को भैंसे के रूप में दर्शन दिए और उनसे छिपकर किस तरीके से वे जमीन के अंदर चले गए. इसके अलावा त्रियुगीनारायण में शिव-पार्वती ने सात फेरे लिए और तीन युगों से इस स्थान पर आज भी अग्नि प्रज्वलित हो रही है. उन्होंने कहा कि आज के युग में युवा पीढ़ी को इस तरह के गानों को समझने की जरूरत है, जिससे वे अपनी पौराणिक परम्पराओं का सही तरीके से निर्वहन कर सकें.