रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग दिनों-दिन भड़कती जा रही है. चारों ओर धुंध ही धुंध है. रुद्रप्रयाग के जखोली, अगस्त्यमुनि व ऊखीमठ विकासखंड के जंगलों में लगी आग ग्रामीणों की दहलीज से शहरी इलाकों तक पहुंच गई है. कलक्ट्रेट भवन, पुलिस अधीक्षक आवास के साथ ही आसपास बने आवासीय भवन तक भी ये आग की लपटें पहुंच गई हैं. बावजूद वन महकमा कोई कदम नहीं उठा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को सूचना देने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिले की कई हेक्टेयर वन संपदा राख हो चुकी है, जबकि जंगली जानवरों के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
आग के धुएं से चारों ओर कोहरा सा बना हुआ है. इसके कारण लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. चारों ओर फैली धुंध से दोपहर तक मौसम नहीं खुल रहा है. इस वजह से देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों को सफर करने और सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल के साथ ही अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों में ओपीडी की संख्या भी बढ़ गयी है.
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ग्रामीणों के सामने चारापत्ती की समस्या भी खड़ी हो गई है. इसके अलावा बढ़ती आग और तपिश की वजह से प्राकृतिक जल स्त्रोत भी सूखने के कगार पर हैं. ग्रामीण खुद आग बुझाने की कोशिश में लगे हुए हैं, लेकिन पारे में उछाल और गर्म हवाओं की वजह से आग और ज्यादा बढ़ रही है. लोगों का कहना है कि ग्रामीण बिना संसाधनों के आग पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं, दूसरी ओर वन महकमा संसाधन होने के बाद भी उसका उपयोग नहीं कर रहा है.
सरकार में वन पंचायत के अध्यक्ष (राज्य मंत्री) बीरेन्द्र बिष्ट का कहना है कि आग को बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वन महकमे के पास संसाधनों की कमी है, जिसे दूर करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि अधिकारी व कर्मचारी आग को बुझाने के प्रयास में जुटे हुए हैं. घरों तक आग न पहुंचे और मवेशियों को कोई नुकसान न हो, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
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वहीं, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि शासन स्तर से निर्देश हैं कि आग की घटना को आपदा की घटना की तरह लिया जाये. जिला का पूरा तंत्र फॉरेस्ट फायर की घटनाओं को रोकने में लगा हुआ है. वन विभाग ने आगजनी से निपटने के लिए कंट्रोल रूम भी बनाये हैं. वृहद स्तर पर आग की घटना होने पर वन विभाग की ओर से मांग करने पर जिला आपदा प्रबंधन विभाग भी मदद करेगा. लेकिन, अबतक वन विभाग की ओर से कोई मांग नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि आग की घटनाओं पर नजर रखी जा रही है और तुरंत मामलों की सूचना वन महकमे तक पहुंचाई जाती है.