रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में गंगा पर बनाये गये बांधों के खिलाफ जल बिरादरी संगठन आगे आया है. जल बिरादरी अब गंगा को बचाने के लिए चमोली के माणा से गंगा अविरल यात्रा संदेश रैली निकालेगी. इस यात्रा का शुभारंभ कल यानी 22 मई से किया जाएगा. यात्रा के माध्यम से जल बिरादरी संगठन प्रमुख नगरों के लोगों को जागरूक करने का काम करेगी.
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जल बिरादरी की प्रदेश संयोजक बीना चौधरी ने बताया कि जल पुरुष राजेंद्र सिंह के निर्देश पर 22 मई से उत्तराखंड में गंगा अविरल यात्रा संदेश निकाली जाएगी. इसकी शुरुआत बदरीनाथ क्षेत्र के माणा गांव से होगी. यात्रा 23 मई को रुद्रप्रयाग और 24 मई को श्रीनगर पहुंचेगी.
उन्होंने बताया कि यह यात्रा तीन जून को देहरादून पहुंचेगी और इसी दिन ऋषिकेश में शत्रुघ्न घाट पर संगोष्ठी एवं गंगा आरती की जायेगी. बीना चौधरी ने कहा कि जल बिरादरी पहाड़ के विकास को अवरुद्ध नहीं करना चाहती है, लेकिन पहाड़ के हित और गंगा की रक्षा के लिए बड़ी जल विद्युत योजनाओं का विरोध किया जा रहा है. यहां छोटी-छोटी परियोजनाएं बननी चाहिए, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके. जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए गंगा को बचाना जरूरी है. बड़े बांधों के कारण पौराणिक मठ-मंदिरों को क्षति पहुंचाई जा रही है, जिससे लोग पलायन को मजबूर हैं.
उन्होंने कहा कि देवप्रयाग से ऋषिकेश तक कोटली भेल परियोजना के अन्तर्गत तीन बांध बनने से देवप्रयाग संगम स्थल को भी अराध्य शक्तिपीठ धारी देवी मंदिर की तर्ज पर डूबो दिया जायेगा.
बीना चौधरी ने बताया कि बाहरी कंपनियां व सरकार स्थानीय लोगों को कुछ दिन का रोजगार देकर उनकी जल, जंगल व जमीन हड़प लेतीं हैं और बांध बनने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है. अब जल बिरादरी संगठन ऐसा नहीं होने देगा.
जल बिरादरी संगठन पूरे राज्य में अपने संगठन की नींव रखने जा रहा है. जल बिरादरी संगठन से प्रदेश में तमाम महिलाएं जुड़ रही हैं और अब महिलाएं और युवा यहां के पंच प्रयागों और जल, जंगल व जमीन को बचाने का बीड़ा उठायेंगे.
वहीं, दूसरी ओर झबरेड़ा (हरिद्वार) विधायक देशराज कर्णवाल ने जल बिरादरी संगठन का समर्थन करते हुए कहा कि गंगा को स्वच्छ रखा जाना जरूरी है. उन्होंने भी माना कि परियोजनाओं के निर्माण से पलायन बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे.