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रुद्रप्रयाग में डेयरी व्यवसाय से पशुपालक हो रहे मालामाल, रोजाना 15 हजार लीटर से ज्यादा दूध का हो रहा उत्पादन

Dairy business in Rudraprayag रुद्रप्रयाग में डेयरी व्यवसाय से पशुपालक मालामाल हो रहे हैं. साथ ही दुग्ध उत्पादन में इजाफा हो रहा है. ऐसे ही कुछ सफल पशुपालकों की कहानी आज हम आपसे सांझा कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 21, 2023, 4:30 PM IST

Updated : Sep 21, 2023, 10:21 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिला प्रशासन एवं दुग्ध विकास विभाग के सहयोग और मार्गदर्शन में तीनों विकास खंडों में प्रतिवर्ष नए पशुपालक दुधारू पशुओं की खरीद कर अपनी आजीविका में सुधार ला रहे हैं. नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) योजना के तहत डेयरी विकास विभाग पशुपालकों को डेयरी व्यवसाय से जोड़ रहा है. साथ ही उनको आधुनिक तकनीक और उपकरणों की जानकारी समेत ट्रेनिंग भी दी जा रही है. मौजूदा समय में जिले में विभिन्न महिला समूह एवं पशुपालक मिलकर प्रतिदिन 15 हजार लीटर से ज्यादा दूध उत्पादन कर बेच रहे हैं.

Dairy business in Rudraprayag
जिला प्रशासन एवं दुग्ध विकास विभाग दुधारू पशुओं की खरीद में किसानों की कर रहा मदद

रोजाना करीब 200 लीटर दूध उत्पादन कर रहे संदीप: अगस्त्यमुनि ब्लाॅक के हाट गांव के संदीप गोस्वामी पिछले पांच सालों से दुग्ध व्यवसाय में हैं. संदीप ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वरोजगार को अपने कैरियर के तौर पर अपनाया. उन्होंने कई व्यवसायों के बाद दुग्ध उत्पादन को ही प्राथमिकता देना तय किया और दुग्ध विकास विभाग से संपर्क कर सभी योजनाओं की जानकारी ली. विभाग ने उन्हें योजनाओं की जानकारी देते हुए मवेशी खरीद और गौशाला निर्माण में उनकी मदद की. उन्होंने शुरुआत में दो गाय से अपना काम शुरू किया था. आज उनके पास 14 मवेशी हैं, जिनमें उच्च नस्ल की गायें शामिल हैं, जो दिन में 25 से 30 लीटर दूध देती हैं. संदीप प्रति महीने करीब 8500 लीटर दुग्ध उत्पादन कर तीन लाख रूपये से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने अपने व्यवसाय के जरिए 10 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया है.

Dairy business in Rudraprayag
प्रतिदिन 15 हजार लीटर से ज्यादा हो रहा दूध उत्पादन

संघर्ष कर गीता देवी ने पाई सफलता: हाट गांव निवासी गीता देवी बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति नाजुक थी. ऐसे में उन्होंने परिवार के भरण पोषण के लिए दुग्ध व्यापार का रास्ता चुना. संदीप गोस्वामी ने भी उनकी मदद कर उन्हें दुग्ध विकास विभाग की योजनाओं की जानकारी देते हुए व्यापार स्थापित करने में मदद की. शुरुआत में उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन समय के साथ काम की बारीकियों को समझते हुए उन्होंने संघर्ष जारी रखा. वर्तमान में गीता देवी के पास सात मवेशी हैं. वह महीने में करीब 3500 लीटर दूध का उत्पादन कर बेच रही हैं. जिससे उन्हें महीने में डेढ़ लाख से ज्यादा की कमाई हो रही है.

Dairy business in Rudraprayag
रुद्रप्रयाग में डेयरी व्यवसाय कर किसान हो रहे मालामाल

अजय कपरवाण को डेयरी से मिली स्वरोजगार की राह: कोरोना काल में रोजगार छिन जाने के बाद ग्वाड- पुनाड़ निवासी अजय कपरवाण लंबे समय तक बेरोजगारी से जूझते रहे. इसी बीच उन्हें दुग्ध विकास विभाग की एनसीडीसी योजना की जानकारी प्राप्त हुई. इसके बाद उन्होंने विभाग में संपर्क कर योजना की पूर्ण जानकारी जुटाई. उन्होंने विभाग के मार्गदर्शन में पांच मवेशी खरीद कर अपना व्यवसाय स्थापित किया. पहले महीने से ही दूध का उत्पादन अच्छा होने लगा और डेयरी विभाग ने ही करीब 60 लीटर दूध उनसे खरीदना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्होंने तीन और गाय खरीद कर अपने व्यापार का विस्तार किया. वर्तमान समय में उनके पास आठ गाय हैं. वह महीनें में करीब 3500 लीटर दूध उत्पादन कर बेच रही हैं, जिससे उन्हें महीनें में डेढ़ लाख से ज्यादा की कमाई हो रही है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में श्वेत क्रांति के दावे हुए फेल! प्रदेश में घटा दुग्ध उत्पादन

जिले में रोज हो रहा 15 हजार लीटर दुग्ध उत्पादन: दुग्ध विकास विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक एसके शर्मा ने बताया कि नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) योजना के तहत डेयरी विकास विभाग पुशपालकों को मवेशी खरीदने और उनका व्यवसाय स्थापित करने में पूरी मदद कर रहा है. विभाग समय-समय पर पशुपालकों को डेयरी से जुड़े प्रशिक्षण भी दे रहा है. जिससे पशुपालक वैज्ञानिक विधि से पशुओं की देखभाल कर सकें. जिले में कई नए डेयरी व्यवसाय भी स्थापित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनपद में वर्तमान में 15 हजार लीटर दुग्ध उत्पादन प्रतिदिन होता है, जबकि करीब 10 हजार लीटर दूध बाहर से आ रहा है. ऐसे में यह स्पष्ट है कि जनपद में इस क्षेत्र में बहुत लोग स्वरोजगार कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: दुग्ध उत्पादकों के लिए अच्छी खबर, शासन ने जारी किया 17.50 करोड़ रुपए प्रोत्साहन राशि

रुद्रप्रयाग: जिला प्रशासन एवं दुग्ध विकास विभाग के सहयोग और मार्गदर्शन में तीनों विकास खंडों में प्रतिवर्ष नए पशुपालक दुधारू पशुओं की खरीद कर अपनी आजीविका में सुधार ला रहे हैं. नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) योजना के तहत डेयरी विकास विभाग पशुपालकों को डेयरी व्यवसाय से जोड़ रहा है. साथ ही उनको आधुनिक तकनीक और उपकरणों की जानकारी समेत ट्रेनिंग भी दी जा रही है. मौजूदा समय में जिले में विभिन्न महिला समूह एवं पशुपालक मिलकर प्रतिदिन 15 हजार लीटर से ज्यादा दूध उत्पादन कर बेच रहे हैं.

Dairy business in Rudraprayag
जिला प्रशासन एवं दुग्ध विकास विभाग दुधारू पशुओं की खरीद में किसानों की कर रहा मदद

रोजाना करीब 200 लीटर दूध उत्पादन कर रहे संदीप: अगस्त्यमुनि ब्लाॅक के हाट गांव के संदीप गोस्वामी पिछले पांच सालों से दुग्ध व्यवसाय में हैं. संदीप ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वरोजगार को अपने कैरियर के तौर पर अपनाया. उन्होंने कई व्यवसायों के बाद दुग्ध उत्पादन को ही प्राथमिकता देना तय किया और दुग्ध विकास विभाग से संपर्क कर सभी योजनाओं की जानकारी ली. विभाग ने उन्हें योजनाओं की जानकारी देते हुए मवेशी खरीद और गौशाला निर्माण में उनकी मदद की. उन्होंने शुरुआत में दो गाय से अपना काम शुरू किया था. आज उनके पास 14 मवेशी हैं, जिनमें उच्च नस्ल की गायें शामिल हैं, जो दिन में 25 से 30 लीटर दूध देती हैं. संदीप प्रति महीने करीब 8500 लीटर दुग्ध उत्पादन कर तीन लाख रूपये से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने अपने व्यवसाय के जरिए 10 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया है.

Dairy business in Rudraprayag
प्रतिदिन 15 हजार लीटर से ज्यादा हो रहा दूध उत्पादन

संघर्ष कर गीता देवी ने पाई सफलता: हाट गांव निवासी गीता देवी बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति नाजुक थी. ऐसे में उन्होंने परिवार के भरण पोषण के लिए दुग्ध व्यापार का रास्ता चुना. संदीप गोस्वामी ने भी उनकी मदद कर उन्हें दुग्ध विकास विभाग की योजनाओं की जानकारी देते हुए व्यापार स्थापित करने में मदद की. शुरुआत में उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन समय के साथ काम की बारीकियों को समझते हुए उन्होंने संघर्ष जारी रखा. वर्तमान में गीता देवी के पास सात मवेशी हैं. वह महीने में करीब 3500 लीटर दूध का उत्पादन कर बेच रही हैं. जिससे उन्हें महीने में डेढ़ लाख से ज्यादा की कमाई हो रही है.

Dairy business in Rudraprayag
रुद्रप्रयाग में डेयरी व्यवसाय कर किसान हो रहे मालामाल

अजय कपरवाण को डेयरी से मिली स्वरोजगार की राह: कोरोना काल में रोजगार छिन जाने के बाद ग्वाड- पुनाड़ निवासी अजय कपरवाण लंबे समय तक बेरोजगारी से जूझते रहे. इसी बीच उन्हें दुग्ध विकास विभाग की एनसीडीसी योजना की जानकारी प्राप्त हुई. इसके बाद उन्होंने विभाग में संपर्क कर योजना की पूर्ण जानकारी जुटाई. उन्होंने विभाग के मार्गदर्शन में पांच मवेशी खरीद कर अपना व्यवसाय स्थापित किया. पहले महीने से ही दूध का उत्पादन अच्छा होने लगा और डेयरी विभाग ने ही करीब 60 लीटर दूध उनसे खरीदना शुरू कर दिया. इसके बाद उन्होंने तीन और गाय खरीद कर अपने व्यापार का विस्तार किया. वर्तमान समय में उनके पास आठ गाय हैं. वह महीनें में करीब 3500 लीटर दूध उत्पादन कर बेच रही हैं, जिससे उन्हें महीनें में डेढ़ लाख से ज्यादा की कमाई हो रही है.

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जिले में रोज हो रहा 15 हजार लीटर दुग्ध उत्पादन: दुग्ध विकास विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक एसके शर्मा ने बताया कि नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनसीडीसी) योजना के तहत डेयरी विकास विभाग पुशपालकों को मवेशी खरीदने और उनका व्यवसाय स्थापित करने में पूरी मदद कर रहा है. विभाग समय-समय पर पशुपालकों को डेयरी से जुड़े प्रशिक्षण भी दे रहा है. जिससे पशुपालक वैज्ञानिक विधि से पशुओं की देखभाल कर सकें. जिले में कई नए डेयरी व्यवसाय भी स्थापित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनपद में वर्तमान में 15 हजार लीटर दुग्ध उत्पादन प्रतिदिन होता है, जबकि करीब 10 हजार लीटर दूध बाहर से आ रहा है. ऐसे में यह स्पष्ट है कि जनपद में इस क्षेत्र में बहुत लोग स्वरोजगार कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: दुग्ध उत्पादकों के लिए अच्छी खबर, शासन ने जारी किया 17.50 करोड़ रुपए प्रोत्साहन राशि

Last Updated : Sep 21, 2023, 10:21 PM IST
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