रुद्रप्रयाग: केदारघाटी से केदारनाथ धाम के लिए संचालित होने वाली हेली सेवाएं तीर्थ यात्रियों की जान से खेलते हुए भयंकर बरसात और घने कोहरे के बीच भी अपनी सेवाएं दे रही हैं. ऐसा करते हुए गत वर्ष आर्यन एविएशन का एक हेलीकॉप्टर पहाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस घटना में सात लोगों की अकाल मौत हो गई थी. इसके बावजूद यूकाडा की ओर से इन हेली कंपनियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है.
दरअसल, केदारघाटी से नौ हेली सेवाओं को केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा की स्वीकृति प्रदान है. सभी हेली सेवाओं का समय अलग-अलग रूप से चयनित हैं. ऐसे में गुप्तकाशी के निकट मस्ता में आर्यन एविएशन लगातार तीर्थ यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ करते हुए भयंकर कोहरे, बिजली की गड़गड़ाहट और बरसात के दौरान भी लगातार तीर्थ यात्रियों की जान की परवाह किये बगैर हेली सेवा का संचालन कर रहा है, जबकि अन्य हेली सेवाएं 2 घंटे पूर्व कोहरे और बरसात को देखते हुए अपनी सेवाएं बंद कर रहे हैं, मगर आर्यन एविएशन लगातार मानकों की अनदेखी करते हुए तीर्थयात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रहा है.
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गत वर्ष भी आर्य एविएशन की ओर से भयंकर कोहरे के बीच केदारनाथ से सवारियों को लेकर नारायणकोटि अपने हेलीपैड की ओर आ रहा था. इसी दौरान केदारनाथ के निकट घने कोहरे के चलते हेलीकाॅप्टर पहाड़ी से टकरा गया, जिस कारण हेली में सवार पाॅयलेट सहित 7 सवारियों की मौके पर ही मौत हो गई थी. आर्यन एविएशन लगातार प्रशासन और डीजीसीए के मानकों की अनदेखी करके पैंसे कमाने में लगा है. मामले में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को जब इस बाबत अवगत कराया गया तो उन्होंने मामले में ठोस कदम उठाने की बात कही. उन्होंने कहा मामला उनके संज्ञान में आ गया है. तीर्थयात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाली हेली कंपनियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.