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कल विधि विधान से बंद होंगे मदमहेश्वर धाम के कपाट, 26 नवंबर से ओंकारेश्वर मंदिर में होगी शीतकालीन पूजा-अर्चना

Madmaheshwar Dham doors closed तृतीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट बंद कल 22 नवंबर को पूरे विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. 26 नवंबर से भगवान मदमहेश्वर की पूजा-अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर में की जाएगी.

मदमहेश्वर धाम के कपाट
मदमहेश्वर धाम के कपाट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 21, 2023, 6:02 PM IST

रुद्रप्रयाग: तृतीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट बंद होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. भगवान मदमहेश्वर के कपाट बंद करने के लिए मंदिर समिति का पांच सदस्यीय दल मदमहेश्वर धाम पहुंच गया है. कल 22 नवंबर को शुभ लगनानुसार भगवान मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए विधि-विधान से बन्द कर दिए जाएंगे.

वहीं भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर ऊखीमठ व मनसूना में लगने वाले मेलों की तैयारियां जोरों पर हैं. मंदिर समिति ने भी ओंकारेश्वर मंदिर को भव्य रूप से सजाना शुरू कर दिया है. बीकेटीसी के कार्यधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि कल भगवान मदमहेश्वर के कपाट शुभ लगनानुसार शीतकाल के लिए वेद ऋचाओं के साथ बंद कर दिये जायेगें और कपाट बंद होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली कैलाश से रवाना होगी. विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी.
पढ़ें- पैराग्लाइडिंग के लिए अब यूरोप जाने की नहीं है जरूरत, यहां होने जा रहा अंतरराष्ट्रीय एक्रो फेस्टिवल, तुर्की के बाद दूसरा सबसे बड़ा डेस्टिनेशन

उन्होंने बताया कि 23 नवंबर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार गांव से रवाना होगी और रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी. वहां से 24 नवंबर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी से रवाना होकर अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी. इसके बाद 25 नवंबर को गिरीया गांव से रवाना होकर शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी. 26 नवंबर को भगवान मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजा ओकारेश्वर मन्दिर में विधिवत शुरू होगी.

ज्यादा जानकारी देते हुए जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा व मेला सचिव दलवीर नेगी ने बताया कि भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर मनसूना में कल से शुरू होने वाले तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. मेले में स्थानीय व उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध कलाकारों के धार्मिक भजनों की धूम रहेगी.

रुद्रप्रयाग: तृतीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट बंद होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. भगवान मदमहेश्वर के कपाट बंद करने के लिए मंदिर समिति का पांच सदस्यीय दल मदमहेश्वर धाम पहुंच गया है. कल 22 नवंबर को शुभ लगनानुसार भगवान मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए विधि-विधान से बन्द कर दिए जाएंगे.

वहीं भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर ऊखीमठ व मनसूना में लगने वाले मेलों की तैयारियां जोरों पर हैं. मंदिर समिति ने भी ओंकारेश्वर मंदिर को भव्य रूप से सजाना शुरू कर दिया है. बीकेटीसी के कार्यधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि कल भगवान मदमहेश्वर के कपाट शुभ लगनानुसार शीतकाल के लिए वेद ऋचाओं के साथ बंद कर दिये जायेगें और कपाट बंद होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली कैलाश से रवाना होगी. विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी.
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उन्होंने बताया कि 23 नवंबर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार गांव से रवाना होगी और रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी. वहां से 24 नवंबर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी से रवाना होकर अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी. इसके बाद 25 नवंबर को गिरीया गांव से रवाना होकर शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी. 26 नवंबर को भगवान मदमहेश्वर की शीतकालीन पूजा ओकारेश्वर मन्दिर में विधिवत शुरू होगी.

ज्यादा जानकारी देते हुए जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा व मेला सचिव दलवीर नेगी ने बताया कि भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर मनसूना में कल से शुरू होने वाले तीन दिवसीय मदमहेश्वर मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. मेले में स्थानीय व उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध कलाकारों के धार्मिक भजनों की धूम रहेगी.

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