ETV Bharat / state

आग से सुलग रहे कालीमठ के जंगल, लोगों को धुएं की वजह से हो रही परेशानी

Fire broke out in forest कालीमठ बीट क्षेत्र के जंगल भीषण आग से सुलग रहे हैं. जिससे लाखों की वन सपंदा और वन्य जीव-जंतुओं को नुकसान पहुंच रहा है. इसके अलावा आग से निकलने वाले धुएं से कई गांवों के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 12, 2024, 9:58 PM IST

Updated : Jan 12, 2024, 10:23 PM IST

आग से सुलग रहे कालीमठ के जंगल

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य के कालीमठ बीट क्षेत्र के जंगल भीषण आग की चपेट में आ गए हैं. जिससे लाखों की वन सपंदा जलकर राख हो गई है. साथ ही वन्य जीव-जंतुओं के जीवन पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. ऐसे में अगर समय रहते जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू नहीं पाया गया, तो यह आग विकराल रूप धारण कर सुरम्य और बुग्यालों तक पहुंच सकती है. वहीं, भीषण आग से निकलने वाले धुएं से रामपुर, शेरसी और सीतापुर के ग्रामीणों को भारी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है.

मौसम के अनुकूल बर्फबारी ना होने से जंगलों में लगी आग: केदारघाटी के रामपुर न्यालसू गांव के समीप स्थित पहाड़ी के जंगल दो दिनों से भीषण आग से सुलग रहे हैं. जनवरी में जंगलों के भीषण आग की चपेट में आने का मुख्य कारण मौसम के अनुकूल बर्फबारी ना होना माना जा रहा है, क्योंकि जनवरी माह में बर्फबारी से आच्छादित रहने वाला भू-भाग बर्फ विहीन होता है.

ये भी पढ़ें: जंगल भुगत रहे बारिश और बर्फबारी नहीं होने का नतीजा, आग धधकी, धुएं का गुबार

जंगलों में लगी भीषण आग पर पाया गया काबू: केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग कालीमठ बीट के गौर सिंह करणी ने बताया कि न्यालसू रामपुर के सामने स्थित कालीमठ बीट के जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए चार सदस्यीय दल तैनात किया गया है और वन कर्मियों की ओर से अधिकांश हिस्सों में लगी आग पर काबू पा लिया गया है. उन्होंने कहा कि चट्टानी इलाका होने के कारण आग पर काबू पाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: सर्दियों में ही टूटने लगे फॉरेस्ट फायर के रिकॉर्ड, सबसे ज्यादा धधक रहे उत्तराखंड और हिमाचल के जंगल

आग से सुलग रहे कालीमठ के जंगल

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य के कालीमठ बीट क्षेत्र के जंगल भीषण आग की चपेट में आ गए हैं. जिससे लाखों की वन सपंदा जलकर राख हो गई है. साथ ही वन्य जीव-जंतुओं के जीवन पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. ऐसे में अगर समय रहते जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू नहीं पाया गया, तो यह आग विकराल रूप धारण कर सुरम्य और बुग्यालों तक पहुंच सकती है. वहीं, भीषण आग से निकलने वाले धुएं से रामपुर, शेरसी और सीतापुर के ग्रामीणों को भारी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है.

मौसम के अनुकूल बर्फबारी ना होने से जंगलों में लगी आग: केदारघाटी के रामपुर न्यालसू गांव के समीप स्थित पहाड़ी के जंगल दो दिनों से भीषण आग से सुलग रहे हैं. जनवरी में जंगलों के भीषण आग की चपेट में आने का मुख्य कारण मौसम के अनुकूल बर्फबारी ना होना माना जा रहा है, क्योंकि जनवरी माह में बर्फबारी से आच्छादित रहने वाला भू-भाग बर्फ विहीन होता है.

ये भी पढ़ें: जंगल भुगत रहे बारिश और बर्फबारी नहीं होने का नतीजा, आग धधकी, धुएं का गुबार

जंगलों में लगी भीषण आग पर पाया गया काबू: केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग कालीमठ बीट के गौर सिंह करणी ने बताया कि न्यालसू रामपुर के सामने स्थित कालीमठ बीट के जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए चार सदस्यीय दल तैनात किया गया है और वन कर्मियों की ओर से अधिकांश हिस्सों में लगी आग पर काबू पा लिया गया है. उन्होंने कहा कि चट्टानी इलाका होने के कारण आग पर काबू पाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: सर्दियों में ही टूटने लगे फॉरेस्ट फायर के रिकॉर्ड, सबसे ज्यादा धधक रहे उत्तराखंड और हिमाचल के जंगल

Last Updated : Jan 12, 2024, 10:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.