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केदारनाथ यात्रा के आधार शिविर गौरीकुंड में खुले मां गौरी मंदिर के कपाट, छह महीने होंगे दर्शन

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Published : Apr 14, 2023, 2:17 PM IST

Updated : Apr 14, 2023, 2:25 PM IST

आज मां गौरी मंदिर के कपाट विधि-विधान से खोल दिये गये हैं. इस मौके पर श्रद्धालुओं की खासी भीड़ देखने को मिली. साथ ही अब श्रद्धालु छह माह तक गौरीकुण्ड में मां गौरी के दर्शन कर सकेंगे.

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गौरीकुंड में खुले मां गौरी मंदिर के कपाट

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के आधार शिविर गौरीकुण्ड स्थित मां गौरी मंदिर के कपाट विधि-विधान से खोल दिये गये हैं. गौरी गांव से मां गौरी की डोली को गौरीकुंड लाया गया. यहां पर पूजा-अर्चना के बाद कपाट खोले गये. अब छह माह तक मां गौरी के दर्शन भक्त यहीं पर कर सकेंगे.

बता दें कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बैसाखी पर्व पर मां गौरी के कपाट विधि-विधान से खोल दिये गये हैं. ग्रीष्मकाल में मां गौरी की पूजा-अर्चना गौरीकुंड स्थित गौरी मंदिर में की जाती है, जबकि शीतकाल में गौरी गांव में की जाती है. गौरी माई मंदिर गौरीकुंड के मठापति सम्पूर्णानन्द गोस्वामी ने बताया कि बैसाखी पर्व पर गौरी गांव स्थित चंडिका मंदिर में प्रातःकाल पूजा-अर्चना कर माता की मूर्ति को कंडी में रखकर ढोल नगाड़ों के साथ सम्पूर्ण गांव की उपस्थिति में छह माह के लिए गौरीकुंड स्थित मां गौरी माई के मंदिर के लिए प्रस्थान कराया गया.
पढ़ें-Vaisakhi Festival 2023: बैशाखी पर्व पर गंगा घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, श्रद्धालु कर रहे दान-पुण्य

माता की इस यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण, मंदिर समिति के कर्मचारी एवं दूर-दराज से आए भक्त मौजूद रहे. गांव से प्रस्थान कर मां गौरी माई की डोली गौरीकुंड बाजार होते हुए मंदिर में लाई गई. जहां पर बड़ी संख्या में भक्त माता के स्वागत के लिए उपस्थित थे. प्रातः आठ बजे गौरी माई मंदिर में विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ माता की मूर्ति को मंदिर में रखा गया और माता के कपाट सभी भक्तों के दर्शनार्थ छह माह के लिए खोल दिए गए. आज से गौरी माई की पूजा प्रतिदिन गौरीकुंड स्थित गौरीमाई मन्दिर में होगी.

गौरीकुंड में खुले मां गौरी मंदिर के कपाट

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के आधार शिविर गौरीकुण्ड स्थित मां गौरी मंदिर के कपाट विधि-विधान से खोल दिये गये हैं. गौरी गांव से मां गौरी की डोली को गौरीकुंड लाया गया. यहां पर पूजा-अर्चना के बाद कपाट खोले गये. अब छह माह तक मां गौरी के दर्शन भक्त यहीं पर कर सकेंगे.

बता दें कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बैसाखी पर्व पर मां गौरी के कपाट विधि-विधान से खोल दिये गये हैं. ग्रीष्मकाल में मां गौरी की पूजा-अर्चना गौरीकुंड स्थित गौरी मंदिर में की जाती है, जबकि शीतकाल में गौरी गांव में की जाती है. गौरी माई मंदिर गौरीकुंड के मठापति सम्पूर्णानन्द गोस्वामी ने बताया कि बैसाखी पर्व पर गौरी गांव स्थित चंडिका मंदिर में प्रातःकाल पूजा-अर्चना कर माता की मूर्ति को कंडी में रखकर ढोल नगाड़ों के साथ सम्पूर्ण गांव की उपस्थिति में छह माह के लिए गौरीकुंड स्थित मां गौरी माई के मंदिर के लिए प्रस्थान कराया गया.
पढ़ें-Vaisakhi Festival 2023: बैशाखी पर्व पर गंगा घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब, श्रद्धालु कर रहे दान-पुण्य

माता की इस यात्रा में बड़ी संख्या में ग्रामीण, मंदिर समिति के कर्मचारी एवं दूर-दराज से आए भक्त मौजूद रहे. गांव से प्रस्थान कर मां गौरी माई की डोली गौरीकुंड बाजार होते हुए मंदिर में लाई गई. जहां पर बड़ी संख्या में भक्त माता के स्वागत के लिए उपस्थित थे. प्रातः आठ बजे गौरी माई मंदिर में विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ माता की मूर्ति को मंदिर में रखा गया और माता के कपाट सभी भक्तों के दर्शनार्थ छह माह के लिए खोल दिए गए. आज से गौरी माई की पूजा प्रतिदिन गौरीकुंड स्थित गौरीमाई मन्दिर में होगी.

Last Updated : Apr 14, 2023, 2:25 PM IST
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