ETV Bharat / state

केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों के लिए भवन तैयार, बस यात्रा का इंतजार

author img

By

Published : Jun 6, 2020, 5:04 PM IST

Updated : Jun 16, 2020, 5:42 PM IST

केदारनाथ धाम में आपदा के सात साल बाद तीर्थ पुरोहितों के लिए पक्के भवन बनकर तैयार हो गए हैं. दरअसल, इन भवनों को आपदा, केदारनाथ धाम में होने वाली अत्यधिक बर्फबारी और भूकंप आदि को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

केदारनाथ धाम
केदारनाथ धाम

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में आपदा के सात साल बाद तीर्थ पुरोहितों के लिए पक्के भवन बनकर तैयार हो गए हैं. दरअसल, इन भवनों को आपदा, केदारनाथ धाम में होने वाली अत्यधिक बर्फबारी और भूकंप आदि को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इनमें से 41 भवन पहले ही बनकर तैयार हैं. वहीं जेएसडब्ल्यू के सहयोग से पांच भवन और बनाए जा रहे हैं, जिनका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.

केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों के लिए भवन तैयार

गौर हो कि, जून 2013 की प्राकृतिक आपदा को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. इस आपदा ने केदारनाथ धाम के अलावा जिले के अधिकांश हिस्सों को तबाह कर दिया था. मंदाकिनी नदी के रौद्र रूप ने केदारनाथ धाम में स्थित अनेक भवनों को नींव से उखाड़ दिया था. ऐसे में तीर्थ पुरोहितों के सामने केदारनाथ में रहने की दिक्कतें पैदा हो गई थीं.

यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी रहने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. स्थिति यह थी कि स्थानीय लोगों के अलावा यात्रियों को टेंट के सहारे रातें गुजारनी पड़ती थीं. वहीं आपदा के बाद पहले निम (नेहरू पर्वतारोहण संस्थान) और अब वुड स्टोन संस्था ने धाम में तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए भवन तैयार किए हैं.

पढ़ें- विश्व पर्यावरण दिवस: हर साल बढ़ रहे मानव और वन्यजीव संघर्ष के मामले , चौंकाने वाले हैं आंकड़े

केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों की देखरेख कर रहे मनोज सेमवाल का कहना है कि 2013 की आपदा के बाद भवनों का निर्माण कार्य जारी है. इसमें 41 भवनों को निम और जेएसडब्ल्यू के सहयोग से वुड स्टोन कंपनी तैयार कर रही है. यह भवन पहाड़ी शैली में आपदा, बर्फबारी और भूकंप आदि को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं.

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में आपदा के सात साल बाद तीर्थ पुरोहितों के लिए पक्के भवन बनकर तैयार हो गए हैं. दरअसल, इन भवनों को आपदा, केदारनाथ धाम में होने वाली अत्यधिक बर्फबारी और भूकंप आदि को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इनमें से 41 भवन पहले ही बनकर तैयार हैं. वहीं जेएसडब्ल्यू के सहयोग से पांच भवन और बनाए जा रहे हैं, जिनका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.

केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों के लिए भवन तैयार

गौर हो कि, जून 2013 की प्राकृतिक आपदा को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. इस आपदा ने केदारनाथ धाम के अलावा जिले के अधिकांश हिस्सों को तबाह कर दिया था. मंदाकिनी नदी के रौद्र रूप ने केदारनाथ धाम में स्थित अनेक भवनों को नींव से उखाड़ दिया था. ऐसे में तीर्थ पुरोहितों के सामने केदारनाथ में रहने की दिक्कतें पैदा हो गई थीं.

यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी रहने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. स्थिति यह थी कि स्थानीय लोगों के अलावा यात्रियों को टेंट के सहारे रातें गुजारनी पड़ती थीं. वहीं आपदा के बाद पहले निम (नेहरू पर्वतारोहण संस्थान) और अब वुड स्टोन संस्था ने धाम में तीर्थ पुरोहितों को रहने के लिए भवन तैयार किए हैं.

पढ़ें- विश्व पर्यावरण दिवस: हर साल बढ़ रहे मानव और वन्यजीव संघर्ष के मामले , चौंकाने वाले हैं आंकड़े

केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों की देखरेख कर रहे मनोज सेमवाल का कहना है कि 2013 की आपदा के बाद भवनों का निर्माण कार्य जारी है. इसमें 41 भवनों को निम और जेएसडब्ल्यू के सहयोग से वुड स्टोन कंपनी तैयार कर रही है. यह भवन पहाड़ी शैली में आपदा, बर्फबारी और भूकंप आदि को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं.

Last Updated : Jun 16, 2020, 5:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.