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सोमवार को तुंगनाथ धाम के लिए रवाना होगी डोली, 20 मई को खुलेंगे कपाट

भगवान तुंगनाथ की डोली सोमवार को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ से तुंगनाथ धाम के लिए रवाना होगी.

Tungnath Dham
सोमवार को तुंगनाथ धाम के लिए रवाना होगी डोली.
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Published : May 17, 2020, 6:32 PM IST

Updated : Jun 16, 2020, 5:58 PM IST

रुद्रप्रयाग: तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की डोली सोमवार को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ से तुंगनाथ धाम के लिए रवाना होगी. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली में पुजारी, देवस्थानम बोर्ड से सदस्य सहित करीब 15 लोगों के शामिल होने की अनुमति शासन की तरफ से मिल सकती है.

शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ का महाभिषेक और विशेष आरती की जाएगी. सोमवार सुबह 10 बजे भगवान तुंगनाथ की चल-विग्रह उत्सव डोली मक्कूमठ से हिमालय के लिए रवाना होगी और प्रथम रात्रि प्रवास के लिए भूतनाथ मंदिर पहुंचेगी.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: न काष्ठ रहा न कलाकार, अंतिम सांसें गिन रहा पुश्तैनी विरासत

भगवान तुंगनाथ की डोली भूतनाथ मंदिर से चलकर पाबजगपुणा, चिलियाखौड़, बनियाकुण्ड, चोपता होते हुए बुधवार को तुंगनाथ धाम पहुंचेगी. जहां शुभ मुहुर्त में 11.30 बजे भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे. तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव की भुजाओं की पूजा होती है.

पुणखी मेले की परंपरा

भगवान तुंगनाथ की डोली भूतनाथ मंदिर पहुंचने पर पुणखी मेले का आयोजन किया जाता है. मेले में ग्रामीण लकड़ी के चूल्हे पर पकवान बनाकर भगवान तुंगनाथ को भोग लगाते हैं और विश्व कल्याण की कामना की जाती है.

रुद्रप्रयाग: तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की डोली सोमवार को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ से तुंगनाथ धाम के लिए रवाना होगी. भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली में पुजारी, देवस्थानम बोर्ड से सदस्य सहित करीब 15 लोगों के शामिल होने की अनुमति शासन की तरफ से मिल सकती है.

शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ का महाभिषेक और विशेष आरती की जाएगी. सोमवार सुबह 10 बजे भगवान तुंगनाथ की चल-विग्रह उत्सव डोली मक्कूमठ से हिमालय के लिए रवाना होगी और प्रथम रात्रि प्रवास के लिए भूतनाथ मंदिर पहुंचेगी.

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भगवान तुंगनाथ की डोली भूतनाथ मंदिर से चलकर पाबजगपुणा, चिलियाखौड़, बनियाकुण्ड, चोपता होते हुए बुधवार को तुंगनाथ धाम पहुंचेगी. जहां शुभ मुहुर्त में 11.30 बजे भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे. तुंगनाथ मंदिर में भगवान शिव की भुजाओं की पूजा होती है.

पुणखी मेले की परंपरा

भगवान तुंगनाथ की डोली भूतनाथ मंदिर पहुंचने पर पुणखी मेले का आयोजन किया जाता है. मेले में ग्रामीण लकड़ी के चूल्हे पर पकवान बनाकर भगवान तुंगनाथ को भोग लगाते हैं और विश्व कल्याण की कामना की जाती है.

Last Updated : Jun 16, 2020, 5:58 PM IST
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