रुद्रप्रयाग: मॉनसून सीजन में केदारनाथ हाईवे पर सफर करना खतरनाक साबित हो सकता है. हाईवे पर जगह-जगह हो रहे भूस्खलन से दिक्कतें बढ़ गई हैं. रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के नजदीक केदारनाथ हाईवे पर भारी-भरकम बोल्डर गिर रहे हैं, जिनसे दुर्घटना का खतरा बना हुआ है. केदारनाथ हाईवे रुद्रप्रयाग जनपद की आधे से अधिक आबादी की लाइफ लाइन है. वहीं, कुंड-चोपता-बदरीनाथ हाईवे का पचास मीटर हिस्सा चोपता के निकट मस्तूरा में नीचे धंस गया है. जिस कारण हाईवे पर बीते दिन से वाहनों की आवाजाही बाधित है.
मॉनसून सीजन में रुद्रप्रयाग में जमकर बादल बरस रहे हैं. लगातार हो रही बारिश से सबसे अधिक नुकसान केदारनाथ हाईवे को हो रहा है. केदारनाथ हाईवे पर रुद्रप्रयाग से लेकर गौरीकुंड तक 70 किमी के क्षेत्र में जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. भूस्खलन होने से आम जनता के साथ ही बाहर से पहुंचने वाले पर्यटकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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केदारनाथ हाईवे इन दिनों रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के नजदीक तिलवाड़ा, सिल्ली, रामपुर, फाटा, सोनप्रयाग, गौरीकुंड, कुंड सहित अनेक स्थानों पर डेंजर बना हुआ है. जिससे हाईवे पर सफर करना खतरनाक साबित हो रहा है. पहाड़ी से हाईवे पर भारी भरकम बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे हाईवे को भी भारी क्षति पहुंच रही है और दुर्घटना का डर भी बना हुआ है.
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चोपता बदरीनाथ मार्ग बंद: भारी बरसात के कारण कुंड-चोपता-बदरीनाथ हाईवे चोपता के निकट मस्तूरा में जमीन में धंस गया है. हाईवे का लगभग पचास मीटर हिस्सा जमीन में धंसने से बीते दिन से आवाजाही बाधित है. जिस कारण पर्यटक वहीं फंस गये हैं और स्थानीय लोगों की आवाजाही भी बाधित हो गई है. हाईवे पर आवाजाही बाधित होने से पर्यटक चोपता भी नहीं पहुंच पा रहे हैं. हाईवे के दोनों छोरों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. कल से अभी तक हाईवे को खोलने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. पर्यटक हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं.