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अच्छी खबर: अब केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा शुरू, ई-पास है जरूरी

केदारनाथ धाम के लिये अब श्रद्धालु हेलीकाप्टर सेवा से भी यात्रा कर सकते हैं. धाम के लिये 6 हेली कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं. हालांकि, आये दिन मौसम खराब होने से शाम को हेलीकाप्टर केदारनाथ धाम के लिये उड़ान नहीं भर पा रहे हैं.

Chardham Yatra 2021
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Published : Oct 4, 2021, 5:11 PM IST

रुद्रप्रयाग: अगर आप भी केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए आने का मन बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल, केदारनाथ धाम के दर्शन पर आने वाले यात्रियों के लिये हेली सेवाएं शुरू की गई थीं. अब धाम के लिये 6 हेली सेवाओं को अनुमति मिल चुकी है, जो यात्री पैदल चलने में असमर्थ हैं, वह अब हेली सेवाओं से भी बाबा केदार के दर्शन कर सकते हैं.

हेली सेवाओं के चलने से केदारघाटी में भी रौनक लौट आई है. धाम के लिये फिलहाल आर्यन, थम्बी, क्रिस्टल, हिमालयन, एरो और पवन हंस हेली कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं. पिछले वर्षों की तुलना में इस बार तीन हेली सेवाएं केदारघाटी नहीं पहुंची हैं. प्रत्येक दिन हेली सेवाओं से 200 के करीब यात्री केदारनाथ पहुंच रहे हैं.

अब केदारनाथ धाम के दर्शन करना हुआ आसान.

पढ़ें- उत्तराखंड में 19 अक्टूबर तक बढ़ा कोरोना कर्फ्यू, जानें कहां मिली छूट

रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि गुप्तकाशी, फाटा, शेरसी और सोनप्रयाग से छह हेली सेवाएं केदारनाथ के लिये संचालित हो रही हैं. प्रत्येक दिन 150 से 200 के बीच यात्री हेली सेवा से केदारनाथ जा रहे हैं. हेली सेवा से जाने के लिये भी ई-पास जरूरी है.

प्रदेश में हर साल केदारनाथ और हेमकुंड के लिए हेली सेवाएं संचालित की जाती हैं. इन हेली सेवाओं के संचालन को हर साल नागरिक उड्डयन विभाग टेंडर करता रहा है, ताकि न्यूनतम दरों पर हेली सेवाओं का संचालन करने वाली हेली कंपनियों को यह टेंडर दिया जा सके. लेकिन किराये की दरों को लेकर हर साल विवाद भी होता रहा है. इसके साथ ही इस विवाद की वजह से हेली सेवाएं लेट शुरू हो रही थी. इसे देखते हुए पिछले साल नागरिक उड्डयन विभाग ने हेली कंपनियों के साथ तीन साल के लिए टेंडर कर दिए थे. ताकि, तय समय पर हेली सेवाएं शुरू हो सकें और यात्रियों को सस्ते दरों पर टिकट मिल सकें.

पढ़ें-चारधाम को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- जनता को गुमराह कर रहे सीएम

हेली सेवाओं के लिए निर्धारित किराया-

  • फाटा से केदारनाथ जाने के लिए श्रद्धालुओं को 2,360 रुपये प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है.
  • सिरसी से केदारनाथ के लिए 2,340 रुपये प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है.
  • गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए 3,875 रुपये प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है.
  • गोविंद घाट से घाघरिया के लिये 2,975 रुपये प्रति व्यक्ति निर्धारित की गयी है.

गौर हो कि चारधाम यात्रा पर रोक लगाए जाने से पहले भी करीब 1100 तीर्थयात्रियों ने बुकिंग करा ली थी, लेकिन बुकिंग रद्द कर यात्रियों को पैसा वापस कर दिया गया था. वहीं, अब 28 सितंबर से केदारनाथ हेली सेवा की ऑनलाइन बुकिंग शुरू होने के बाद एक अक्टूबर से हेली सेवा का संचालन शुरू हो गया है.

बढ़ रही यात्रियों की संख्या: चारों धामों में धीरे-धीरे तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है. रविवार 03 अक्टूबर को 795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए, 1000 तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किए. तीर्थयात्री इन दिनों पितृ तर्पण के लिए ज्यादा पहुंच रहे हैं. वहीं, 903 तीर्थयात्रियों ने हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के दर्शन किए. गंगोत्री में 600 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए. उधर यमुनोत्री में 400 श्रद्धालु पहुंचे.

रविवार 3 अक्टूबर तक इतने यात्री पहुंचे चारधाम: केदारनाथ धाम में अब तक 11,288 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं. बदरीनाथ धाम में 13,683 तीर्थयात्री अब तक दर्शन कर चुके हैं. गंगोत्री धाम में 7,590 तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं. यमुनोत्री में 5,211 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं. हेमकुंड साहिब की यात्रा पर अब तक 5628 तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं.

यमुनोत्री धाम जाने वालों में रोष: गौर हो कि चारों धामों में पहले धाम यमुनोत्री धाम में एक दिन में सबसे कम 400 तीर्थयात्रियों को ही दर्शन की अनुमति है, जबकि यात्रा शुरू होने के बाद से यहीं बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं. ई-पास न होने के कारण तीर्थयात्रियों को दुबाटा में रोका जा रहा है.

केदारधाम के यात्रियों को भी करना पड़ रहा फजीहतों का सामना: वहीं, विश्व विख्यात भगवान केदारनाथ के दर्शनों के लिये प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन ई-पास न होने के कारण यात्रियों को बिना दर्शन किये ही वापस जाना पड़ रहा है. अभी तक एक हजार से अधिक यात्रियों को वापस लौटाया गया है. केदारनाथ के दर्शनों के लिये जाने वाले यात्री के पास ई-पास का होना जरूरी है और एक दिन में ई-पास वाले मात्र 800 यात्री ही केदारनाथ जा सकते हैं. रुद्रप्रयाग में बदीनाथ हाईवे पर पौड़ी और रुद्रप्रयाग जिले की सीमा सिरोबगड़ में चेक पोस्ट बनाकर यात्रियों की चेकिंग की जा रही है और जिन यात्रियों के पास ई-पास नहीं हैं, उन्हें वहीं से वापस लौटाया जा रहा है.

रुद्रप्रयाग: अगर आप भी केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए आने का मन बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है. दरअसल, केदारनाथ धाम के दर्शन पर आने वाले यात्रियों के लिये हेली सेवाएं शुरू की गई थीं. अब धाम के लिये 6 हेली सेवाओं को अनुमति मिल चुकी है, जो यात्री पैदल चलने में असमर्थ हैं, वह अब हेली सेवाओं से भी बाबा केदार के दर्शन कर सकते हैं.

हेली सेवाओं के चलने से केदारघाटी में भी रौनक लौट आई है. धाम के लिये फिलहाल आर्यन, थम्बी, क्रिस्टल, हिमालयन, एरो और पवन हंस हेली कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं. पिछले वर्षों की तुलना में इस बार तीन हेली सेवाएं केदारघाटी नहीं पहुंची हैं. प्रत्येक दिन हेली सेवाओं से 200 के करीब यात्री केदारनाथ पहुंच रहे हैं.

अब केदारनाथ धाम के दर्शन करना हुआ आसान.

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रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि गुप्तकाशी, फाटा, शेरसी और सोनप्रयाग से छह हेली सेवाएं केदारनाथ के लिये संचालित हो रही हैं. प्रत्येक दिन 150 से 200 के बीच यात्री हेली सेवा से केदारनाथ जा रहे हैं. हेली सेवा से जाने के लिये भी ई-पास जरूरी है.

प्रदेश में हर साल केदारनाथ और हेमकुंड के लिए हेली सेवाएं संचालित की जाती हैं. इन हेली सेवाओं के संचालन को हर साल नागरिक उड्डयन विभाग टेंडर करता रहा है, ताकि न्यूनतम दरों पर हेली सेवाओं का संचालन करने वाली हेली कंपनियों को यह टेंडर दिया जा सके. लेकिन किराये की दरों को लेकर हर साल विवाद भी होता रहा है. इसके साथ ही इस विवाद की वजह से हेली सेवाएं लेट शुरू हो रही थी. इसे देखते हुए पिछले साल नागरिक उड्डयन विभाग ने हेली कंपनियों के साथ तीन साल के लिए टेंडर कर दिए थे. ताकि, तय समय पर हेली सेवाएं शुरू हो सकें और यात्रियों को सस्ते दरों पर टिकट मिल सकें.

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हेली सेवाओं के लिए निर्धारित किराया-

  • फाटा से केदारनाथ जाने के लिए श्रद्धालुओं को 2,360 रुपये प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है.
  • सिरसी से केदारनाथ के लिए 2,340 रुपये प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है.
  • गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए 3,875 रुपये प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है.
  • गोविंद घाट से घाघरिया के लिये 2,975 रुपये प्रति व्यक्ति निर्धारित की गयी है.

गौर हो कि चारधाम यात्रा पर रोक लगाए जाने से पहले भी करीब 1100 तीर्थयात्रियों ने बुकिंग करा ली थी, लेकिन बुकिंग रद्द कर यात्रियों को पैसा वापस कर दिया गया था. वहीं, अब 28 सितंबर से केदारनाथ हेली सेवा की ऑनलाइन बुकिंग शुरू होने के बाद एक अक्टूबर से हेली सेवा का संचालन शुरू हो गया है.

बढ़ रही यात्रियों की संख्या: चारों धामों में धीरे-धीरे तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है. रविवार 03 अक्टूबर को 795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए, 1000 तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किए. तीर्थयात्री इन दिनों पितृ तर्पण के लिए ज्यादा पहुंच रहे हैं. वहीं, 903 तीर्थयात्रियों ने हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के दर्शन किए. गंगोत्री में 600 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए. उधर यमुनोत्री में 400 श्रद्धालु पहुंचे.

रविवार 3 अक्टूबर तक इतने यात्री पहुंचे चारधाम: केदारनाथ धाम में अब तक 11,288 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं. बदरीनाथ धाम में 13,683 तीर्थयात्री अब तक दर्शन कर चुके हैं. गंगोत्री धाम में 7,590 तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं. यमुनोत्री में 5,211 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं. हेमकुंड साहिब की यात्रा पर अब तक 5628 तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं.

यमुनोत्री धाम जाने वालों में रोष: गौर हो कि चारों धामों में पहले धाम यमुनोत्री धाम में एक दिन में सबसे कम 400 तीर्थयात्रियों को ही दर्शन की अनुमति है, जबकि यात्रा शुरू होने के बाद से यहीं बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं. ई-पास न होने के कारण तीर्थयात्रियों को दुबाटा में रोका जा रहा है.

केदारधाम के यात्रियों को भी करना पड़ रहा फजीहतों का सामना: वहीं, विश्व विख्यात भगवान केदारनाथ के दर्शनों के लिये प्रत्येक दिन हजारों की संख्या में यात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन ई-पास न होने के कारण यात्रियों को बिना दर्शन किये ही वापस जाना पड़ रहा है. अभी तक एक हजार से अधिक यात्रियों को वापस लौटाया गया है. केदारनाथ के दर्शनों के लिये जाने वाले यात्री के पास ई-पास का होना जरूरी है और एक दिन में ई-पास वाले मात्र 800 यात्री ही केदारनाथ जा सकते हैं. रुद्रप्रयाग में बदीनाथ हाईवे पर पौड़ी और रुद्रप्रयाग जिले की सीमा सिरोबगड़ में चेक पोस्ट बनाकर यात्रियों की चेकिंग की जा रही है और जिन यात्रियों के पास ई-पास नहीं हैं, उन्हें वहीं से वापस लौटाया जा रहा है.

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