रुद्रप्रयाग: गुप्तकाशी, फाटा, शेरसी, सोनप्रयाग आदि स्थानों से केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरने वाली हेली सेवाओं पर अब वन विभाग भी पैनी नजर रखेगा. जो हेली सेवाएं उड़ान भरने के नियमों का पालन नहीं करेंगी, उनके खिलाफ वन विभाग कार्रवाई करेगा. गुप्तकाशी से लेकर सोनप्रयाग तक जो भी हेलीपैड हैं, वह वन विभाग रुद्रप्रयाग के अधीन हैं. ऐसे में वन विभाग अभी से तैयारियों में जुट गया है.
प्रत्येक वर्ष केदारनाथ धाम के लिये आठ से दस हेली सेवाओं का संचालन होता है. गुप्तकाशी से लेकर सोनप्रयाग तक लगभग 15 हेलीपैड हैं. कई हेलीपैड ऐसे भी हैं, जहां से हेली सेवाओं का संचालन नहीं होता है. पिछले वर्ष गुप्तकाशी, फाटा, जामू, शेरसी और सोनप्रयाग से हेली सेवाओं का संचालन हुआ है. पिछले यात्रा सीजन में केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी लौटते समय आर्यन एविएशन का एक हेलीकाप्टर केदारनाथ धाम से दो किमी आगे गरुड़चट्टी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और इस दुर्घटना में पायलट सहित सात लोगों की मौत हो गई थी.
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इस हेली दुर्घटना ने लापरवाही से संचालित होने वाली हेली सेवाओं की पोल खोल दी थी. दुर्घटना के बाद पता चला था कि यह हेली सेवाएं खराब मौसम में भी उड़ानें भरती हैं, जबकि उड़ान भरते समय ऊंचाई सहित अन्य मानकों का भी पालन नहीं करती हैं. इतना ही नहीं केदारनाथ के लिये उड़ान भरने वाली हेली सेवाएं बिना एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम के ही उड़ानें भरती हैं, ऐसे में दुर्घटना का खतरा अधिक बढ़ जाता है.
पिछली दुर्घटना से सबक लेते हुए इस बार वन विभाग रुद्रप्रयाग भी सजग हो गया है. रुद्रप्रयाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने बताया रुद्रप्रयाग वन विभाग के क्षेत्र से केदारनाथ धाम के लिये हेली सेवाएं उड़ान भरती हैं. ऐसे में इस बार यह प्रयास रहेगा कि सभी हेली सेवाएं ऊंचाई सहित दूसरे जरूरी नियमों का पालन करेंगी.