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कोर्ट में पेश हुए वन मंत्री हरक सिंह रावत, विधानसभा चुनाव 2012 में अभद्रता का आरोप

आचार संहिता उल्लंघन और सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ अभद्रता के मामले में डॉ. हरक सिंह रावत रुद्रप्रयाग के सौड़ स्थित जिला न्यायालय परिसर पहुंचे. जहां वे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजय सिंह की अदालत में पेश हुए.

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हरक सिंह रावत
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Published : Feb 28, 2020, 9:07 PM IST

रुद्रप्रयागः साल 2012 के विधानसभा चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन और सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ अभद्रता के मामले में वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत सीजीएम कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वन मंत्री देहरादून के लिए रवाना हुए.

गौर हो कि, साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से डॉ. हरक सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव लड़ा था. उस समय चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान हरक सिंह रावत और उनके कार्यकर्ताओं की एक उप जिलाधिकारी के साथ झड़प हो गई थी. जिसके बाद हरक और अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा-353 के तहत लोक सेवक के कार्यों में व्यवधान, धारा-506 धमकी देने के अलावा धारा-147 में मुकदमा पंजीकृत हुआ था.

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जिसके बाद हरक सिंह रावत और एक अन्य आरोपी हाईकोर्ट चले गए थे, जबकि तीन लोगों की पत्रावली को पृथक कर न्यायालय ने दोषी पाया था. उधर, हरक सिंह रावत का मामला हाईकोर्ट से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रुद्रप्रयाग के पास पहुंचा. जिस पर बीते छह फरवरी को डॉ. रावत रुद्रप्रयाग पहुंचे थे और उन्हें एक घंटे तक जज कोर्ट में इंतजार करना पड़ा. उन्हें 25-25 हजार के बंद पत्र पर जमानत दी गई थी और समय-समय पर न्यायालय में पेश होने के आदेश दिए गए.

रुद्रप्रयागः साल 2012 के विधानसभा चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन और सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ अभद्रता के मामले में वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत सीजीएम कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वन मंत्री देहरादून के लिए रवाना हुए.

गौर हो कि, साल 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से डॉ. हरक सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग विधानसभा से चुनाव लड़ा था. उस समय चुनाव प्रचार-प्रसार के दौरान हरक सिंह रावत और उनके कार्यकर्ताओं की एक उप जिलाधिकारी के साथ झड़प हो गई थी. जिसके बाद हरक और अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा-353 के तहत लोक सेवक के कार्यों में व्यवधान, धारा-506 धमकी देने के अलावा धारा-147 में मुकदमा पंजीकृत हुआ था.

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जिसके बाद हरक सिंह रावत और एक अन्य आरोपी हाईकोर्ट चले गए थे, जबकि तीन लोगों की पत्रावली को पृथक कर न्यायालय ने दोषी पाया था. उधर, हरक सिंह रावत का मामला हाईकोर्ट से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रुद्रप्रयाग के पास पहुंचा. जिस पर बीते छह फरवरी को डॉ. रावत रुद्रप्रयाग पहुंचे थे और उन्हें एक घंटे तक जज कोर्ट में इंतजार करना पड़ा. उन्हें 25-25 हजार के बंद पत्र पर जमानत दी गई थी और समय-समय पर न्यायालय में पेश होने के आदेश दिए गए.

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