रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में शीतकालीन यात्रा को लेकर भक्तों में काफी उत्साह देखा जा रहा है. विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. शीतकालीन गद्दीस्थल इन दिनों भक्तों से गुलजार है. मान्यता है कि भगवान केदारनाथ के इस शीतकालीन गद्दीस्थल के दर्शन करने से एक साथ पंच केदारों के दर्शनों का लाभ मिलता है. यही कारण है कि ओंकारेश्वर मंदिर को पंच केदार शीतकालीन गद्दीस्थल भी कहा जाता है.
भले ही भगवान केदारनाथ के कपाट इन दिनों शीतकाल में बंद हों, लेकिन देश और विदेश के भक्त बाबा के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में पहुंचकर बाबा केदार के दर्शन कर रहे हैं. बाबा केदार का शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में स्थित है. इन दिनों यहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. इस मंदिर के पास ही भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध और राक्षसों के राजा बाणासुर की पुत्री उषा का भी विवाह हुआ था. ओंकारेश्वर मंदिर केदारनाथ के अलावा द्वितीय केदार मद्महेश्वर का शीतकालीन गद्दीस्थल भी है.
ओंकारेश्वर में पंच केदारों के दर्शन करने का मिलता है पुण्य: कहते हैं कि जो भक्त केदारनाथ नहीं जा पाते हैं, वो यहीं पर आकर बाबा केदार के दर्शन कर सकते हैं. साथ ही यहां पर दर्शन करने से एक साथ पंच केदारों के दर्शन करने का पुण्य मिलता है. इसके साथ ही तृतीय केदार तुंगनाथ धाम के शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में भी भक्त भगवान तुंगनाथ के दर्शनार्थ को पहुंच रहे हैं. इन तीर्थस्थलों में भक्तों के पहुंचने से शीतकालीन तीर्थाटन को बढ़ावा मिल रहा है.
जो भक्त केदारनाथ नहीं जा पाते हैं, वो ओंकारेश्वर मंदिर में आकर भगवान केदारनाथ के दर्शन कर सकते हैं. मंदिर की एक विशेषता ये भी है कि यहां पर दर्शन करने से एक साथ पांच केदारों के दर्शनों का लाभ मिलता है. -शिव शंकर लिंग, मुख्य पुजारी, केदारनाथ