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केदारघाटी में मरीज अब नहीं रहेंगे असहाय, मिलेगा मुफ्त इलाज - गरीब मरीजों का इलाज

एचडीएफसी और गेल के सहयोग से हेल्पेज इंडिया संस्था ने चंद्रापुरी के पास गवनी गांव में एक अस्पताल की स्थापना की है. जहां पर हर हफ्ते मरीजों का इलाज किया जाता है. साथ ही जनरल पैथालॉजी और फिजियोथेरेपी की निःशुल्क सुविधाएं भी उपलब्ध कराई है.

हेल्पेज इंडिया संस्था
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Published : Oct 26, 2019, 11:35 PM IST

Updated : Oct 26, 2019, 11:54 PM IST

रुद्रप्रयागः प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधा की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि सूबे के कई अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं. जहां पर डॉक्टर तैनात भी हैं तो वहां पर दवाइयां और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. पहाड़ों में तो हालत काफी बदत्तर हैं. ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए शहरों की ओर रुख करना पड़ता है, लेकिन केदारघाटी में एक संस्था नसों के दर्द, आर्थोराइटिस समेत लकवाग्रस्त गरीब मरीजों का इलाज कर रही है. साथ ही सचल वाहनों के जरिए निःशुल्क दवाइयों का वितरण भी कर रही है.

हेल्पेज इंडिया संस्था मरीजों को दे रही स्वास्थ्य सुविधा.

दरअसल, एचडीएफसी और गेल के सहयोग से हेल्पेज इंडिया संस्था ने चंद्रापुरी के पास गवनी गांव में एक अस्पताल की स्थापना की है. जहां पर हर हफ्ते मरीजों का इलाज किया जाता है. साथ ही जनरल पैथालॉजी और फिजियोथेरेपी की निःशुल्क सुविधाएं भी उपलब्ध कराई है. इसके लिए संस्था ने विभिन्न उपकरणों से सुसज्जित लैब की स्थापना भी की है.

ये भी पढे़ंः NCRB ने राज्यवार अपराध का आंकड़ा किया जारी, सबसे कम क्राइम में चौथे पायदान पर उत्तराखंड

इतना ही नहीं संस्था अपने सचल वाहनों से दूर-दराज के गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रही है. साथ ही निःशुल्क दवाइयां भी वितरित कर रही है. हेल्पेज इंडिया के डॉ. रंग लाल ने बताया कि पहाड़ों में कठिन भौगोलिक संरचना के कारण अधिकांश ग्रामीण नसों के दर्द और आर्थोराइटिस से पीड़ित रहते हैं. सेंटर में इस तरह के इलाज के लिए विभिन्न उपकरण लगाए गए हैं. जहां पर मरीजों को रोजाना अभ्यास कराया जाता है.

वहीं, अस्पताल में फिजियोथेरेपी लैब की स्थापना की गई है. जहां पर रोगियों को व्यायाम करने के तरीकों से लेकर विभिन्न उपकरणों पर अभ्यास कराया जाता है. अगस्त्यमुनि के सौड़ी के पास 21 बिस्तरों वाले अस्पताल के साथ ही गरीब मरीजों के तीमारदारों और वृद्ध व बेसहारा, गरीब लोगों के लिए एक मानव आश्रय खोला गया है.

रुद्रप्रयागः प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधा की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. आलम ये है कि सूबे के कई अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं. जहां पर डॉक्टर तैनात भी हैं तो वहां पर दवाइयां और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. पहाड़ों में तो हालत काफी बदत्तर हैं. ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए शहरों की ओर रुख करना पड़ता है, लेकिन केदारघाटी में एक संस्था नसों के दर्द, आर्थोराइटिस समेत लकवाग्रस्त गरीब मरीजों का इलाज कर रही है. साथ ही सचल वाहनों के जरिए निःशुल्क दवाइयों का वितरण भी कर रही है.

हेल्पेज इंडिया संस्था मरीजों को दे रही स्वास्थ्य सुविधा.

दरअसल, एचडीएफसी और गेल के सहयोग से हेल्पेज इंडिया संस्था ने चंद्रापुरी के पास गवनी गांव में एक अस्पताल की स्थापना की है. जहां पर हर हफ्ते मरीजों का इलाज किया जाता है. साथ ही जनरल पैथालॉजी और फिजियोथेरेपी की निःशुल्क सुविधाएं भी उपलब्ध कराई है. इसके लिए संस्था ने विभिन्न उपकरणों से सुसज्जित लैब की स्थापना भी की है.

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इतना ही नहीं संस्था अपने सचल वाहनों से दूर-दराज के गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रही है. साथ ही निःशुल्क दवाइयां भी वितरित कर रही है. हेल्पेज इंडिया के डॉ. रंग लाल ने बताया कि पहाड़ों में कठिन भौगोलिक संरचना के कारण अधिकांश ग्रामीण नसों के दर्द और आर्थोराइटिस से पीड़ित रहते हैं. सेंटर में इस तरह के इलाज के लिए विभिन्न उपकरण लगाए गए हैं. जहां पर मरीजों को रोजाना अभ्यास कराया जाता है.

वहीं, अस्पताल में फिजियोथेरेपी लैब की स्थापना की गई है. जहां पर रोगियों को व्यायाम करने के तरीकों से लेकर विभिन्न उपकरणों पर अभ्यास कराया जाता है. अगस्त्यमुनि के सौड़ी के पास 21 बिस्तरों वाले अस्पताल के साथ ही गरीब मरीजों के तीमारदारों और वृद्ध व बेसहारा, गरीब लोगों के लिए एक मानव आश्रय खोला गया है.

Intro:केदारघाटी की जनता के लिए वरदान से कम नहीं हेल्पेज इण्डिया
लकवाग्रस्त मरीजों के लिए आशा की किरण बनी है संस्था
संस्था के फिजियोथेरेपिस्ट कर रहे गरीब मरीजों का इलाज
शिविर लगाकर ऋषिकेश एम्स से भी चिकित्सक आकर करते हैं इलाज
रुद्रप्रयाग। केदारघाटी में आई भीषण आपदा के बाद से केदारघाटी में न केवल भोगोलिक परिस्थितियां बदली, बल्कि पूरा सामाजिक ढांचा ही परिवर्तित हो गया। ऐसी विकट परिस्थितियों में सबसे अधिक प्रभाव क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा। हल्की फुल्की बीमारी के लिए भी जनता को लम्बी दूरी तय करनी पड़ रही है। इन परिस्थितियों को समझा स्वास्थ्य सेवाओं में कार्य करने वाली सामाजिक संस्था हेल्पेज इण्डिया ने और उन्होंने केदारघाटी के अगस्त्यमुनि क्षेत्र में जनता को स्वास्थ्य सुविधायें देने का निश्चय किया। इस काम में फण्डिंग देकर साथ दिया गैस अथोरिटी आॅफ इण्डिया (गेल) एवं एचडीएफसी ने। Body:हेल्पेज इण्डिया ने गैल के सहयोग से न केवल अपने सचल वाहनों से दूर दराज के गांवों में स्वास्थ्य सेवाये उपलब्ध कराईं बल्कि जनता को निःशुल्क दवाइयां भी वितरित की। यही नहीं उन्होंने चन्द्रापुरी के पास गवनी गांव में एचडीएफसी के सहयोग से एक अस्पताल की स्थापना की है। जहां पर प्रत्येक सप्ताह वाह्य रोगियों को देखा जाता है। साथ ही यहां पर जनरल पैथालाॅजी के साथ ही फिजियोथेरेपी की निःशुल्क सुविधायें हैं। इसके लिए संस्था ने विभिन्न उपकरणों से सुसज्जित लैब की स्थापना की है। केदारघाटी क्षेत्र के के दूर दराज गांवों में स्वास्थ्य सुविधायें देने के लिए सचल वाहनों के माध्यम से दवाइयां वितरित की जा रही हैं। संस्था के दो सचल वाहन सोमवार से शुक्रवार तक विभिन्न गांवों में प्रातः साढ़े नौ से सांय पांच बजे तक ये सुविधायें दे रहे हैं।
हेल्पेज इंडिया के डाॅ रंग लाल ने बताया कि पहाड़ों की परिस्थितियों को देखते हुए हेल्पेज इण्डिया द्वारा खोला गया फिजियोथेरेपिस्ट सेण्टर यहां के ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहा है। असल में पहाड़ों में कठिन भौगोलिक संरचना के कारण अधिकांश ग्रामीण नसों के दर्द एवं आर्थोराइटिस से परेशान रहते हैं। जो कि केवल सही तरीके के व्यायाम करने से ही ठीक हो सकते हैं। सेण्टर में इस प्रकार के इलाज के लिए विभिन्न उपकरण लगाये गये हैं। जिन पर मरीजों को प्रतिदिन अभ्यास कराया जाता है।
बाइट 1 - डाॅ रंग लाल, फिजियोथेरेपी
बाइट 2 - डाॅ रंग लाल, फिजियोथेरेपी
Conclusion:वीओ -2- पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण केदारघाटी में स्थानीय निवासियों को कई शारीरिक समस्यायें उत्पन्न होती हैं, जिनको विभिन्न व्यायामों के द्वारा ठीक किया जा रहा है। इसके लिए फिजियोथेरेपी लैब की स्थापना की गई है। जहां पर रोगियों को व्यायाम करने के तरीकों से लेकर विभिन्न उपकरणों पर अभ्यास कराया जाता है। संस्था का उद्देश्य जनता को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध कराना है। इसके लिए अगस्त्यमुनि के सौड़ी के पास 21 बिस्तरों वाले अस्पताल के साथ ही गरीब मरीजों के तीमारदारों तथा वृद्ध एवं बेसहारा गरीब लोगों के लिए एक मानव आश्रय खोला गया है।
बाइट - बीना, मरीज
वीओ -3- हेल्पेज इण्डिया द्वारा एम्स ऋषिकेश के सहयोग से निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन भी किया जाता है। हेल्पेज इण्डिया के गिंवाला गांव में केदार वृद्धाश्रम में स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया जाता है और लकवा, चक्कर आना, हाथ पैर की कमजोरी, स्पाइनल इन्जरी, हाथ पैरों में झनझनाहट के मरीजों की जांच कर निःशुल्क दवाइयां भी वितरित की जाती है। क्षेत्र में न्यूरो सर्जन द्वारा कैम्प लगाये जाने से ग्रामीणों को राहत मिलती है, जिससे दूर दूर से काफी संख्या में मरीज अपनी जांच कराने आते हैं।
बाइट- डाॅ पकंज, चिकित्सक
Last Updated : Oct 26, 2019, 11:54 PM IST
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