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सूर्यग्रहण के चलते केदारनाथ धाम के कपाट आज रात से कल दोपहर तक रहेंगे बंद

सूर्यग्रहण से पूर्व केदारनाथ के कपाट आज रात को बंद कर दिए जाएंगे और कल रविवार दोपहर बाद शुद्धिकरण के पश्चात कपाट खोले जाएंगे. सूर्य ग्रहण के चलते केदारनाथ धाम सहित अन्य धार्मिक मठ, मंदिर भी बंद रहेंगे.

Rudraprayag
सूर्यग्रहण के चलते केदारनाथ धाम के कपाट आज रात से कल दोपहर तक रहेंगे बंद
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Published : Jun 20, 2020, 7:49 PM IST

Updated : Jul 17, 2020, 6:38 PM IST

रुद्रप्रयाग: सूर्यग्रहण से पूर्व केदारनाथ के कपाट आज रात को बंद कर दिए जाएंगे और कल रविवार दोपहर बाद शुद्धिकरण के पश्चात कपाट खोले जाएंगे. सूर्य ग्रहण के चलते केदारनाथ धाम सहित अन्य धार्मिक मठ, मंदिर भी बंद रहेंगे.

सूर्यग्रहण के चलते केदारनाथ धाम के कपाट आज रात से कल दोपहर तक रहेंगे बंद

बता दें कि रविवार को ग्रहण सुबह 9:15 बजे शुरू हो जाएगा, जो दोपहर तक रहेगा. सूर्यग्रहण में 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है, जिस कारण आज रात 10 बजे ही केदारनाथ के कपाट बंद कर दिए जाएंगे, जो रविवार दोपहर 2 बजे अभिषेक पूजा व भोग के लिए खुलेंगे. इस बीच ना ही कोई मंदिर में पूजा कर सकेगा और ना ही दर्शन. मंदिर की आरती और भोग लगने के बाद ही श्रद्धालुओं को भगवान केदारनाथ के दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी. केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग की ओर से सभी पूजाएं संपन्न की जाएंगी.

पढ़े- विश्व शरणार्थी दिवस: एक-एक व्यक्ति का योगदान मायने रखता है

वहीं, केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने बताया कि ग्रहण से पहले एक बार स्नान जरूर कर लें और ग्रहण के दौरान भगवान का जाप भी करें, इससे भगवान को बल मिलता है, साथ ही बताया की ग्रहण के बाद दोबारा स्नान करें और मंदिर में अमावस्या का दान पुण्य भी करें, उन्होंने बताया कि रविवार को पड़ने वाले ग्रहण का सूतक काल आज रात 9:15 से लग जाएगा और यह सूतक काल ग्रहण की समाप्ति तक रहता है, इस दौरान सभी धार्मिक स्थल बंद रहते हैं.

कब होता है सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा (अमावस्या के चरण में) सूरज की आंशिक या पूरी रोशनी को रोक लेता है और उसी हिसाब से आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्यग्रहण होता है. ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है और घना अंधेरा छा जाता है. जिसे उम्ब्रा और कम अंधेरे वाले क्षेत्र को पेनम्ब्रा के रूप में जाना जाता है.

पढ़े- नियम तोड़ने वालों को डीजीपी की चेतावनी, होगी सख्त कार्रवाई

वहीं, पूर्ण सूर्य ग्रहण, सूर्य ग्रहणों में सबसे दुर्लभ है. भले ही हर महीने अमावस्या आती हो, लेकिन हम ग्रहण को इतनी बार नहीं देख पाते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि पृथ्वी-सूर्य के लिहाज से चंद्रमा की कक्षा लगभग 5 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है, इस कारण सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी का संयोग (एक ही सीध में) एक दुर्लभ खगोलीय घटना के तौर पर दिखाई देता है.

रुद्रप्रयाग: सूर्यग्रहण से पूर्व केदारनाथ के कपाट आज रात को बंद कर दिए जाएंगे और कल रविवार दोपहर बाद शुद्धिकरण के पश्चात कपाट खोले जाएंगे. सूर्य ग्रहण के चलते केदारनाथ धाम सहित अन्य धार्मिक मठ, मंदिर भी बंद रहेंगे.

सूर्यग्रहण के चलते केदारनाथ धाम के कपाट आज रात से कल दोपहर तक रहेंगे बंद

बता दें कि रविवार को ग्रहण सुबह 9:15 बजे शुरू हो जाएगा, जो दोपहर तक रहेगा. सूर्यग्रहण में 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है, जिस कारण आज रात 10 बजे ही केदारनाथ के कपाट बंद कर दिए जाएंगे, जो रविवार दोपहर 2 बजे अभिषेक पूजा व भोग के लिए खुलेंगे. इस बीच ना ही कोई मंदिर में पूजा कर सकेगा और ना ही दर्शन. मंदिर की आरती और भोग लगने के बाद ही श्रद्धालुओं को भगवान केदारनाथ के दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी. केदारनाथ के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग की ओर से सभी पूजाएं संपन्न की जाएंगी.

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वहीं, केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने बताया कि ग्रहण से पहले एक बार स्नान जरूर कर लें और ग्रहण के दौरान भगवान का जाप भी करें, इससे भगवान को बल मिलता है, साथ ही बताया की ग्रहण के बाद दोबारा स्नान करें और मंदिर में अमावस्या का दान पुण्य भी करें, उन्होंने बताया कि रविवार को पड़ने वाले ग्रहण का सूतक काल आज रात 9:15 से लग जाएगा और यह सूतक काल ग्रहण की समाप्ति तक रहता है, इस दौरान सभी धार्मिक स्थल बंद रहते हैं.

कब होता है सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा (अमावस्या के चरण में) सूरज की आंशिक या पूरी रोशनी को रोक लेता है और उसी हिसाब से आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्यग्रहण होता है. ग्रहण के दौरान चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है और घना अंधेरा छा जाता है. जिसे उम्ब्रा और कम अंधेरे वाले क्षेत्र को पेनम्ब्रा के रूप में जाना जाता है.

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वहीं, पूर्ण सूर्य ग्रहण, सूर्य ग्रहणों में सबसे दुर्लभ है. भले ही हर महीने अमावस्या आती हो, लेकिन हम ग्रहण को इतनी बार नहीं देख पाते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि पृथ्वी-सूर्य के लिहाज से चंद्रमा की कक्षा लगभग 5 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है, इस कारण सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी का संयोग (एक ही सीध में) एक दुर्लभ खगोलीय घटना के तौर पर दिखाई देता है.

Last Updated : Jul 17, 2020, 6:38 PM IST
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