रुद्रप्रयाग: जिले के विभिन क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. जल संस्थान विभाग की ढ़ाई सौ से ज्यादा योजनाओं के जल स्रोतों पर 80 फीसदी तक पानी कम हो चुका है, जिससे सप्लाई प्रभावित हो रही है. वहीं, भरदार और तल्लानागपुर के कई गांवों में टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है. लेकिन यहां के लोगों के लिए यह नाकाफी साबित हो रहा है. मौसम की बेरुखी और पेयजल संकट की वजह से हालात दिनों-दिन बदतर होते जा रहे हैं.
दरअसल, बीते साल सितंबर से अभी तक सिर्फ 80 मिमी ही बारिश हुई है, जिसके कारण गाड़-गदेरों में पानी कम हो चुका है. ऐसे में जल संस्थान की योजनाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं. जिले में स्यांरी गदेरा, मैठाणागाड़, जौलिया गदेरा, बांसीगाड़, ग्वाड़-पोखरी, मगरा पाणी, खोपली, आगर गदेरा, आडू खर्क, कांडा स्रोत और मचकंडी स्रोत सूखने के कगार पर पहुंच चुके हैं. सबसे बुरी स्थिति तो जखोली ब्लॉक के भरदार क्षेत्र की है, जहां क्वीलाखाल, घेंघडखाल, बांसी, जवाड़ी और रौठिया सहित 18 ग्राम पंचायतों की पचास से अधिक बस्तियां बूंद-बूंद पीने के लिए तरस रही हैं.
ये भी पढ़ें: पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में किया कुंभ और माघ मेले का जिक्र, साधु-संतों में उत्साह
इधर, रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र का पुनाड़ गदेरा भी सूखने लगा है, जिसके कारण पेयजल संकट गहराता जा रहा है. 10 साल पहले भी पुनाड़ गदेरा सूखने से पानी का भारी संकट पैदा हो गया था. नगर क्षेत्र की आबादी करीब 20 हजार है और अभी से ये स्थिति पैदा हो गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी फरवरी और मार्ज में पानी संकट का ये हाल था. जब मई और जून की तपती धूप होगी तब यहां के लोगों की परेशानियां और बढ़ेंगी. वहीं, तल्लानागपुर के चोपता, दुर्गाधार और मयकोटी सहित 40 से अधिक गांवों में पेयजल समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है. वहीं, विभागीय अधिकारियों की मानें तो जल संस्थान के सभी पेयजल स्रोतों पर 80 फीसदी पानी कम हो चुका है.
ये भी पढ़ें: कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण : को-विन2.0 पोर्टल पर एक मार्च से पंजीकरण
अधिकारियों का कहना है कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है. जल संस्थान की ओर से अभी से घेंघडखाल, क्वीलाखाल, चोपता और दुर्गाधार क्षेत्रों में टैंकरों से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है. वहीं, जल संस्थान विभाग के अधिशासी अभियंता संजय सिंह ने बताया कि पिछले 5 महीने से बारिश नहीं हुई है, जिसके कारण पेयजल स्रोतों पर पानी कम हो चुका है. अगर जल्द ही बारिश नहीं हुई, तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं. फिलहाल अभी 5 टैंकरों से 20 से अधिक गांवों और कस्बों में जलापूर्ति की जा रही है.