रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के लिए आज से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू हो गई है. डीजीसीए के निरीक्षण के बाद 6 हेलीकॉप्टर कंपनियों को उड़ान भरने की अनुमति दी गई है. हालांकि, केदारनाथ में मौसम खराब होने के कारण हेली सेवाओं को दोपहर बाद दिक्कतें हुईं. पहले दिन करीब 80 यात्रियों ने हेली सेवा से केदारनाथ की यात्रा की.
केदारनाथ धाम दर्शन को आने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिली. ऐसे यात्री जो पैदल और डंडी कंडी व घोड़ा खच्चर से भी जाने में असमर्थ हैं, वो हेली सेवा का लाभ उठा सकते हैं. आज सुबह से ही हेलीकॉप्टरों की गूंज एक बार फिर केदारघाटी में सुनाई देने लगी. बंद पड़े हेलीपैड पर फिर से रौनक लौट आई. हेलीपैड के बाहर यात्रियों की चहलकदमी शुरू हो गई है. डीजीसीए की अनुमति के बाद पवनहंस, आर्यन, थुम्बी, क्रिस्टल हिमालय हेली और ऐरो ने अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं. हेलीकॉप्टर में एक बार में 5 से 6 यात्री सवार हो रहे हैं.
बाबा केदार के दर्शन करके भक्त भी बेहद खुश हैं. बाबा केदार की सायंकालीन आरती में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हो रहे हैं. 18 सितंबर से अभी तक नौ हजार से अधिक यात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. हाईकोर्ट के आदेश पर यात्री ई-पास के जरिये बाबा केदार के दर्शन कर रहे हैं. एक दिन में आठ सौ ई-पास ही जारी हो रहे हैं. भक्त पैदल मार्ग से बाबा केदार के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं.
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केदारनाथ के मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने बताया कि श्रद्धालु कोविड नियमों का पालन करते हुए केदार धाम पहुंच रहे हैं. धाम में प्रातः काल बालभोग की पूजा हो रही है. इसके बाद 7 बजे मंदिर के कपाट खोले जा रहे हैं. दो बजे तक भक्त दर्शन कर रहे हैं. तीन बजे मंदिर बंद होने के बाद पांच बजे फिर से खोले जाते हैं. फिर रात आठ बजे आरती की जाती है.
उन्होंने बताया कि भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग के रूप में केदारनाथ का धाम प्रसिद्ध है. यहां आने से सात जन्मों के पापों का निवारण होता है. गोत्र हत्या से मुक्ति पाने के लिए पांडवों ने हिमालय की ओर प्रस्थान किया था. भगवान शंकर ने उन्हें केदारनाथ में पृष्ठ भाग में दर्शन दिए. यहां स्वयंभू लिंग है और यह सिद्ध स्थान है. केदार मंदिर के दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. कोविड की वजह से धाम में सीमित लोग आ रहे हैं.