रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा का आगाज हो चुका है. कपाट खुलने के बाद हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार के दरबार में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. श्रद्धालु इस यात्रा में ग्लेशियर से होकर गुजर रहे हैं और ऐसे में उनका उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं, कुछ दिन बाद केदारघाटी में हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू होने जा रही हैं. ऐसे में हवाई सेवाओं की गर्जना से ग्लेशियर के टूटने का खतरा बना हुआ है. जिसके लिए प्रशासन ने वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजिकल को रिसर्च के लिए बुलाया है.
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि लिनचैली से केदारनाथ के बीच पांच बड़े-बड़े ग्लेशियर हैं, जिनकी ऊंचाई 18 से 20 फीट है. बर्फबारी और बारिश के बंद होते ही 25 मार्च के बाद पैदल मार्ग पर काम करवाया गया. जो यात्रा से पहले ये मार्ग तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि इस रास्ते को तैयार करने के बाद आसपास बड़े ग्लेशियर दिख रहे हैं. जिनके गिरने का डर प्रशासन को बना हुआ है. जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन की ओर से वाडिया इंस्टीट्यूट को पत्र भेजा गया है. इसके साथ ही ग्लेशियर वाले स्थानों पर एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गई है.
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कपाट खुलने के बाद से केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों का हुजूम उमड़ने लगा है, पहले ही दिन 6 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये तो दूसरे दिन 11,499 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए. अभी केदारधाम जाने वाले तीर्थयात्री गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग से यात्रा कर रहे हैं और जिसके बाद उनको हिम ग्लेशियरों से होकर गुजरना पड़ रहा है.