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जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर स्कूली बच्चे, जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध

रानीगढ़ क्षेत्र में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज चमकोट की हालत खस्ताहाल है, जो हादसों को दावत दे रहा है. स्थानीय लोग भवन की जर्जर हालत के लिए जनप्रतिनिधियों और उच्च अधिकारियों को कई बार पत्र लिख चुके हैं.

Government Inter College Chamkot
जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं स्कूली बच्चे
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Published : Jul 22, 2021, 7:26 AM IST

रुद्रप्रयाग: शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के सरकार के लाख दावे के बावजूद जमीनी हकीकत ठीक उलट है. आज भी कई स्कूलों के भवन जर्जर अवस्था में हैं, जहां छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं. रानीगढ़ क्षेत्र में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज चमकोट की हालत खस्ताहाल है, जो हादसों को दावत दे रहा है.

साल 2007-08 में रानीगढ़ क्षेत्र के राजकीय इंटर कॉलेज चमकोट के भवन का निर्माण शुरू हुआ था. तीन साल तक निर्माण कार्य चलने के बाद कार्य बंद कर दिया गया. जबकि इस भवन पर 84.5 लाख रुपए की धनराशि खर्च की गई. यूपी निर्माण निगम ने स्कूल भवन के लिए अतिरिक्त धनराशि की मांग की गई. इसके बाद रिवाइज स्टीमेट भेजा गया, जिसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है.

पढ़ें-CM धामी ने की 200 करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा, तीरथ के पैकेज से है 30 करोड़ कम

उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि पिछले 14 सालों से चमकोट स्कूल का भवन आधा-अधूरा है. निर्माण कार्य बंद होने से यह बिल्डिंग खंडहर में तब्दील होती जा रहा है. जिस स्कूल में बच्चे पढ़ रहे हैं, उस भवन का निर्माण 34 साल पूर्व हुआ था. इस जीर्ण-शीर्ण भवन में बरसात के समय पानी टपकता है. स्कूल की दीवारें क्षतिग्रस्त हो रही हैं और टीन शेड उखड़ने लगा है. स्कूल के समय बच्चों और शिक्षकों को खतरा बना रहता है.

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उन्होंने बच्चों की सुरक्षा और बेहतर शिक्षा के लिए जल्द से जल्द स्कूल की बिल्डिंग का कार्य पूरा करने की मांग की है.ग्राम प्रधान जसोली अर्चना चमोली, अध्यापक अभिभावक संघ अध्यक्ष छतर सिंह, प्रधान कोदिमा हेमा देवी, प्रधान कोट सुमन देवी, एसएमसी अध्यक्ष जीवन सिंह ने कहा कि निर्माणाधीन भवन का कार्य बंद होने से शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है. पुरानी बिल्डिंग में हर समय खतरा बना रहता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री से लेकर जिलाधिकारी सहित तमाम जनप्रतिनिधियों से पत्राचार करने के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है.

रुद्रप्रयाग: शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के सरकार के लाख दावे के बावजूद जमीनी हकीकत ठीक उलट है. आज भी कई स्कूलों के भवन जर्जर अवस्था में हैं, जहां छात्र-छात्राएं जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं. रानीगढ़ क्षेत्र में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज चमकोट की हालत खस्ताहाल है, जो हादसों को दावत दे रहा है.

साल 2007-08 में रानीगढ़ क्षेत्र के राजकीय इंटर कॉलेज चमकोट के भवन का निर्माण शुरू हुआ था. तीन साल तक निर्माण कार्य चलने के बाद कार्य बंद कर दिया गया. जबकि इस भवन पर 84.5 लाख रुपए की धनराशि खर्च की गई. यूपी निर्माण निगम ने स्कूल भवन के लिए अतिरिक्त धनराशि की मांग की गई. इसके बाद रिवाइज स्टीमेट भेजा गया, जिसे अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है.

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उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि पिछले 14 सालों से चमकोट स्कूल का भवन आधा-अधूरा है. निर्माण कार्य बंद होने से यह बिल्डिंग खंडहर में तब्दील होती जा रहा है. जिस स्कूल में बच्चे पढ़ रहे हैं, उस भवन का निर्माण 34 साल पूर्व हुआ था. इस जीर्ण-शीर्ण भवन में बरसात के समय पानी टपकता है. स्कूल की दीवारें क्षतिग्रस्त हो रही हैं और टीन शेड उखड़ने लगा है. स्कूल के समय बच्चों और शिक्षकों को खतरा बना रहता है.

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उन्होंने बच्चों की सुरक्षा और बेहतर शिक्षा के लिए जल्द से जल्द स्कूल की बिल्डिंग का कार्य पूरा करने की मांग की है.ग्राम प्रधान जसोली अर्चना चमोली, अध्यापक अभिभावक संघ अध्यक्ष छतर सिंह, प्रधान कोदिमा हेमा देवी, प्रधान कोट सुमन देवी, एसएमसी अध्यक्ष जीवन सिंह ने कहा कि निर्माणाधीन भवन का कार्य बंद होने से शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है. पुरानी बिल्डिंग में हर समय खतरा बना रहता है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री से लेकर जिलाधिकारी सहित तमाम जनप्रतिनिधियों से पत्राचार करने के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है.

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