ETV Bharat / state

गंगा के अस्तित्व को बचाने के लिए आगे आया जल बिरादरी, माणा से निकलेगी यात्रा

गंगा के अस्तित्व को बचाने के लिए अब जल बिरादरी जल बिरादरी आगे आया है. जल बिरादरी चमोली के माणा गांव से गंगा अविरल यात्रा संदेश रैली निकालेगी और लोगों को जागरुक करेगी.

गंगा के अस्तित्व को बचाने की आवाज फिर बुलंद
author img

By

Published : May 21, 2019, 8:20 PM IST

Updated : May 21, 2019, 8:48 PM IST

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में गंगा पर बनाये गये बांधों के खिलाफ जल बिरादरी संगठन आगे आया है. जल बिरादरी अब गंगा को बचाने के लिए चमोली के माणा से गंगा अविरल यात्रा संदेश रैली निकालेगी. इस यात्रा का शुभारंभ कल यानी 22 मई से किया जाएगा. यात्रा के माध्यम से जल बिरादरी संगठन प्रमुख नगरों के लोगों को जागरूक करने का काम करेगी.

पढ़ें- देवभूमि में करना चाहते हैं बाबा बर्फानी के दर्शन तो चले आइए यहां, इस बार बने हैं कई शिवलिंग

जल बिरादरी की प्रदेश संयोजक बीना चौधरी ने बताया कि जल पुरुष राजेंद्र सिंह के निर्देश पर 22 मई से उत्तराखंड में गंगा अविरल यात्रा संदेश निकाली जाएगी. इसकी शुरुआत बदरीनाथ क्षेत्र के माणा गांव से होगी. यात्रा 23 मई को रुद्रप्रयाग और 24 मई को श्रीनगर पहुंचेगी.

गंगा के अस्तित्व को बचाने की आवाज फिर बुलंद

उन्होंने बताया कि यह यात्रा तीन जून को देहरादून पहुंचेगी और इसी दिन ऋषिकेश में शत्रुघ्न घाट पर संगोष्ठी एवं गंगा आरती की जायेगी. बीना चौधरी ने कहा कि जल बिरादरी पहाड़ के विकास को अवरुद्ध नहीं करना चाहती है, लेकिन पहाड़ के हित और गंगा की रक्षा के लिए बड़ी जल विद्युत योजनाओं का विरोध किया जा रहा है. यहां छोटी-छोटी परियोजनाएं बननी चाहिए, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके. जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए गंगा को बचाना जरूरी है. बड़े बांधों के कारण पौराणिक मठ-मंदिरों को क्षति पहुंचाई जा रही है, जिससे लोग पलायन को मजबूर हैं.

उन्होंने कहा कि देवप्रयाग से ऋषिकेश तक कोटली भेल परियोजना के अन्तर्गत तीन बांध बनने से देवप्रयाग संगम स्थल को भी अराध्य शक्तिपीठ धारी देवी मंदिर की तर्ज पर डूबो दिया जायेगा.
बीना चौधरी ने बताया कि बाहरी कंपनियां व सरकार स्थानीय लोगों को कुछ दिन का रोजगार देकर उनकी जल, जंगल व जमीन हड़प लेतीं हैं और बांध बनने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है. अब जल बिरादरी संगठन ऐसा नहीं होने देगा.

जल बिरादरी संगठन पूरे राज्य में अपने संगठन की नींव रखने जा रहा है. जल बिरादरी संगठन से प्रदेश में तमाम महिलाएं जुड़ रही हैं और अब महिलाएं और युवा यहां के पंच प्रयागों और जल, जंगल व जमीन को बचाने का बीड़ा उठायेंगे.

वहीं, दूसरी ओर झबरेड़ा (हरिद्वार) विधायक देशराज कर्णवाल ने जल बिरादरी संगठन का समर्थन करते हुए कहा कि गंगा को स्वच्छ रखा जाना जरूरी है. उन्होंने भी माना कि परियोजनाओं के निर्माण से पलायन बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे.

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में गंगा पर बनाये गये बांधों के खिलाफ जल बिरादरी संगठन आगे आया है. जल बिरादरी अब गंगा को बचाने के लिए चमोली के माणा से गंगा अविरल यात्रा संदेश रैली निकालेगी. इस यात्रा का शुभारंभ कल यानी 22 मई से किया जाएगा. यात्रा के माध्यम से जल बिरादरी संगठन प्रमुख नगरों के लोगों को जागरूक करने का काम करेगी.

पढ़ें- देवभूमि में करना चाहते हैं बाबा बर्फानी के दर्शन तो चले आइए यहां, इस बार बने हैं कई शिवलिंग

जल बिरादरी की प्रदेश संयोजक बीना चौधरी ने बताया कि जल पुरुष राजेंद्र सिंह के निर्देश पर 22 मई से उत्तराखंड में गंगा अविरल यात्रा संदेश निकाली जाएगी. इसकी शुरुआत बदरीनाथ क्षेत्र के माणा गांव से होगी. यात्रा 23 मई को रुद्रप्रयाग और 24 मई को श्रीनगर पहुंचेगी.

गंगा के अस्तित्व को बचाने की आवाज फिर बुलंद

उन्होंने बताया कि यह यात्रा तीन जून को देहरादून पहुंचेगी और इसी दिन ऋषिकेश में शत्रुघ्न घाट पर संगोष्ठी एवं गंगा आरती की जायेगी. बीना चौधरी ने कहा कि जल बिरादरी पहाड़ के विकास को अवरुद्ध नहीं करना चाहती है, लेकिन पहाड़ के हित और गंगा की रक्षा के लिए बड़ी जल विद्युत योजनाओं का विरोध किया जा रहा है. यहां छोटी-छोटी परियोजनाएं बननी चाहिए, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके. जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए गंगा को बचाना जरूरी है. बड़े बांधों के कारण पौराणिक मठ-मंदिरों को क्षति पहुंचाई जा रही है, जिससे लोग पलायन को मजबूर हैं.

उन्होंने कहा कि देवप्रयाग से ऋषिकेश तक कोटली भेल परियोजना के अन्तर्गत तीन बांध बनने से देवप्रयाग संगम स्थल को भी अराध्य शक्तिपीठ धारी देवी मंदिर की तर्ज पर डूबो दिया जायेगा.
बीना चौधरी ने बताया कि बाहरी कंपनियां व सरकार स्थानीय लोगों को कुछ दिन का रोजगार देकर उनकी जल, जंगल व जमीन हड़प लेतीं हैं और बांध बनने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है. अब जल बिरादरी संगठन ऐसा नहीं होने देगा.

जल बिरादरी संगठन पूरे राज्य में अपने संगठन की नींव रखने जा रहा है. जल बिरादरी संगठन से प्रदेश में तमाम महिलाएं जुड़ रही हैं और अब महिलाएं और युवा यहां के पंच प्रयागों और जल, जंगल व जमीन को बचाने का बीड़ा उठायेंगे.

वहीं, दूसरी ओर झबरेड़ा (हरिद्वार) विधायक देशराज कर्णवाल ने जल बिरादरी संगठन का समर्थन करते हुए कहा कि गंगा को स्वच्छ रखा जाना जरूरी है. उन्होंने भी माना कि परियोजनाओं के निर्माण से पलायन बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे.

माणा गांव से शुरू होगी गंगा अविरल यात्रा: चैधरी
खतरे में गंगा का अस्तित्व, बांधों के निर्माण से बढ़ रहा पलायन
गंगा बिरादरी की प्रदेश संयोजक की पत्रकार वार्ता
बुधवार से यात्रा का आगाज, लोगों को किया जायेगा जागरूक
उत्तराखण्ड डेस्क
स्लग - गंगा अविरल यात्रा
रिपोर्ट - रोहित डिमरी/21 मई 2019/रुद्रप्रयाग/एवीबी
एंकर - गंगा को स्वच्छ रखने और उत्तराखण्ड में बनाये गये बांधों के खिलाफ गंगा अविरल यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जल बिरादरी गंगा को बचाने के लिए चमोली जिले के माणा गांव से गंगा अविरल यात्रा का शुभारंभ करेगी। 22 मई से शुरू होने वाली इस यात्रा के लिए प्रमुख नगरों में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
रुद्रप्रयाग मुख्यालय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए गंगा बिरादरी की प्रदेश संयोजक बीना चैधरी ने कहा कि जल पुरूष राजेंद्र सिंह के निर्देश पर 22 मई से उत्तराखंड में गंगा अविरल यात्रा निकाली जाएगी। इसकी शुरूआत बदरीनाथ क्षेत्र के माणा गांव से होगी। 23 मई को यात्रा रुद्रप्रयाग पहुंचेगी, जबकि 24 को यात्रा श्रीनगर में पहुंचेगी। यहां यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक राजेंद्र सिंह श्रीनगर में यात्रा को लेकर वृहद जानकारी देंगे। तीन जून को यात्रा देहरादून पहुंचेगी। इसी दिन ऋषिकेश में शत्रुघ्न घाट में संगोष्ठी एवं गंगा आरती की जायेगी। बीना चैधरी ने कहा कि हम पहाड़ के विकास को अवरुद्ध नहीं करना चाहते हैं, मगर पहाड़ के हित और गंगा की रक्षा के लिए बड़ी जल विद्युत योजनाओं का विरोध किया जा रहा है। यहां छोटी-छोटी परियोजनाएं बननी चाहिए, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके। जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए गंगा को बचाना जरूरी है। बड़े बांधो के कारण पौराणिक मठ-मंदिरों को क्षति पहुंचाई जा रही है। साथ ही लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं। कहा कि देवप्रयाग से ऋषिकेश तक कोटली भेल परियोजना के अन्तर्गत तीन बांध बनने से देवप्रयाग संगम स्थल को भी अराध्य शक्तिपीठ धारी देवी मंदिर की तर्ज पर डूबो दिया जायेगा और वहां के काश्तकारों को विकास के नाम पर और उनकी जमीनों का कुछ मुआवजा नौकरी का लालच देकर पलायन को बढ़ावा दिया जायेगा। इन बांधों के बनने से बाहरी कंपनियां राज्य में बहुत बड़ा मुनाफा तो कमाती ही हैं, लेकिन यहां के लोगों को कोई फायदा नहीं होता है। स्थानीय लोगों को कुछ दिन का रोजगार देकर उनकी जल, जंगल, जमीन सरकार व कंपनियां हड़प लेती हैं और बांध बनने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है। अब जल बिरादरी संगठन ऐसा नहीं होने देगा। जल बिरादरी संगठन पूरे राज्य में अपने संगठन की नींव रखने जा रहा है और पूरे प्रदेश में ग्रामीण स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठन खड़ा करने जा रहा है। जल बिरादरी संगठन से प्रदेश में तमाम महिलाएं जुड़ रही हैं और अब महिलाएं और युवा यहां के पंच प्रयागों और जल, जंगल व जमीन को बचाने का बीड़ा उठायेंगे। कहा कि गंगा की रक्षा के लिए पूरे राज्य में जल बिरादरी के संगठन को व्यापक रूप देते हुए मजबूत किया जाएगा। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
बाइट - बीना चैधरी, प्रदेश संयोजक गंगा बिरादरी संगठन
वहीं दूसरी ओर झबरेड़ा (हरिद्वार) विधायक देशराज कर्णवाल ने गंगा बिरादरी संगठन का समर्थन करते हुए कहा कि गंगा को स्वच्छ रखा जाना जरूरी है। उन्होंने भी माना कि परियोजनाओं के निर्माण से पलायन बढ़ रहा है। कहा कि वे इस मामले में मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे।
बाइट- देशराज कर्णवाल, विधायक झबरेड़ा

Last Updated : May 21, 2019, 8:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.