रुद्रप्रयाग: राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत जनपद के स्कूलों में फलों का उत्पादन कर उन्हें बच्चों को देने की एक अभिनव योजना की शुरुआत की गई है. जिलाधिकारी वन्दना सिंह ने एक सादे कार्यक्रम में फलदार पौधों और उनकी सुरक्षा के लिए बने कवच विद्यालयों के लिए रवाना कर इस योजना का शुभारंभ किया.
जिलाधिकारी वंदना सिंह ने इसे महत्वपूर्ण और दीर्घकालिक कार्यक्रम बताते हुए कहा कि वृक्षों को फल देने योग्य बनने में कुछ साल अवश्य लगेंगे लेकिन उनसे दीर्घकाल तक विद्यार्थियों को ताजे फल प्राप्त होंगे, जो उनके पोषण का मजबूत आधार बनेंगे. उन्होंने कहा कि भोजन माताओं की सहायता से विद्यालयों में सब्जी उत्पादन की भी योजना बनाई गई है. इससे उन्हें ताजी सब्जियां भी विद्यालय में प्राप्त हो सकेंगी. इसके साथ ही उन्होंने इसमें सभी जनपदवासियों की भागीदारी का आह्वान किया, ताकि विद्यालय शिक्षा के साथ-साथ रचनात्मकता का भी केंद्र बन सकें. डीएम ने बताया कि यह कार्यक्रम सभी विद्यालयों में क्रमवार संचालित किया जाएगा.
अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा ने प्रथम चरण की पूरी रूपरेखा बताते हुए कहा कि 21 माध्यमिक, एक शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान और 10 प्राथमिक विद्यालयों को इसके लिए चुना गया है. प्रत्येक माध्यमिक विद्यालय को 1-1 आम, लीची, संतरा व बारहमासी कागजी नीबू तथा 2-2 अमरूद के पौधों के साथ 2-2 ट्री गार्ड दिए जा रहे हैं. प्राथमिक विद्यालयों में 3-4 पौधे और 1 ट्री गार्ड दिया जाएगा. इस योजना के प्रथम चरण को आरम्भ करने के लिए 100 पौधों तथा 50 ट्री गार्ड के लिए रु. 35,625 की आर्थिक सहायता मसूरी स्थित डिवाइन लाइट ट्रस्ट द्वारा जल संरक्षण-संवर्धन न्यास, रुद्रप्रयाग को उपलब्ध कराई गई है. इस धनराशि से आम, लीची, संतरे व नीबू के 100 पौधे तथा 50 ट्री गार्ड विद्यालयों को उपलब्ध कराए गए हैं.