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रुद्रप्रयाग: आकाशकामिनी नदी का कटाव जारी, खतरे में 79 परिवार

तुंगनाथ घाटी के ताला तोक के निचले हिस्से में आकाशकामिनी नदी का भू-कटाव जारी है. जिसकी वजह से 79 परिवारों ने अपने-अपने घरों को छोड़कर दूसरे जगह शरण ले ली है.

erosion in the Akashkamini river
आकाशकामिनी नदी का कटाव जारी
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Published : Aug 18, 2020, 8:40 PM IST

रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत उषाड़ा के ताला तोक के निचले हिस्से में आकाशकामिनी नदी भू-कटाव कर रही है. जिसकी वजह से तोक के 79 परिवारों को खतरा बना हुआ है. ताला तोक के ऊपरी हिस्से में भी दरारें पड़ने से ग्रामीण दहशत में हैं.

प्रभावित परिवारों ने विद्यालय, पंचायत भवन, वन विभाग की चौकियों में शरण लिए हुए हैं. इसके साथ ही कुण्ड-चोपता मोटरमार्ग पर ताला में निरंतर कटाव होने की वजह से भारी वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है. जिसकी वजह से आने वाले दिनों में उषाड़ा, हूण्डू, काण्डा, बरंगाली, सेमार दुर्गाधार, ग्वाड और दैड़ा गांवों में खाद्यान्न संकट गहरा सकता है.

आकाशकामिनी नदी का कटाव जारी.

ये भी पढ़ें: ऋषिकेश: पांच सालों से फाइलों में बंद 'विकास', ग्रामीण हो रहे परेशान

वहीं, जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि विकासखंड ऊखीमठ के गांव उषाड़ा और दैडा में कटाव और अतिवृष्टि के कारण हुई क्षति के बाद राहत कार्य जारी हैं. अतिवृष्टि और कटाव के बाद 79 प्रभावित परिवार को ग्राम उषाड़ा, स्यामली तोक एवं पाटा तोक जंगलात चौकी के भवनों में स्थानांतरित किया गया है.

गांव में क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की वैकल्पिक व्यवस्था कर विभाग द्वारा इसे सुचारू कर दिया गया है. कृषि विभाग के अनुसार उषाड़ा गांव में 18 हेक्टेयर सिंचित तथा 8 हेक्टेयर असिंचित बंजर तथा दैडा गांव में 10 हेक्टेयर सिंचित और दो हेक्टेयर बंजर भूमि प्रभावित हुई है, जिसके लिए विभाग द्वारा मुआवजा वितरण की कार्रवाई हो रही है.

रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत उषाड़ा के ताला तोक के निचले हिस्से में आकाशकामिनी नदी भू-कटाव कर रही है. जिसकी वजह से तोक के 79 परिवारों को खतरा बना हुआ है. ताला तोक के ऊपरी हिस्से में भी दरारें पड़ने से ग्रामीण दहशत में हैं.

प्रभावित परिवारों ने विद्यालय, पंचायत भवन, वन विभाग की चौकियों में शरण लिए हुए हैं. इसके साथ ही कुण्ड-चोपता मोटरमार्ग पर ताला में निरंतर कटाव होने की वजह से भारी वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है. जिसकी वजह से आने वाले दिनों में उषाड़ा, हूण्डू, काण्डा, बरंगाली, सेमार दुर्गाधार, ग्वाड और दैड़ा गांवों में खाद्यान्न संकट गहरा सकता है.

आकाशकामिनी नदी का कटाव जारी.

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वहीं, जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि विकासखंड ऊखीमठ के गांव उषाड़ा और दैडा में कटाव और अतिवृष्टि के कारण हुई क्षति के बाद राहत कार्य जारी हैं. अतिवृष्टि और कटाव के बाद 79 प्रभावित परिवार को ग्राम उषाड़ा, स्यामली तोक एवं पाटा तोक जंगलात चौकी के भवनों में स्थानांतरित किया गया है.

गांव में क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की वैकल्पिक व्यवस्था कर विभाग द्वारा इसे सुचारू कर दिया गया है. कृषि विभाग के अनुसार उषाड़ा गांव में 18 हेक्टेयर सिंचित तथा 8 हेक्टेयर असिंचित बंजर तथा दैडा गांव में 10 हेक्टेयर सिंचित और दो हेक्टेयर बंजर भूमि प्रभावित हुई है, जिसके लिए विभाग द्वारा मुआवजा वितरण की कार्रवाई हो रही है.

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