रुद्रप्रयाग: वन्य जीव और वन संपदा की सुरक्षा को लेकर केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ने योजना बनाई है. इसके लिए वन प्रभाग की ओर से ड्रोन कैमरा खरीदा जा रहा है, जिसकी मदद से अतिक्रमकारियों और शिकारियों पर नजर बनी रहेगी. इसके अलावा वनाग्नि की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों पर भी इस कैमरे की मदद से नजर रखी जाएगी. वन प्रभाग के पास दिसंबर अंत तक ड्रोन कैमरा पहुंच जाएगा.
बता दें कि, शीतकाल में बर्फवारी के कारण रुद्रनाथ, देवरियाल, तुंगनाथ और मदमहेश्वर क्षेत्र ढक जाते हैं और इसी का फायदा शिकारी उठाते हैं. शिकारी कई दिनों तक बर्फवारी वाले क्षेत्रों में ढेरा जमाए रहते हैं और वन्य जीवों का शिकार करते हैं. वैसे इस वर्ष लॉकडाउन के बाद से पूरे प्रभागीय क्षेत्र में जीवों की संख्या बढ़ी है. ऐसे में वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर केदारनाथ वन प्रभाग सक्रियता दिखा रहा है.
शीतकाल में इन क्षेत्रों में कस्तूरी मृग, मोनाल और अन्य जीव-जंतु विचरण करते देखे गए हैं. इसके अलावा उच्च हिमालय क्षेत्र में ब्रह्मकमल, फेन कमल जैसे दुर्लभ पुष्प के साथ कई औषधियों का भंडार भी है. जिस कारण वन्य जीवों और वन संपदा की सुरक्षा के लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ड्रोन कैमरे की मदद लेगा. नए साल से केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग ड्रोन कैमरे से शिकारियों व अतिक्रमणकारियों पर नजर रखेगा. इस सुविधा का प्रभागीय अधिकारियों को सबसे अधिक फायदा उन बर्फ प्रभावित क्षेत्रों की रेकी में मिलेगा. जहां फरवरी माह तक कार्मिकों का पहुंचना मुश्किल हो जाता है. एक महीने के वीडियो व तस्वीरें स्टोर की जाएंगी.
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में 975.2 वर्ग किमी सेंचुरी क्षेत्र फैला हुआ है. सेंचुरी क्षेत्र में तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ और पर्यटक स्थल चोपता दुगलबिट्टा भी शामिल है. इसके अलावा प्रभाग में सेंचुरी क्षेत्र में 23 आबाद और गैर आबाद बस्ती क्षेत्र भी हैं. पूरे प्रभागीय क्षेत्र में मोनाल, हिमालयन थार, घुरड़, लैपर्ड, बाघ समेत कई पशु-पक्षियों की प्रजातियां भी प्रवास करती हैं. साथ ही उच्च हिमालय क्षेत्र में जहां ब्रह्मकमल, फेन कमल जैसी दुर्लभ पुष्प के साथ कई औषधियों का भंडार भी है.
वहीं, तलहटी पर मीलों क्षेत्र में फैले बुग्याल भी हैं. ऐसे में शिकारियों द्वारा यहां वन्य जीवों के अवैध शिकार की संभावनाएं भी अधिक रहती हैं. साथ ही चोपता समेत अन्य कई जगहों पर बीते वर्षों में काफी हिस्से पर अतिक्रमण भी हुआ है, जिसे हटाने के लिए प्रभागीय स्तर पर पूर्व में कार्रवाई भी की जा चुकी है. यह पहली बार है जब वन विभाग की ओर से वन्य जीवों और वन संपदा की सुरक्षा के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है. पहले चरण में एक कैमरा खरीदा जा रहा है जिसे आवश्यकतानुसार जरूरी स्थान पर ले जाकर वहां के एक बड़े क्षेत्र का निरीक्षण किया जाएगा.
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केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग वन जीवों की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है. ऐसे में इस प्रभाग की ओर से ड्रोन कैमरा खरीदा जा रहा है, जो माह के अंत तक प्राप्त हो जाएगा. ड्रोन कैमरे की मदद से क्षेत्र में हो रहे अवैध अतिक्रमण के साथ ही शिकारियों पर पैनी नजर रखी जाएगी. साथ ही वनाग्नि की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों पर भी ड्रोन कैमरा नजर बनाए रखेगा. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में दो से तीन ड्रोन और खरीदने की योजना है.