रुद्रप्रयाग: प्रदेश में बारिश शुरू होने पर डेंगू की संभावना काफी बढ़ जाती है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर अभी से कमर कस ली है. प्रशासन की ओर से बताया जा रहा है, कि जुलाई के पहले हफ्ते से नगर पालिका व नगर पंचायत के अलावा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में फॉगिंग का काम शुरू किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से खुद को सुरक्षित रखने की अपील की है. वहीं, आशा, एएनएम और कोरोना कार्यकर्ताओं ने गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया. साथ ही डेंगू से बचाव के लिए ब्लॉक अस्पतालों को क्लोरीन टैबलेट दी.
नोडल अधिकारी डॉ. शाकिब ने बताया कि डेंगू की संभावनाओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी तैयारी पूरी कर ली हैं. इसे तहत जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डेंगू आइसोलेशन वॉर्ड स्थापित किया गया है. सभी डेंगू वॉर्ड में नायलॉन के मॉस्किटो नेट भी लगाए गए हैं. इससे डेंगू से पीड़ित मरीजों को इस जानलेवा बीमारी से थोड़ी राहत मिलेगी. इसके अलावा आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकत्री, घर- घर जा कर लोगों को डेंगू के लक्षणों और इससे बचाव के उपाय भी बताएंगी.
डेंगू से बचने के उपाय
1- डेंगू के मच्छरों को पैदा होने से रोकने के लिए खुले में पानी जमा न होने दें.
2- पीने का पानी पूरी तरह ढक कर रखें.
3- कूलर, बाथरूम और किचन में अगर पानी रुका हो, तो वहां दिन में एक बार मिट्टी का तेल डालें.
4- कूलर का पानी रोजाना बदलें. साथ ही उसमें ब्लीचिंग पाउडर या बोरिक एसिड जरूर डालें.
5- छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन और बोतलों को न रखें.
6- पानी की टंकी अच्छी तरह से बंद करें.
7- हफ्ते में एक बार घर के भीतर सभी जगहों पर कीट नाशक का छिड़काव करें.
8- पूरी बांह का शर्ट पहन कर ही बाहर लिकलें. इसके अलावा फुल पैंट, जूते और मोजे पहनें.
9- मच्छर गाढ़े रंग की तरफ अत्यधिक आकर्षित होते हैं. इसलिए हो सके तो हल्के रंग के वस्त्र ही पहनें. साथ ही तेज महक वाली परफ्यूम से बचें.
10- कमरे में मच्छर भगाने वाले स्प्रे, मैट्स और कॉइल्स का प्रयोग करें. मॉस्किटो रेपलेंट को जलाने के बाद कमरे को 1-2 घंटे के लिए बंद कर दें.
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स्वास्थ्य विभाग के डॉ. शाकिब ने बताया कि डेंगू बुखार एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है, जो कि मादा मच्छर होती है. करीब 3-5 दिनों बाद मरीज में डेंगू के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. डेंगू फैलाने वाले मच्छर अत्यधिक गर्म मौसम में भी जिंदा रह सकते हैं. इस लिए इन्हें खत्म कर पाना संभव नहीं नहीं है. पानी के संपर्क में आते ही इनका लार्वा अंडा में तब्दील हो जाता है, जिसके बाद ये लार्वा से मच्छर बन जाते हैं.