ETV Bharat / state

चारधाम यात्रा बंद होने से पर्यटक स्थलों का रुख कर रहे सैलानी - Kedarghati News

केदारघाटी की हसीन वादियों का पर्यटक जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. साथ ही सैलानियों ने सरकार से इन पर्यटक स्थलों का विकास करने की मांग की है.

Rudraprayag tourist places
पर्यटक स्थलों का रुख कर रहे सैलानी
author img

By

Published : Aug 29, 2021, 7:12 AM IST

रुद्रप्रयाग: हिमालय के आंचल में बसे खूबसूरत बुग्याल इन दिनों विभिन्न प्रजाति के फूलों से सजे हैं. तीर्थयात्री एवं पर्यटक हिमालय के आंचल में बसे इन सुरम्य मखमली बुग्यालों, तीर्थ स्थलों और प्राकृतिक सौन्दर्य से रूबरू हो रहे हैं. साथ ही सैलानियों का कहना है कि सरकार इन तीर्थ एवं पर्यटक स्थलों का विकास करे तो देश-विदेश के लोगों को इन स्थलों की जानकारी मिलेगी.

कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा बंद होने से केदारघाटी सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रकृति प्रेमी इन दिनों त्रियुगीनारायण-पंवालीकांठा, चैमासी-मनणामाई-केदारनाथ, रांसी-मनणामाई, मदमहेश्वर-पाण्डवसेरा-नन्दीकुण्ड, बुरूवा-विसुणीताल पैदल ट्रैक का भ्रमण कर प्राकृतिक सौन्दर्य से रूबरू हो रहे हैं. मनणामाई तीर्थ मदमहेश्वर घाटी के रांसी गांव से लगभग 38 किमी दूर सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य व मदानी नदी के किनारे विराजमान है. मनणामाई तीर्थ की यात्रा बहुत कठिन है और तीर्थ में हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती हैं.

पढ़ें-नाम बड़े-दर्शन छोटे: हर मौसम में ठप हो रही ऑलवेदर रोड, दरकते पहाड़ और लैंडस्लाइड ने बढ़ाई मुश्किलें

थौली से लेकर मनणामाई तीर्थ तक सुरम्य मखमली बुग्यालों की भरमार है. इन दिनों सुरम्य मखमली बुग्यालों के अनेक प्रजाति के पुष्पों से सुसज्जित होने से प्राकृतिक सौन्दर्य पर चार चांद लगे हुए हैं. पटूड़ी से मनणामाई तीर्थ तक हर पड़ाव पर भेड़ पालक छह महीने निवास करते हैं. कालीमठ घाटी के चैमासी गांव से खाम होते हुए भी मनणामाई धाम पहुंचा जा सकता है और मदमहेश्वर घाटी के रांसी गांव से मनणामाई पहुंचने वाला पैदल मार्ग बहुत ही कठिन है.

पढ़ें-इंदु कुमारी दे रहीं गंगा स्वच्छता का पैगाम, कर चुकी हैं 4250 KM की पैदल यात्रा

मनणामाई तीर्थ की यात्रा कर लौटे लक्ष्मण सिंह नेगी, शंकर सिंह पंवार, दीपक सिंह ने बताया कि यदि केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की पहल पर प्रदेश सरकार द्वारा पैदल ट्रैकों को विकसित करने की कवायद की जाती है तो स्थानीय तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होने के साथ ही मनणामाई तीर्थ विश्व मानचित्र में अंकित हो सकता है. दल में शामिल मनीष असवाल ने बताया कि मनणामाई तीर्थ की यात्रा करने के लिए सभी संसाधन साथ ले जाने पड़ते हैं और ट्रैक रूटों पर बनी प्राचीन गुफाओं पर रात्र गुजारनी पड़ती हैं.

रुद्रप्रयाग: हिमालय के आंचल में बसे खूबसूरत बुग्याल इन दिनों विभिन्न प्रजाति के फूलों से सजे हैं. तीर्थयात्री एवं पर्यटक हिमालय के आंचल में बसे इन सुरम्य मखमली बुग्यालों, तीर्थ स्थलों और प्राकृतिक सौन्दर्य से रूबरू हो रहे हैं. साथ ही सैलानियों का कहना है कि सरकार इन तीर्थ एवं पर्यटक स्थलों का विकास करे तो देश-विदेश के लोगों को इन स्थलों की जानकारी मिलेगी.

कोरोना संक्रमण के कारण चारधाम यात्रा बंद होने से केदारघाटी सहित विभिन्न क्षेत्रों के प्रकृति प्रेमी इन दिनों त्रियुगीनारायण-पंवालीकांठा, चैमासी-मनणामाई-केदारनाथ, रांसी-मनणामाई, मदमहेश्वर-पाण्डवसेरा-नन्दीकुण्ड, बुरूवा-विसुणीताल पैदल ट्रैक का भ्रमण कर प्राकृतिक सौन्दर्य से रूबरू हो रहे हैं. मनणामाई तीर्थ मदमहेश्वर घाटी के रांसी गांव से लगभग 38 किमी दूर सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य व मदानी नदी के किनारे विराजमान है. मनणामाई तीर्थ की यात्रा बहुत कठिन है और तीर्थ में हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती हैं.

पढ़ें-नाम बड़े-दर्शन छोटे: हर मौसम में ठप हो रही ऑलवेदर रोड, दरकते पहाड़ और लैंडस्लाइड ने बढ़ाई मुश्किलें

थौली से लेकर मनणामाई तीर्थ तक सुरम्य मखमली बुग्यालों की भरमार है. इन दिनों सुरम्य मखमली बुग्यालों के अनेक प्रजाति के पुष्पों से सुसज्जित होने से प्राकृतिक सौन्दर्य पर चार चांद लगे हुए हैं. पटूड़ी से मनणामाई तीर्थ तक हर पड़ाव पर भेड़ पालक छह महीने निवास करते हैं. कालीमठ घाटी के चैमासी गांव से खाम होते हुए भी मनणामाई धाम पहुंचा जा सकता है और मदमहेश्वर घाटी के रांसी गांव से मनणामाई पहुंचने वाला पैदल मार्ग बहुत ही कठिन है.

पढ़ें-इंदु कुमारी दे रहीं गंगा स्वच्छता का पैगाम, कर चुकी हैं 4250 KM की पैदल यात्रा

मनणामाई तीर्थ की यात्रा कर लौटे लक्ष्मण सिंह नेगी, शंकर सिंह पंवार, दीपक सिंह ने बताया कि यदि केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की पहल पर प्रदेश सरकार द्वारा पैदल ट्रैकों को विकसित करने की कवायद की जाती है तो स्थानीय तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होने के साथ ही मनणामाई तीर्थ विश्व मानचित्र में अंकित हो सकता है. दल में शामिल मनीष असवाल ने बताया कि मनणामाई तीर्थ की यात्रा करने के लिए सभी संसाधन साथ ले जाने पड़ते हैं और ट्रैक रूटों पर बनी प्राचीन गुफाओं पर रात्र गुजारनी पड़ती हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.