रुद्रप्रयागः प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधा की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि सूबे के कई अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं. जहां पर डॉक्टर तैनात भी हैं तो वहां पर दवाइयां और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. पहाड़ों में तो हालत काफी बदत्तर हैं. ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए शहरों की ओर रुख करना पड़ता है, लेकिन केदारघाटी में एक संस्था नसों के दर्द, आर्थोराइटिस समेत लकवाग्रस्त गरीब मरीजों का इलाज कर रही है. साथ ही सचल वाहनों के जरिए निःशुल्क दवाइयों का वितरण भी कर रही है.
दरअसल, एचडीएफसी और गेल के सहयोग से हेल्पेज इंडिया संस्था ने चंद्रापुरी के पास गवनी गांव में एक अस्पताल की स्थापना की है. जहां पर हर हफ्ते मरीजों का इलाज किया जाता है. साथ ही जनरल पैथालॉजी और फिजियोथेरेपी की निःशुल्क सुविधाएं भी उपलब्ध कराई है. इसके लिए संस्था ने विभिन्न उपकरणों से सुसज्जित लैब की स्थापना भी की है.
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इतना ही नहीं संस्था अपने सचल वाहनों से दूर-दराज के गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रही है. साथ ही निःशुल्क दवाइयां भी वितरित कर रही है. हेल्पेज इंडिया के डॉ. रंग लाल ने बताया कि पहाड़ों में कठिन भौगोलिक संरचना के कारण अधिकांश ग्रामीण नसों के दर्द और आर्थोराइटिस से पीड़ित रहते हैं. सेंटर में इस तरह के इलाज के लिए विभिन्न उपकरण लगाए गए हैं. जहां पर मरीजों को रोजाना अभ्यास कराया जाता है.
वहीं, अस्पताल में फिजियोथेरेपी लैब की स्थापना की गई है. जहां पर रोगियों को व्यायाम करने के तरीकों से लेकर विभिन्न उपकरणों पर अभ्यास कराया जाता है. अगस्त्यमुनि के सौड़ी के पास 21 बिस्तरों वाले अस्पताल के साथ ही गरीब मरीजों के तीमारदारों और वृद्ध व बेसहारा, गरीब लोगों के लिए एक मानव आश्रय खोला गया है.